BPSC TRE 2.0 EXAM 2023 (08-December-2023) Class (9th - 10th)
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- एक बार उत्तर चुनने के बाद, आप इसे बदल नहीं सकते।
- टूर्नामेंट में आपके पास पूर्वनिर्धारित संख्या में प्रयास होंगे।
- उच्चतम स्कोर प्राप्त करने वाले प्रतिभागी विजेता होंगे।
- किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की स्थिति में आपको टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
नियम:
- टूर्नामेंट में कुल 2 प्रश्न होंगे।
- प्रत्येक सही उत्तर के लिए आपको 1 अंक मिलेगा।
- कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- टूर्नामेंट समाप्त होने के बाद, परिणामों की घोषणा की जाएगी।
- विजेताओं को पुरस्कार वितरण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
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‘ग्राम’ का उल्लेख सर्वप्रथम किस संगीत-ग्रंथ में किया गया है?
बृहद्देशी
नाट्यशास्त्र
संगीतरत्नाकर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
‘ग्राम’ (Grāma) शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम भरत मुनि कृत ‘नाट्यशास्त्र’ (Nātya Shāstra) में किया गया है।
मूर्छना संबंधित है
ग्राम के स्वरों से
थाट से
ताल से
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
मूर्छना (Murchhana) सात स्वरों का क्रमिक आरोह-अवरोह है, जो प्राचीन काल में ‘ग्राम’ के स्वरों से संबंधित थी।
संगीत में ‘वर्ण’ किसे कहते हैं?
तान की क्रिया
गान की क्रिया
नृत्य की क्रिया
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
‘वर्ण’ (Varna) का अर्थ है स्वरों को गाने या प्रयोग करने की क्रिया, जो चार प्रकार की होती है (स्थायी, आरोही, अवरोही, संचारी)।
अलंकार क्या है?
राग का चलन
स्वरों का क्रमिक समूह
सरगम गीत
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
अलंकार (Alankar) स्वरों का एक क्रमिक (नियमबद्ध) और नियमित समूह होता है।
गमक का प्रयोग होता है
नृत्य में
नाटक में
राग संगीत में
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
गमक (Gamaka) स्वरों के कंपन (Oscillation) को कहते हैं और इसका प्रयोग राग संगीत (शास्त्रीय गायन/वादन) में होता है।
लय के कुल कितने प्रकार हैं?
दो
तीन
चार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
लय (Laya) के तीन मुख्य प्रकार हैं: विलम्बित (Slow), मध्य (Medium), और द्रुत (Fast)।
दशविध राग-वर्गीकरण का उल्लेख किस ग्रंथ में किया गया है?
दत्तिलम्
राग दर्पण
संगीतरत्नाकर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
दशविध राग-वर्गीकरण (राग के 10 आवश्यक लक्षण) का उल्लेख शारंगदेव के ‘संगीतरत्नाकर’ (Sangeet Ratnakara) में किया गया है।
मेल राग-वर्गीकरण को किस संगीत पद्धति ने अपनाया?
पाश्चात्य संगीत
कर्नाटक संगीत
हिंदुस्तानी संगीत
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
मेल राग-वर्गीकरण (मेलकर्त्ता) को कर्नाटक संगीत पद्धति ने अपनाया, जिसके 72 मेल हैं। (हिंदुस्तानी संगीत में इसे थाट कहा जाता है)।
गमक संबंधित है
तीव्रता से
तारता से
कंपन से
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
गमक (Gamaka) का संबंध स्वर के कंपन (Vibration) से है।
रागों के समय सिद्धान्त के अनुसार, रे, ध कोमल एवं शुद्ध म वाले रागों का गायन समय है
प्रातः चार से सात बजे तक
सायं सात से दस बजे तक
रात्रि दस से प्रातः चार बजे तक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
कोमल रे, कोमल ध और शुद्ध म वाले राग (जैसे भैरव थाट के राग) प्रातःकालीन संधिप्रकाश राग होते हैं, जिनका समय प्रातः 4 से 7 बजे तक होता है।
रे, ग, ध शुद्ध स्वरों वाले रागों का समय है
प्रातः चार से सात बजे तक
सायं सात से दस बजे तक
रात्रि दस से प्रातः चार बजे तक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
रे, ग, ध शुद्ध स्वरों वाले राग (जैसे कल्याण, बिलावल थाट के राग) का समय दिन का दूसरा प्रहर (सायं 7 से 10 बजे तक) होता है।
कोमल ग-नि स्वरों वाले रागों का समय है
प्रातः चार से सात बजे तक
सायं सात से दस बजे तक
रात्रि दस से प्रातः चार बजे तक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
कोमल ग और कोमल नि स्वरों वाले राग (जैसे काफी थाट के राग) का समय रात्रि का अंतिम प्रहर (रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक) होता है।
संगीतरत्नाकर का रचना-काल है
14वीं शताब्दी
13वीं शताब्दी
12वीं शताब्दी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
‘संगीतरत्नाकर’ (Sangeet Ratnakara) का रचनाकाल 13वीं शताब्दी (c. 1210-1247 CE) है।
संगीतरत्नाकर ग्रंथ के रचयिता कौन हैं?
भरत मुनि
शारंगदेव
नारद मुनि
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
‘संगीतरत्नाकर’ के रचयिता शारंगदेव (Sharngadeva) हैं।
संगीतरत्नाकर में कितने अध्याय हैं?
नौ
आठ
सात
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘संगीतरत्नाकर’ में 7 अध्याय (प्रकरण) हैं, इसलिए इसे ‘सप्ताध्यायी’ भी कहते हैं।
संगीत पारिजात के रचयिता है
पंडित लोचन
पंडित श्रीनिवास
पंडित अहोबल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘संगीत पारिजात’ (Sangeet Pārijāta) के रचयिता पंडित अहोबल (Ahobal) हैं।
संगीत पारिजात का रचना-काल है
15वीं शताब्दी
17वीं शताब्दी
16वीं शताब्दी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
‘संगीत पारिजात’ की रचना पंडित अहोबल ने 17वीं शताब्दी (c. 1650 CE) में की थी।
थाट-राग वर्गीकरण के प्रतिपादक हैं
पंडित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे
आचार्य बृहस्पति
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
आधुनिक हिंदुस्तानी संगीत में 10 थाटों के आधार पर राग वर्गीकरण के प्रतिपादक पंडित विष्णु नारायण भातखंडे (V. N. Bhatkhande) हैं।
वर्ण के कितने प्रकार हैं?
चार
छह
आठ
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
वर्ण (Varna) के चार प्रकार हैं: स्थायी, आरोही, अवरोही, और संचारी।
राग भीमपलासी किस थाट का राग है?
काफी
खमाज
पूर्वी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
राग भीमपलासी (Bhimpalasi) काफी थाट (Kafi Thaat) का राग है।
राग भैरव के वादी-संवादी स्वर है
रे-ध
ध-ग
ध-रे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
राग भैरव (Bhairav) का वादी स्वर धैवत (ध) और संवादी स्वर ऋषभ (रे) है।
राग भीमपलासी के वादी-संवादी स्वर है
सा-म
म-सा
सा-प
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
राग भीमपलासी (Bhimpalasi) का वादी स्वर मध्यम (म) और संवादी स्वर षड्ज (सा) है।
राग केदार की जाति है
औडव-षाडव
औडव-औडव
औडव-संपूर्ण
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
राग केदार (Kedar) की जाति आरोह में 5 स्वर (औडव) और अवरोह में 6 स्वर (षाडव) है।
राग भैरव का मुख्य अंग है
ध नि रें सां
सारे, म रे, प म रे सा
ग म ध_ ध_ प, ग म रे_ सा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
ग म ध_ ध_ प, ग म रे_ सा (कोमल रे, ध) राग भैरव (Bhairav) का मुख्य अंग है।
राग केदार का मुख्य अंग है
सा रे ग रे, सा रे सा
सा म, ग प, म' प ध म', सा रे सा
सा म, रे प, म' प, ग म रे सा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
सा म, ग प, म' प ध म', सा रे सा (तीव्र म) राग केदार (Kedar) का मुख्य अंग है।
राग भीमपलासी का मुख्य अंग है
सारे म, मगरेसा
नि सा म, प ग, म रे सा
सा सारे गु, म म, प
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
नि सा म, प ग, म रे सा (कोमल ग, नि) राग भीमपलासी (Bhimpalasi) का मुख्य अंग है।
राग देस का मुख्य अंग है
सागमप, गमग सा
सारे, मगरे, ग नि सा
सागरे, मप, म रे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
राग देस (Des) का मुख्य अंग सारे, मगरे, ग नि सा है (निसा - कोमल निषाद से शुद्ध षड्ज तक)।
राग बिहाग का मुख्य अंग है
सारेग, रेगपमग
ति सा, ग मं प, मंग, मंगरे सा
निसा, गमप, ग म ग, रे सा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
निसा, गमप, ग म ग, रे सा (तीव्र म का कण) राग बिहाग (Bihag) का मुख्य अंग है।
ताल तिलवाड़ा में कितनी मात्राएँ हैं?
बारह
पंद्रह
सोलह
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
ताल तिलवाड़ा (Tilwada Taal) में 16 मात्राएँ होती हैं।
ताल झपताल में कितने विभाग हैं?
छह
पाँच
चार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
झपताल (Jhaptal - 10 मात्रा) में 4 विभाग होते हैं (2-3-2-3)।
ताल धमार के चार विभागों में मात्राओं का सही क्रम है
4-3-5-2
5-2-3-4
5-4-3-2
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
धमार ताल (Dhamar Taal - 14 मात्रा) के चार विभागों में मात्राओं का सही क्रम 5-2-3-4 है।
संगीत में अलंकार के लिए प्रयुक्त होने वाला पर्यायी शब्द है
टुकड़ा
मुखड़ा
पलटा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
अलंकार को 'पलटा' (Paltā) भी कहते हैं, जिसका अर्थ है अभ्यास के लिए प्रयोग किए जाने वाले क्रमिक स्वर समूह।
ताल रूपक में खाली किस मात्रा पर है?
चौथी
छठी
पहली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
रूपक ताल (Rupak Taal) में खाली (Khali) पहली मात्रा (सम) पर होती है।
ध्रुपद शैली का प्रसार किसके शासनकाल में हुआ?
अक़बर
शाहजहाँ
मान सिंह तोमर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
ध्रुपद (Dhrupad) शैली का विकास और प्रसार ग्वालियर के राजा मान सिंह तोमर (Man Singh Tomar) के शासनकाल (15वीं शताब्दी) में हुआ।
ध्रुपद की कितनी बानियाँ है?
चार
आठ
बारह
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
ध्रुपद (Dhrupad) की चार बानियाँ (Bānis) हैं: गौहर, खंडार, डागर और नौहार।
धमार गायन शैली का अन्य नाम है
ठुमरी
टप्पा
होरी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
धमार (Dhamar) गायन शैली को 'होरी' (Hori) भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें होली का वर्णन होता है।
ख़्याल के कितने प्रकार हैं?
चार
तीन
दो
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
ख़्याल (Khayal) के दो मुख्य प्रकार हैं: बड़ा ख़्याल (Vilambit Khayal) और छोटा ख़्याल (Drut Khayal)।
तराने में क्या प्रयुक्त नहीं होता?
बंदिश के बोल
तबले के बोल
नोम-तोम, दा-दिर के बोल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
तराने (Tarana) में बंदिश (गीत) के सामान्य बोल प्रयुक्त नहीं होते हैं। इसमें निरर्थक/तबले के बोलों का प्रयोग होता है।
तराने का आविष्कारक किसे माना जाता है?
तानसेन
अमीर खुसरो
सदारंग-अदारंग
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
तराने (Tarana) का आविष्कारक अमीर खुसरो (Amir Khusro) को माना जाता है।
पकड़ क्या है?
जोड़-झाला
आलंकारिक स्वरसमूह
राग दर्शक स्वरसमूह
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पकड़ (Pakad) वह संक्षिप्त स्वर समूह है जो राग के स्वरूप का दर्शक (पहचान) होता है।
ताल कहरवा में कितनी तालियाँ है?
एक
दो
तीन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
ताल कहरवा (Keharwa Taal - 8 मात्रा) में एक ताली (सम पर) और एक खाली (5वीं मात्रा पर) होती है।
एक सप्तक में कुल शुद्ध एवं विकृत स्वरों की संख्या है
सात
बारह
सोलह
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
एक सप्तक में कुल 12 स्वर (7 शुद्ध + 5 विकृत) होते हैं।
उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ ख़्याल के अलावा किस शैली में पारंगत थे?
नाट्य संगीत
ठुमरी
ध्रुपद
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ (Bade Ghulam Ali Khan) ख़्याल के अलावा ठुमरी (Thumri) गायन में भी विशेषज्ञ थे।
उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ ने किस फ़िल्म के लिए गायन किया है?
सुर-संगम
मुगल-ए-आज़म
बैजू बावरा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ ने फिल्म 'मुगल-ए-आज़म' (Mughal-e-Azam) के लिए गायन किया था।
राग बिहाग किस थाट का राग है?
काफी
पूर्वी
भैरव
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
राग बिहाग (Bihag) बिलावल थाट (Bilawal Thaat) का राग है। दिए गए विकल्पों में से कोई नहीं सही है।
राग बिहाग की प्रस्तुति का समय क्या है?
रात्रि का प्रथम प्रहर
प्रातःकाल का प्रथम प्रहर
दिन का प्रथम प्रहर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
राग बिहाग (Bihag) रात्रि के प्रथम प्रहर (सायं 7 से 10 बजे तक) में गाया जाता है। दिए गए विकल्पों में से कोई नहीं सही है।
राग देस की जाति है
औडव-षाडव
औडव-संपूर्ण
औडव-औडव
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
राग देस (Des) की जाति आरोह में 5 स्वर (औडव) और अवरोह में 7 स्वर (संपूर्ण) है।
राग देस का थाट कौन-सा है?
बिलावल
खमाज
काफी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
राग देस (Des) खमाज थाट (Khamaj Thaat) का राग है।
राग देस के वादी-संवादी स्वर हैं
सा-म
रे-प
ग-नि
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
राग देस (Des) का वादी स्वर ऋषभ (रे) और संवादी स्वर पंचम (प) है।
पं. पन्नालाल घोष के गुरु कौन थे?
पं. अक्षय कुमार घोष
पं. ज्ञानप्रकाश घोष
उ. अलाउद्दीन खाँ
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पं. पन्नालाल घोष (Pannalal Ghosh) के गुरु उस्ताद अलाउद्दीन खाँ (Allauddin Khan) थे।
उ. फ़ैयाज़ खाँ किस घराने के गायक थे?
किराना घराना
आगरा घराना
पटियाला घराना
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
उस्ताद फ़ैयाज़ खाँ (Faiyaz Khan) आगरा घराना (Agra Gharana) के गायक थे।
उ. अब्दुल करीम खाँ किस घराने से संबंधित है?
किराना घराना
ग्वालियर घराना
आगरा घराना
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
उस्ताद अब्दुल करीम खाँ (Abdul Karim Khan) किराना घराना (Kirana Gharana) के संस्थापक थे।
पं. कृष्णराव शंकर पंडित किस घराने के थे?
आगरा घराना
रामपुर घराना
ग्वालियर घराना
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पं. कृष्णराव शंकर पंडित (Krishna Rao Shankar Pandit) ग्वालियर घराना (Gwalior Gharana) के प्रसिद्ध गायक थे।
पं. कृष्णराव शंकर पंडित को कौन-सा पुरस्कार प्राप्त है?
पद्मभूषण
पद्मविभूषण
पद्मश्री
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
पं. कृष्णराव शंकर पंडित को पद्मभूषण (Padma Bhushan) पुरस्कार प्राप्त था।
तानपुरा वाद्य बनाने में निम्नलिखित में से किसका प्रयोग होता है?
मिट्टी
लोहा
तुंबा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
तानपुरा (Tanpura) का मुख्य अनुनादक भाग (Resonating Chamber) 'तुंबा' (Tumba - कद्दू) से बना होता है।
निम्नलिखित में से तानपुरा वाद्य से संबंधित भाग कौन-सा है?
खूँटी
गट्टा
मिज़राब
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
खूँटी (Tuning Pegs) और गट्टा (Beads) दोनों तानपुरा वाद्य से संबंधित भाग हैं, जबकि मिज़राब सितार/सरोद से संबंधित है। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
तबला किस श्रेणी का वाद्य है?
अवनद्ध वाद्य
घन वाद्य
तंत्री वाद्य
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
तबला (Tabla) चमड़े से मढ़ा हुआ वाद्य है, इसलिए यह अवनद्ध वाद्य (Avanaddha Vādya - Membranophone) की श्रेणी में आता है।
तबले के मुख्य कितने भाग हैं?
दो
चार
आठ
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
तबले के मुख्य दो भाग हैं: दायाँ तबला और बायाँ तबला (डग्गा)।
मुर्की का उदाहरण है
सा सा सारे
सारे निसा
मगमग
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
मुर्की (Murki) एक छोटा सा गमक/कण है। मगमग (Ma-Ga-Ma-Ga) उसका एक उदाहरण है, जिसमें एक स्वर के आसपास के स्वर तेजी से स्पर्श किए जाते हैं।
आलाप का क्या अर्थ है?
पेशकार
विलंबित गति के स्वरसमूह
द्रुत गति के स्वरसमूह
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
आलाप (Alaap) ताल रहित और आमतौर पर विलंबित गति के स्वरसमूह होते हैं।
संगीत में समय मापने की इकाई है
लय
ताल
गत
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
ताल (Tala) संगीत में समय (Time Cycle) मापने की इकाई है।
भातखंडे स्वरलिपि के अनुसार मुर्की का सही चिन्ह कौन-सा है?
"सा"
^मा^
(सा)
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पं. भातखंडे स्वरलिपि में मुर्की (Murki) कोष्ठक ( ) के रूप में दर्शायी जाती है, जैसे (सा)।
संगीत पारिजात किस काल का ग्रंथ है?
आदि काल
मध्य काल
आधुनिक काल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
‘संगीत पारिजात’ (Sangeet Pārijāta) 17वीं शताब्दी का ग्रंथ है, इसलिए यह मध्य काल से संबंधित है।
‘कण’ शब्द संबंधित है
स्वर से
मींड से
गमक से
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
‘कण’ (Kan) किसी स्वर को छूकर या स्पर्श कर तुरंत पिछले स्वर पर आने की क्रिया है, इसलिए इसका संबंध ‘स्वर’ से है।
आरोह-अवरोह का संबंध है
थाट से
राग से
बंदिश से
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
आरोह (Aroha) और अवरोह (Avaroha) दोनों राग (Raag) के आवश्यक अंग हैं।
संगीत में किन-किन विधाओं का समावेश है?
गीत, वाद्य, नृत्य
वाद्य, नृत्य, नाटक
गीत, कविता, नृत्य
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
भारतीय परिभाषा के अनुसार, "गीतं वाद्यं तथा नृत्यं त्रयं संगीतमुच्यते" अर्थात् गायन, वादन और नृत्य का समावेश संगीत में होता है।
सप्तक के प्रकार कितने हैं?
एक
दो
तीन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
सप्तक (Octave) के तीन मुख्य प्रकार हैं: मंद्र, मध्य और तार।
निम्नलिखित में से भैरवी थाट के स्वर कौन-से है?
सा रे_ ग म प ध_ नि
सा रे ग म' प ध नि
सा रे_ ग_ म प ध_ नि_
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
भैरवी थाट (Bhairavi Thaat) में ऋषभ (रे), गांधार (ग), धैवत (ध) और निषाद (नि) सभी कोमल होते हैं।
संत त्यागराज की रचनाएँ किस शैली में हैं?
हिंदुस्तानी संगीत शैली
कर्नाटक संगीत शैली
ओडिसी संगीत शैली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
संत त्यागराज (Tyagaraja) कर्नाटक संगीत शैली (Karnatak Sangeet) के 'त्रिमूर्ति' में से एक हैं।
ध्रुपद में किस ताल का प्रयोग किया जाता है?
रूपक
चौताल
दादरा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
ध्रुपद (Dhrupad) गायन में चौताल (Chautaal - 12 मात्रा) का प्रयोग किया जाता है।
ऐतिहासिक वर्णन वाले गीतों को बिहार में कहा जाता है
कुवार-विजय
मल्हार
सोहर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
कुँवार विजय या कुँवर विजय (Kunwar Vijay) बिहार का एक लोक-नाट्य/गीत है जिसमें ऐतिहासिक/वीर गाथाओं का वर्णन होता है।
ताल में निःशब्द क्रिया कौन-सी है?
सम
ताली
खाली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
खाली (Khali) ताल की वह क्रिया है जिसमें कोई शब्द (आवाज) उत्पन्न नहीं होता है (निःशब्द क्रिया)।
‘चतुर पंडित’ किसका उपनाम था?
नारद मुनि
पंडित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘चतुर पंडित’ (Chatur Pandit) पंडित विष्णु नारायण भातखंडे (V. N. Bhatkhande) का उपनाम था।
ध्रुपद-धमार की संगति में कौन-सा वाद्य बजाया जाता है?
पणव
पखावज
ढोलक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
ध्रुपद-धमार गायन की संगति में पखावज (Pakhawaj) वाद्य बजाया जाता है।
हिंदुस्तानी रागों को दस थाटों में किसने वर्गीकृत किया?
पंडित ओंकारनाथ ठाकुर
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे
तानसेन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे (V. N. Bhatkhande) ने हिंदुस्तानी रागों को 10 थाटों में वर्गीकृत किया।
क्रमिक पुस्तक मालिका के लेखक कौन हैं?
पंडित सुदर्शन शास्त्री
पंडित शारंगदेव
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘क्रमिक पुस्तक मालिका’ के लेखक पंडित विष्णु नारायण भातखंडे हैं।
क्रमिक पुस्तक मालिका कितने भागों में प्रकाशित है?
छह
पाँच
चार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
‘क्रमिक पुस्तक मालिका’ 6 भागों में प्रकाशित है।
षड्ज ग्राम में श्रुतियों का अंतराल कितना है?
4-3-4-2-4-3-2
4-3-2-4-4-3-2
4-2-3-4-4-3-2
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
षड्ज ग्राम (Shadja Grāma) में श्रुतियों का अंतराल 4-3-2-4-4-3-2 है (सा, रे, ग, म, प, ध, नि)।
संगीतरत्नाकर में कितने विकृत स्वरों का उल्लेख है?
नि
पाँच
बारह
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
संगीतरत्नाकर में 7 शुद्ध और 12 विकृत स्वरों (साधारण ग, अंतर ग, काकली नि आदि) का उल्लेख है।
निम्नलिखित में से कौन-सा ग्राम नहीं है?
मध्यम ग्राम
गांधार ग्राम
ऋषभ ग्राम
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
प्राचीन काल में तीन ग्राम माने जाते थे: षड्ज ग्राम, मध्यम ग्राम और गांधार ग्राम। ऋषभ ग्राम नहीं था।
\u0935\u093E\u0939! \u0906\u092A\u0928\u0947 \u0915\u092E\u093E\u0932 \u0915\u0930 \u0926\u093F\u092F\u093E!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u092C\u0922\u093C\u093F\u092F\u093E! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u092E\u0947\u0939\u0928\u0924 \u0906\u092A\u0915\u094B \u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0920 \u092C\u0928\u093E \u0938\u0915\u0924\u093E \u0939\u0948!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u0916\u093C\u0930\u093E\u092C \u092A\u0930\u092B\u0949\u0930\u092E\u0947\u0902\u0938! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u091F\u094D\u0930\u093E\u0908 \u0915\u0930\u094B!
\u0915\u094B\u0908 \u092C\u093E\u0924 \u0928\u0939\u0940\u0902! \u0926\u094B\u092C\u093E\u0930\u093E \u0915\u094B\u0936\u093F\u0936 \u0915\u0930\u094B \uD83D\uDE0A
\u0938\u093E\u092E\u093E\u0928\u094D\u092F \u091C\u094D\u091E\u093E\u0928 \u0914\u0930 \u0917\u0923\u093F\u0924 \u0915\u094D\u0935\u093F\u091C\u093C
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\u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930 \u0926\u0947\u0916\u0947\u0902
\u092A\u0941\u0928\u0903 \u0936\u0941\u0930\u0942 \u0915\u0930\u0947\u0902
\u0915\u094D\u0935\u093F\u091C\u093C \u092A\u0942\u0930\u094D\u0923!
\u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930
\u0938\u092B\u0932\u0924\u093E\u092A\u0942\u0930\u094D\u0935\u0915 \u092A\u0942\u0930\u094D\u0923 \u0915\u0930\u0928\u0947 \u0915\u0947 \u0932\u093F\u090F
\u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924 \u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930
\u0938\u094D\u0915\u094B\u0930
\u0915\u0941\u0932 \u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
\u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930
\u0932\u093F\u092F\u093E \u0917\u092F\u093E \u0938\u092E\u092F
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\u0938\u0939\u0940!
\u0917\u0932\u0924!
\u0906\u092A\u0915\u093E \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0928\u0939\u0940\u0902 \u0926\u093F\u092F\u093E \u0917\u092F\u093E
\u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
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\u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
/
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)
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\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
\u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOPPER)
✓ \u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924
\u0917\u094D\u0930\u0947\u0921\u093F\u0902\u0917 \u092E\u093E\u0928\u0926\u0902\u0921
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\u0938\u092B\u0932 (PASS)
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