BPSC TRE 3.0 EXAM 2024 (21-July-2024) Class (9th - 10th)
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- एक बार उत्तर चुनने के बाद, आप इसे बदल नहीं सकते।
- टूर्नामेंट में आपके पास पूर्वनिर्धारित संख्या में प्रयास होंगे।
- उच्चतम स्कोर प्राप्त करने वाले प्रतिभागी विजेता होंगे।
- किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की स्थिति में आपको टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
नियम:
- टूर्नामेंट में कुल 2 प्रश्न होंगे।
- प्रत्येक सही उत्तर के लिए आपको 1 अंक मिलेगा।
- कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- टूर्नामेंट समाप्त होने के बाद, परिणामों की घोषणा की जाएगी।
- विजेताओं को पुरस्कार वितरण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
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नाद शब्द में ‘न’ अक्षर से तात्पर्य है?
प्राण वायु
अग्नि शक्ति
ओमकार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
नाद (Naad) की उत्पत्ति के प्रसिद्ध श्लोक के अनुसार, ‘न’ का अर्थ है ‘नकारं प्राणमुच्यते’ (प्राण वायु), और ‘द’ का अर्थ है ‘दकारमनलं विदुः’ (अग्नि शक्ति)। अतः 'न' का अर्थ प्राण वायु है।
मध्यम स्वर की कितनी श्रुतियां हैं?
2
3
4
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
शुद्ध मध्यम (Ma) स्वर 4 श्रुतियों वाला होता है (तीव्र, कुमुदवती, मंदा, छंदोवती)।
निम्न में से किस ग्रन्थकार ने विकृत स्वरों की संख्या पाँच बताई है?
शारंगदेव
अहोबल
व्यंकटमखी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
दक्षिण भारत के पंडित व्यंकटमुखी ने 17वीं शताब्दी में चतुर्दण्डिप्रकाशिखा नामक एक ग्रन्थ लिखा जिसमें उन्होंने अपने स्वरों का वर्णन किया है। उन्होंने 7 शुद्ध और 5 विकृत स्वर माने है। शारंग देव: शारंगदेव ने अपने ग्रंथ "संगीत रत्नाकर" में विकृत स्वरों की संख्या बारह बताई है। अहोबल: अहोबल ने अपने ग्रंथ "संगीत पारिजात" में विकृत स्वरों की संख्या बाईस बताई है। व्यंकट मखी: वेंकट मखी ने अपने ग्रंथ "चतुर्दंडी प्रकाशिका" में स्वर की व्याख्या की है, लेकिन उन्होंने विकृत स्वरों की संख्या पाँच मानी है।
मन्द्र सप्तक के स्वरों का उत्पत्ति स्थान है?
कण्ठ स्थान
हृदय स्थान
उदर स्थान
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
मन्द्र सप्तक (Mandra Saptak - निचला सप्तक) के स्वरों का उत्पत्ति स्थान हृदय स्थान (Chest/Heart Region) माना जाता है।
भरतमुनि ने सारणा चतुष्टयी में वीणाओं में कितने तार बाँधे थे?
7-7 तार
12-12 तार
22-22 तार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
भरतमुनि ने सारणा चतुष्टयी (Śāraṇā Catustayī) के प्रयोग में दो वीणाओं पर 7-7 तार बाँधे थे।
अति स्वर किसे कहते हैं?
सहायक नाद
उपस्वर
स्वयम्भू स्वर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
‘अति स्वर’ या ‘उपस्वर’ (Upasvara) वह स्वर है जो श्रुति और स्वर के बीच की सूक्ष्म ध्वनि होती है।
आधुनिक श्रुति-स्वर व्यवस्था की स्थापना किस संगीतज्ञ ने की है?
आचार्य बृहस्पति
पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर
पं. विष्णु नारायण भातखण्डे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
आधुनिक श्रुति-स्वर व्यवस्था (12 स्वर 22 श्रुति) की स्थापना पं. विष्णु नारायण भातखण्डे (V. N. Bhatkhande) ने की है।
इष्ट और अनिष्ट किसके भेद हैं?
हार्मनी
मेलोडी
स्वर-संवाद
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
इष्ट (इच्छा के अनुरूप) और अनिष्ट (इच्छा के विरुद्ध) स्वर संवाद के दो भेद हैं।
षड्ज और पंचम स्वर के बीच श्रुत्यंतर हैं?
नौ श्रुति
ग्यारह श्रुति
तेरह श्रुति
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
षड्ज (सा) और पंचम (प) के बीच 13 श्रुत्यंतर (S-P = 13 श्रुति) होता है, क्योंकि 'सा' 1 पर है और 'प' 17 पर है (17 - 4 = 13)।
स्वर ‘म’ और ‘ग’ का अनुपात होगा?
9/8
16/15
10/9
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
शुद्ध गांधार (ग) और शुद्ध मध्यम (म) के बीच का अनुपात 16/15 (माइनर सेमीटोन) होता है।
निम्न में से कोमल रे, ग, ध, नि स्वरों से प्रयुक्त थाट है?
आसावरी
भैरवी
तोड़ी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
कोमल रे, ग, ध, नि स्वरों का प्रयोग केवल भैरवी थाट (Bhairavi Thaat) में होता है।
राग-रागिणी वर्गीकरण के किस मत में 6 राग 36 रागिनियां मानी जाती हैं?
शिव मत
कल्लिनाथ मत
सोमेश्वर मत
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
हनुमत, कल्लिनाथ और सोमेश्वर सहित अधिकांश प्रमुख मतों में 6 राग और 36 रागिनियाँ (प्रत्येक राग की 6 रागिनियाँ) मानी जाती हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
कृष्ण मत में कितनी राग-रागिनियां मानी गई हैं?
5 राग 36 रागिनियां
6 राग 30 रागिनियां
6 राग 36 रागिनियां
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
कृष्ण मत में भी 6 राग और 36 रागिनियां मानी गई हैं।
रागांग से क्या आशय है?
मुख्य राग की स्वर संगतियां
समकक्ष रागों की छाया
रागों के भेद
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
रागांग (Rāgānga) का अर्थ है किसी राग का वह मुख्य अंग (स्वर संगति) जो उसकी पहचान कराता है।
‘जन्य-जनक थाट-राग’ निम्न में से किस वर्गीकरण को कहा जाता है?
राग-रागिनी वर्गीकरण
रागांग वर्गीकरण
मेल-राग वर्गीकरण
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
मेल-राग वर्गीकरण (Mel-Raag Vargikaran) में मेल (थाट) जनक और राग जन्य होते हैं, इसलिए इसे जन्य-जनक थाट-राग वर्गीकरण कहते हैं।
‘ग्राम-राग’ शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम किस ग्रन्थ में मिलता है?
नाट्यशास्त्र
बृहद्देशी
संगीत रत्नाकर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
‘ग्राम-राग’ (Grāma Rāga) शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख मतंग मुनि कृत ‘बृहद्देशी’ (Brihaddeshi) में मिलता है।
निबद्ध गान के अन्तर्गत निम्न में से क्या आता है?
प्रबन्ध
वस्तु
रूपक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
निबद्ध गान (Nibaddha Gaan) ताल और बंदिश से बंधा हुआ होता है, और इसके अन्तर्गत प्रबंध, वस्तु तथा रूपक तीनों आते हैं।
अनिबद्ध गान के किस आलाप प्रकार में आविर्भाव-तिरोभाव दिखाया जाता है?
रागालाप
आलप्ति गान
रूपकालाप
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
आलप्ति गान (Alapti Gaan) के दौरान राग के नियमों का पालन करते हुए आविर्भाव (मुख्य राग को दिखाना) और तिरोभाव (दूसरे राग की छाया दिखाना) किया जाता है।
प्रबन्ध के कितने अंग हैं?
दो
चार
छह
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
प्रबंध (Prabandh) के छह अंग (धातु) होते हैं: उद्ग्राह, मेलापक, ध्रुव, अंतरा, आभोग और अन्य।
संगीत रत्नाकर के अनुसार ‘उत्तम’, ‘मध्यम’ एवं ‘अधम’ किससे सम्बन्धित है?
गायक
कलावन्त
वाग्गेयकार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
शारंगदेव ने ‘संगीत रत्नाकर’ में वाग्गेयकार (Vaggeyakara - गीत और संगीत की रचना करने वाला) के उत्तम, मध्यम और अधम भेद बताए हैं।
‘रागालाप’ किसके अन्तर्गत आता है?
निबद्ध गान
अनिबद्ध गान
प्रबन्ध गान
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
रागालाप (Rāgālāpa) ताल रहित विस्तार है, इसलिए यह अनिबद्ध गान (Anibaddha Gaan) के अन्तर्गत आता है।
ग्वालियर घराना के कलाकार हैं?
उस्ताद निसार हुसैन खाँ
पं. कृष्णराव शंकर
पं. राजा भैया पूँछवाले
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
पं. कृष्णराव शंकर पंडित और पं. राजा भैया पूँछवाले (Poonchwale) दोनों ग्वालियर घराना के प्रसिद्ध कलाकार हैं।
‘ख्याल’ शब्द किस भाषा से निकला है?
उर्दू
अरबी
फ़ारसी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘ख्याल’ (Khayal) शब्द फ़ारसी भाषा का है, जिसका अर्थ है कल्पना या विचार।
ध्रुपद शैली के गायक थे?
स्वामी हरिदास
मियां तानसेन
बैजू
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
स्वामी हरिदास, मियां तानसेन और बैजू तीनों ही ध्रुपद शैली के प्रसिद्ध गायक थे।
पूरब अंग की ठुमरी है?
पंजाब और जयपुर की ठुमरी
लखनऊ और बनारस की ठुमरी
सिन्ध और पंजाब की ठुमरी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पूरब अंग की ठुमरी (Purab Ang Thumri) का संबंध मुख्य रूप से लखनऊ और बनारस (वाराणसी) से है।
निम्न में से गायन की शैली नहीं है?
गत
टप्पा
परन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
टप्पा (Tappa) गायन की शैली है, जबकि गत (Gat) वादन की शैली है और परन (Paran) तबला/पखावज वादन का एक प्रकार है।
वैदिक कालीन संगीत में किन गेय प्रकारों का प्रचलन था?
साम गान
गाथा गान
गांधर्व तथा लौकिक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
वैदिक कालीन संगीत में साम गान (धार्मिक) और गाथा गान (लौकिक) दोनों ही गेय प्रकारों का प्रचलन था। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
निम्न में से वैदिक स्वर है?
क्रुष्ट
प्रथम
द्वितीय
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
वैदिक कालीन सात स्वर (क्रुष्ट, प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, मंद्र, अतिस्वार्य) हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
वैदिक कालीन वीणाओं में प्रमुख हैं?
बाण वीणा
पिच्छोला
कपिशीर्षणी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
वैदिक कालीन वीणाओं में बाण वीणा और कपिशीर्षणी (Kapiśīrṣṇī) दोनों प्रमुख थीं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
वैदिक कालीन ‘तूण’ नामक वाद्य किस वाद्य श्रेणी में आता है?
तत्
घन
सुषिर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
वैदिक कालीन ‘तूण’ (Tūṇa) एक प्रकार का सुषिर वाद्य (Sushir Vādya - Aerophone) था।
कर्नाटक संगीत का ‘प्रतिमध्यम’ स्वर हिंदुस्तानी संगीत का कौन-सा स्वर है?
शुद्ध मध्यम
तीव्र मध्यम
कोमल मध्यम
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
कर्नाटक संगीत का ‘प्रतिमध्यम’ (Pratimadhyamam) हिंदुस्तानी संगीत के तीव्र मध्यम (Tivra Madhyam - M') के समान होता है।
कर्नाटकीय ‘अठ ताल’ जैसी हिंदुस्तानी ताल कौन-सी है?
चौताल
आड़ा चौताल
कहरवा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
कर्नाटक संगीत का ‘अठ ताल’ (Ata Tāla) 14 मात्राओं का होता है, जो हिंदुस्तानी संगीत के चौताल (Chautaal - 12 मात्रा) से अधिक मेल खाता है। (दिए गए उत्तर के अनुसार चौताल)।
कर्नाटक संगीत में स्वर का सबसे नीचा रूप ‘शुद्ध’ होता है — यह कथन?
सत्य
असत्य
अस्थाई
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
कर्नाटक संगीत में, स्वर का सबसे नीचा रूप (पहला प्रकार) 'शुद्ध' (Suddha) कहलाता है, जबकि हिंदुस्तानी संगीत में यह 'कोमल' होता है। यह कथन सत्य है।
हिंदुस्तानी कोमल ‘नि’ स्वर को कर्नाटक संगीत में क्या कहते हैं?
काकली ‘नि’
कैशिकी ‘नि’
शुद्ध ‘नि’
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
हिंदुस्तानी कोमल निषाद (Komal Ni) कर्नाटक संगीत के कैशिकी निषाद (Kaisiki Nishadam) के समान है।
प्राचीन ‘अष्टोत्तर तालम् पद्धति’ किस संगीत पद्धति के अंतर्गत आती है?
वैदिक संगीत
रविन्द्र संगीत
कर्नाटक संगीत
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘अष्टोत्तर तालम् पद्धति’ (Ashtottara Talam Paddhati) कर्नाटक संगीत पद्धति के अंतर्गत आती है।
राग में वादी-समवादी (सा-म तथा सा-प) स्वरों के बीच कितनी श्रुतियों का अंतर होता है?
सात और नौ
आठ और ग्यारह
नौ और तेरह
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
सा-म के बीच 9 श्रुति (4+3+2) और सा-प के बीच 13 श्रुति (4+3+2+4) का अंतर होता है।
‘परमेल प्रवेशक’ राग का उदाहरण है?
राग जोग
राग भटियार
राग जैजैवन्ती
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘परमेल प्रवेशक’ (Paramel Praveshak) राग एक थाट से दूसरे थाट में प्रवेश करने वाला होता है। राग जैजैवन्ती (Jaijaivanti) इसका एक उदाहरण है।
‘संधि प्रकाश’ राग का उदाहरण है?
मियां की तोड़ी
श्याम कल्याण
मधुवन्ती
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
संधि प्रकाश (Sandhi Prakash) राग वे हैं जो दिन और रात की संधि बेला (सुबह 4-7 और शाम 4-7) में गाए जाते हैं। दिए गए विकल्पों में कोई भी राग इस श्रेणी में नहीं आता है।
दिये गये स्वरों में ‘मींड’ का चिन्ह है?
(गम)
गम
ग—म
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
मींड (Mīṇḍ - एक स्वर से दूसरे स्वर तक लगातार जाना) को भातखण्डे स्वरलिपि में एक रेखा (ग—म) से दर्शाया जाता है।
पं. शारंगदेव ने गमक के कितने भेद बताए हैं?
10
15
20
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पं. शारंगदेव ने ‘संगीत रत्नाकर’ में 15 प्रकार के गमक (Gamaka) बताए हैं।
निम्न में से ‘आश्रय राग’ है?
भैरव
तोड़ी
काफी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
आश्रय राग (Ashraya Raag) वे होते हैं जिनका नाम थाट के नाम पर रखा जाता है। भैरव, तोड़ी और काफी तीनों ही आश्रय राग हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
गज से बजाये जाने वाले वाद्य हैं?
इसराज
सारंगी
वायलिन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
इसराज, सारंगी और वायलिन तीनों ही गज (Bow) से बजाए जाने वाले तत् वाद्य (वितत वाद्य) हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
‘जल तरंग’ किस वाद्य श्रेणी में आता है?
तत्
अवनद्ध
घन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘जल तरंग’ (Jal Tarang) धातु या चीनी मिट्टी के प्यालों को टकरा कर बजाया जाता है, इसलिए यह घन वाद्य (Ghan Vādya - Idiophone) श्रेणी में आता है।
वृन्द वादन है?
एकल वादन शैली
युगल वादन शैली
सामूहिक वादन शैली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
वृन्द वादन (Vrind Vādan) का अर्थ है सामूहिक वादन (Orchestra)।
‘जवा’ से बजाया जाने वाला वाद्य है?
वीणा
सितार
सरोद
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘जवा’ (Javā - Plectrum) से सरोद (Sarod) बजाया जाता है (हालांकि सितार भी मिज़राब/जवा से बजाया जाता है)।
निम्न में ‘तुम्बा’ और ‘डाँड’ से बने हुए वाद्य हैं?
तानपुरा
सितार
सुरबहार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
तानपुरा, सितार और सुरबहार तीनों ही वाद्य तुम्बा (Resonator) और डाँड (Neck) से बने होते हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
स्वरों का क्रमिक गायन अथवा वादन वाला मधुर संगीत कहलाता है?
मेलोडी संगीत
कम्पाउण्ड हार्मनी
सिम्पल हार्मनी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
स्वरों के क्रमिक गायन या वादन से बनने वाला मधुर संगीत 'मेलोडी संगीत' (Melody Music) या धुन कहलाता है।
पाश्चात्य संगीत में # चिन्ह इंगित करता है?
शुद्ध स्वर
कोमल स्वर
तीव्र स्वर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पाश्चात्य संगीत में # (Hash/Sharp) चिन्ह तीव्र स्वर (एक सेमीटोन ऊपर) को इंगित करता है।
बारह स्वरों की बराबर दूरी वाला स्केल है?
नेचुरल स्केल
डायटोनिक स्केल
टेम्पर्ड स्केल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
बारह स्वरों की बराबर दूरी वाला स्केल 'इक्वली टेम्पर्ड स्केल' (Equally Tempered Scale) या 'टेम्पर्ड स्केल' (Tempered Scale) कहलाता है।
वर्तमान में कौन-सी पाश्चात्य स्वरलिपि पद्धति का प्रचलन है?
सोल्फा और न्यूमस स्वरलिपि
स्टाफ स्वरलिपि
चीव्हस स्वरलिपि
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
वर्तमान में पाश्चात्य संगीत में स्टाफ स्वरलिपि (Staff Notation) पद्धति का प्रचलन है।
हार्मनी के मुख्य प्रकार कितने हैं?
दो
तीन
चार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
हार्मनी (Harmony) के मुख्य दो प्रकार हैं: कन्सोनेंस (Consonance - मधुर) और डिसकन्सोनेंस (Dissonance - बेसुरा)।
पं. ओंकारनाथ ठाकुर के गुरु कौन थे?
पं. डी.वी. पलुस्कर
पं. वी.डी. पलुस्कर
पं. बी.एन. भातखण्डे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पं. ओंकारनाथ ठाकुर (Omkarnath Thakur) के गुरु पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर (V. D. Paluskar) थे।
गांधर्व महाविद्यालय की स्थापना किसने की?
पं. ओंकारनाथ ठाकुर
पं. विष्णु नारायण भातखण्डे
पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
गांधर्व महाविद्यालय (Gandharva Mahavidyalaya) की स्थापना पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर ने 1901 में लाहौर में की थी।
पं. विष्णु नारायण भातखण्डे द्वारा लिखित पुस्तक है?
अभिनव राग मंजरी
लक्ष्य संगीत
स्वर मालिका
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
पं. भातखण्डे ने 'अभिनव राग मंजरी' और ‘लक्ष्य संगीत’ दोनों पुस्तकें लिखी हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
पं. रामचतुर मलिक किस विधा के कलाकार थे?
गायक
तंत्रकार
नर्तक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
पं. रामचतुर मलिक (Ram Chatur Mallik) ध्रुपद गायक थे।
बाबा अलाउद्दीन खाँ की परम्परा के कलाकार हैं?
पं. पन्नालाल घोष
पं. निखिल बनर्जी
श्रीमती शिशिर कणाधर चौधरी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
पं. पन्नालाल घोष और पं. निखिल बनर्जी दोनों ही उस्ताद अलाउद्दीन खाँ (Baba Allauddin Khan) की मैहर परम्परा के शिष्य थे। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर द्वारा रचित पुस्तक है?
राग प्रवेश
नारदीय शिक्षा सटीक
भारतीय संगीत लेखन पद्धति
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर ने कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें ‘राग प्रवेश’ और ‘नारदीय शिक्षा सटीक’ दोनों शामिल हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
नाट्यशास्त्र में कुल कितने अध्याय हैं?
36
35
34
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
भरत मुनि कृत ‘नाट्यशास्त्र’ (Nātya Shāstra) में कुल 36 अध्याय हैं।
वृहद्देशी ग्रन्थ की रचना किसने की?
नारद
मतंग
भरत
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
‘वृहद्देशी’ (Brihaddeshi) ग्रंथ की रचना मतंग मुनि (Matanga Muni) ने की।
सप्ताध्यायी ग्रन्थ किसे कहते हैं?
वृहद्देशी
राग तरंगिणी
संगीत रत्नाकर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘संगीतरत्नाकर’ (Sangeet Ratnakara) में 7 अध्याय हैं, इसलिए इसे ‘सप्ताध्यायी’ (Saptādhyāyī) कहते हैं।
‘राग तरंगिणी’ ग्रन्थ का रचनाकाल है?
14वीं शताब्दी
15वीं शताब्दी
16वीं शताब्दी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पं. लोचन कृत ‘राग तरंगिणी’ (Rāga Tarangiṇī) का रचनाकाल 15वीं शताब्दी (c. 15वीं सदी का अंत) माना जाता है।
निम्न में से किस ग्रन्थकार को ‘निशंक’ के नाम से भी जाना जाता है?
पं. लोचन
पं. शारंगदेव
पं. श्रीनिवास
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पं. शारंगदेव (Sharngadeva) को उनके आश्रयदाता राजा सिंघन ने ‘निशंक’ (Nishanka) की उपाधि से सम्मानित किया था।
वर्तमान में ‘नाट्यशास्त्र’ ग्रन्थ के कितने संस्करण उपलब्ध हैं?
3 संस्करण
4 संस्करण
5 संस्करण
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
नाट्यशास्त्र के मुख्य रूप से 4 संस्करणों का उल्लेख मिलता है।
तार सप्तक में राग दरबारी कानड़ा को गाने-बजाने से किस राग की छाया दिखने लगती है?
जौनपुरी
आसावरी
अड़ाना
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
राग दरबारी कानड़ा (Darbari Kanada) को तार सप्तक (Tar Saptak) में गाने से राग अड़ाना (Adana) की छाया दिखाई देने लगती है।
निम्न में से ‘मध्यम वादी’ राग कौन-सा है?
राग बहार
राग गौड़ सारंग
राग हमीर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
राग बहार (Bahar) का वादी स्वर मध्यम (म) है। (गौड़ सारंग का रे, हमीर का ध)।
राग शुद्ध कल्याण में किन रागों का मिश्रण है?
राग भूपाली व यमन
राग देशकार व श्याम कल्याण
राग बिलावल व यमन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
राग शुद्ध कल्याण (Shuddh Kalyan) राग भूपाली (Bhupali) और यमन (Yaman) का मिश्रण माना जाता है।
राग ‘श्री’ एक राग प्रकार है?
परमेल प्रवेशक राग
सन्धि प्रकाश राग
आश्रय राग
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
राग श्री (Shree) एक सन्धि प्रकाश राग (Sandhi Prakash Raag) है, जो सायंकाल की संधि बेला में गाया जाता है।
राग ‘शंकरा’ के शास्त्रीय परिचय के बिन्दु हैं?
थाट: बिलावल
उत्तरांग प्रधान राग
जातिः औडव-षाडव
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
राग शंकरा (Shankara) बिलावल थाट का उत्तरांग प्रधान राग है, जिसकी जाति औडव-औडव (5 स्वर) है। (दिए गए उत्तर के अनुसार 'उपर्युक्त में से एक से अधिक')।
ताल ‘एकताल’ के शास्त्रीय परिचय के निम्न बिन्दु हैं?
12 मात्रिक ताल
1, 3 व 7 मात्रा पर ताली
9 तथा 11वीं मात्रा पर खाली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
ताल एकताल (Ektaal) 12 मात्रा का ताल है, जिसमें 1, 5, 9, 11 पर ताली और 3, 7 पर खाली होती है।
ताल ‘त्रिताल’ में ‘धा’ वर्ण का प्रयोग कितनी बार हुआ है?
4 बार
6 बार
8 बार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
ताल त्रिताल (Tintal) का ठेका धा धिं धिं धा, धा धिं धिं धा, ना तिन तिन धा, धा धिं धिं धा होता है। इसमें ‘धा’ वर्ण का प्रयोग 6 बार हुआ है।
निम्न में 1 खाली और 3 ताली से युक्त ताल है?
झपताल
तीन ताल
रूपक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
झपताल (Jhaptal) (10 मात्रा, 2-3-2-3) में 3 ताली (1, 3, 7) और 1 खाली (6) होती है। त्रिताल (Tintal) (16 मात्रा) में 3 ताली (1, 5, 13) और 1 खाली (9) होती है। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
कुआड़ लय कहते हैं?
5/4
4/5
3/4
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
कुआड़ लय (Kuaad Laya) को 5/4 (1.25) गुना लयकारी कहा जाता है।
1½ की लयकारी कही जाती है?
सवा गुन
पौन गुन
डेढ़ गुन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
1½ गुना (3/2) की लयकारी को डेढ़ गुन (Dedh Gun) या आड़ (Aad) कहते हैं।
पाश्चात्य स्टाफ नोटेशन में ग्यारह रेखाओं के समूह को कहा जाता है?
जी क्लैफ
क्लेफ सिग्नेचर
ग्रेट स्टेव
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
ग्यारह रेखाओं के समूह को ‘ग्रेट स्टेव’ (Great Staff) या 'Grand Staff' कहा जाता है, जिसमें ट्रेबल और बेस क्लेफ शामिल होते हैं।
पाश्चात्य संगीत में ‘ ’ का चिन्ह संकेत करता है?
होल टोन
हाफ नोट
क्वार्टर नोट
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पाश्चात्य संगीत में यह चिन्ह (एक भरा हुआ गोला और डंडा) क्वार्टर नोट (Quarter Note) को संकेत करता है।
राग छायानट एवं कामोद में भिन्नता है?
वादी-सम्वादी
दोनों मध्यमों का प्रयोग
विवादी के रूप में कोमल ‘नि’ का प्रयोग
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
राग छायानट (Chhayanat) और कामोद (Kamod) में वादी-संवादी स्वरों में मुख्य भिन्नता है। (छायानट - ग, सा; कामोद - प, रे)।
‘नयकवा’ गीत कौन से सम्प्रदाय के लोग गाते हैं?
नाई
तेली
धोबी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
नयकवा (Naykwa) गीत तेली (Teli) समुदाय के लोगों द्वारा विवाह आदि के अवसरों पर गाया जाता है।
‘झलकुरिया’ गीत प्रकार है?
कजरी
चैती
फाग
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
झलकुरिया (Jhalkuriya) चैती (Chaiti) लोकगीत का एक प्रकार है।
निम्न में से असत्य कथन है?
राग मियां मल्हार, सारंग अंग का राग है
राग बहार कान्हड़ा अंग का राग है
राग मियां मल्हार राग बहार का समस्वरीय राग है
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
राग मियां मल्हार (Miyan Malhar) शुद्ध मल्हार अंग का राग है, न कि सारंग अंग का। इसलिए यह कथन असत्य है।
पाश्चात्य स्टाफ नोटेशन में तीन मात्रा में 2 स्वरों का प्रयोग कहलाता है?
ट्रिप्लेट
डुप्लेट
क्विन्टुप्लेट
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पाश्चात्य संगीत में तीन मात्रा के समय में 2 स्वरों का प्रयोग डुप्लेट (Duplet) कहलाता है। (दो मात्राओं के समय में तीन स्वरों का प्रयोग ट्रिप्लेट कहलाता है)।
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\u0938\u093E\u092E\u093E\u0928\u094D\u092F \u091C\u094D\u091E\u093E\u0928 \u0914\u0930 \u0917\u0923\u093F\u0924 \u0915\u094D\u0935\u093F\u091C\u093C
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\u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930
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\u0917\u0932\u0924!
\u0906\u092A\u0915\u093E \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
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\u0938\u094D\u092A\u0937\u094D\u091F\u0940\u0915\u0930\u0923:
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\u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
/
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)
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\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
\u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOPPER)
✓ \u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924
\u0917\u094D\u0930\u0947\u0921\u093F\u0902\u0917 \u092E\u093E\u0928\u0926\u0902\u0921
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\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
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