STET, BPSC, NET संगीत प्रश्न संग्रह अभ्यास सेट 10
(कुल 80 प्रश्न)
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नियम:
- टूर्नामेंट में कुल 2 प्रश्न होंगे।
- प्रत्येक सही उत्तर के लिए आपको 1 अंक मिलेगा।
- कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- टूर्नामेंट समाप्त होने के बाद, परिणामों की घोषणा की जाएगी।
- विजेताओं को पुरस्कार वितरण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
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चरणम् में रचयिता के नाम होने के कारण इसे और किस नाम से जाना जाता है?
वर्णम
मुद्राचरणम्
पल्लवी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
कर्नाटक संगीत की कृति (Kriti) में चरणम् (Charanam) अंतिम भाग होता है, जिसमें आमतौर पर रचनाकार का नाम या उपनाम (मुद्रा) शामिल होता है। इसलिए इसे 'मुद्राचरणम्' (Mudra-charanam) भी कहा जाता है।
स्वरों का वह छोटा समुदाय जिससे किसी राग की पहचान की जा सके ?
पकड़
राग
वर्ण
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
स्वरों का वह छोटा समुदाय जिससे किसी राग की पहचान की जा सके, उसे 'पकड़' (Pakad) या 'राग दर्शक स्वर समूह' कहते हैं।
राग की मुख्य कितनी जातियाँ हैं?
9
7
3
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
राग की मुख्य तीन जातियाँ (Jatis) हैं: औडव (5 स्वर), षाडव (6 स्वर), और सम्पूर्ण (7 स्वर)। इनके मिश्रण से कुल 9 जातियाँ बनती हैं (औडव-औडव, षाडव-सम्पूर्ण आदि)। (दिए गए उत्तर के अनुसार 3 मुख्य जातियाँ)।
गायन की क्रिया को क्या कहा जाता है?
यति
वर्ण
न्यास
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
संगीत में स्वरों को गाने या प्रयोग करने की क्रिया को 'वर्ण' (Varna) कहा जाता है।
वर्ण कितने प्रकार के होते हैं?
5
4
3
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
वर्ण (Varna) चार प्रकार के होते हैं: स्थायी, अन्तरा, आभोग, और संचारी।
कुछ विशेष नियमों से बँधे हुए स्वर-समुदाय को क्या कहते हैं?
आलाप
अलंकार
गमक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
कुछ विशेष नियमों (क्रमबद्धता) से बँधे हुए स्वर-समुदाय को 'अलंकार' (Alankar) या पलटा कहते हैं।
तान के मुख्य कितने प्रकार माने गए हैं?
3
4
2
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
तान (Taan) के मुख्य 3 प्रकार माने गए हैं: अलंकारिक तान, सपाट तान, छूट तान।
तंत्री-वाद्यों में भरत ने तानों के कितने प्रकार माने हैं?
3
4
2
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
भरत मुनि ने तंत्री-वाद्यों (Veena) में प्रयोग होने वाले तानों के दो प्रकार (शुद्ध और कूट) का उल्लेख किया है।
भरत मुनि ने कुल कितनी तानें कही हैं?
84
86
82
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
भरत मुनि ने कुल 84 तानें (49 शुद्ध और 35 विकृत) बताई हैं।
भरत ने तानों को कितने भागों में बाँटा है?
5
4
2
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
भरत मुनि ने तानों को मुख्य रूप से दो भागों (शुद्ध और कूट) में बाँटा है।
स्वरों के अनुसार तानों को कितने भागों में बाँटा गया है?
5
7
2
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
स्वरों की संख्या के अनुसार तानों को 7 भागों में बाँटा गया है (5, 6, 7 स्वरों की तानें और उनके शुद्ध व कूट भेद)।
‘स्वरांतर तान’ में कितने स्वर माने गए हैं?
5
7
4
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
स्वरांतर तान (Swarāntara Tāna) में 4 स्वर माने गए हैं।
‘सामिक तान’ में कितने स्वर माने जाते थे?
2
3
4
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
सामिक तान (Sāmika Tāna) में 3 स्वर माने जाते थे, जो वैदिक काल के उदात्त, अनुदात्त और स्वरित के अनुरूप थे।
सितार में तानों को क्या कहा जाता है?
परन
तोड़ा
गत
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
सितार में तेज गति की तानों को 'तोड़ा' (Todā) कहा जाता है।
‘स्फूरित’ गमक को आधुनिक समय में क्या कहा जाता है?
गिटकड़ी
हिल्लोल
खटका
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
‘स्फूरित’ (Sphurita) गमक को आधुनिक समय में 'गिटकड़ी' (Gitkari) कहा जाता है।
‘आंदोलित’ गमक को आधुनिक समय में किस नाम से पुकारते हैं?
गिटकड़ी
आंदोलित गमक
खटका
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
‘आंदोलित’ गमक (Andolita Gamaka) को आधुनिक समय में भी इसी नाम से पुकारा जाता है, क्योंकि इसका तात्पर्य केवल स्वर के कम्पन से है।
‘कंपित’ गमक को आधुनिक समय में किस नाम से जानते हैं?
मुर्की
मींड
खटका
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘कंपित’ (Kampita) गमक को आधुनिक समय में 'खटका' (Khatka) या 'मुर्की' (Murki) के नाम से जाना जाता है।
‘वलित’ गमक का आधुनिक नाम क्या है?
मुर्की
मींड
खटका
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
‘वलित’ (Valita) गमक का आधुनिक नाम 'मुर्की' (Murki) है।
‘कुरुल’ गमक को वर्तमान समय में क्या कहा जाता है?
घसीट
मींड
खटका
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
‘कुरुल’ (Kurula) गमक को वर्तमान समय में 'घसीट' (Ghasīt)कहा जाता है।
‘तिरिप’ गमक को आजकल किस नाम से जाना जाता है?
गिटकड़ी
मींड
हिल्लोल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
‘तिरिप’ (Tiripa) गमक को आजकल 'हिल्लोल' (Hillol) कहा जाता है।
किस गमक में मुँह बंद करके कंपन किया जाता है?
मुद्रित
नामित
हुंफित
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
शारंग देव नें संगीत रत्नाकर ग्रंथ में गमक के 15 प्रकार बतलायें हैं, इसे पंचदश गमक नाम से भी जाना जाता है जोकि निम्नानुसार है :-
तिरप – इस गमक को 1/8 मात्रा काल में गाया जाता है, आजकल इसे हिलोल्ल नाम से जाना जाता है।
स्फुरित – इस गमक को 1/6 मात्रा काल में गाया जाता है, इस गिटकरी कहते है।
कंपित – इसे 1/4 मात्रा में गाया जाता है, इसको खटका भी कहते हैं।
लीन – इसे 1/2 मात्राओं में गाया जाता है।
आंदोलित – 1 मात्रा में गायी जानें वाली गमक।
वलित – वक्रत्व के साथ गमक गाना, इसे वली/ वलित गमक माना जाता है।
त्रिभिन्न – तीन स्वर स्थानों को जल्दी से छूकर किसी एक स्थान पर पहुँचा जाए।
कुरुल – इसे घसीट भी कहते हैं।
आहत – गमक करते समय आगे के स्वरों पर आघात करके लौटना।
उल्लासित – एक स्वर के बाद, एक स्वर को छोड़कर दूसरे स्वर को क्रमानुसार लेना।
प्लावित – जब किसी स्वर को तीन चौथाई भाग में आंदोलित किया जाए।
हुम्फित – हृदय से ताकत लगाकर गमक गाना, इसे हुम्फित भी बोला जाता है।
मुद्रित – मुख बंद करके कंपन करना।
नामित – इसे कोमल कंठ द्वारा गाया जाता है।
मिश्रित – दो या दो से अधिक गमकों को यदि आपस में मिला दिया जाए तो उसे मिश्रित गमक कहेंगें।
ध्वनि अथवा नाद की सूक्ष्म इकाई को क्या कहा जाता है?
अनुनाद
स्वर
श्रुति
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
ध्वनि अथवा नाद की सबसे सूक्ष्म इकाई जो कानों को स्पष्ट सुनाई दे, उसे ‘श्रुति’ (Shruti) कहा जाता है।
विद्वानों व ग्रंथ साहित्य के अनुसार श्रुतियों की संख्या कितनी बताई गई है?
36
66
22
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
भारतीय शास्त्रीय संगीत में 22 श्रुतियाँ (Shrutis) बताई गई हैं।
निम्न में से कौन श्रुतियों की जातियों के भाग हैं?
दिप्ता
आयता
मृदू
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
प्राचीन काल में श्रुतियों की 5 जातियां थीं: दीप्ता, आयता, करुणा, मृदु, और मध्य। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
किसके आधार पर सात स्वरों की स्थापना का संबंध पाया जाता है?
श्रुति
राग
ग्राम
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
सात स्वरों (सप्तक) की स्थापना 22 श्रुतियों (Shrutis) के आधार पर की जाती है।
संगीत में प्रचलित स्वरों के रूप में निम्न में से कौन सा है?
शुद्ध स्वर
विकृत स्वर
चल स्वर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
संगीत में शुद्ध स्वर और विकृत स्वर दोनों प्रचलित हैं, और इन्हें चल स्वर और अचल स्वर में भी विभाजित किया जाता है। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
प्राचीन व मध्यकाल में विद्वानों द्वारा श्रुतियों पर कितने स्वरों को स्थापित किया गया है?
6
7
5
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
प्राचीन और मध्यकाल में 22 श्रुतियों पर 7 शुद्ध स्वरों की स्थापना की गई है।
संगीत में श्रुति का ऊपर होने से किस स्वर की स्थापना होती है?
कोमल स्वर
तीव्र स्वर
अचल स्वर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
जब स्वर अपनी मूल श्रुति से ऊपर होता है (एक कदम आगे), तो वह तीव्र स्वर (Tivra Swara) कहलाता है।
आधुनिक काल में श्रुतियों पर स्थापित तीव्र विकृत स्वर में निम्न में से कौन शामिल नहीं होता है?
सा
म
प
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
तीव्र विकृत स्वर केवल एक है: तीव्र मध्यम (M')। षड्ज (सा) और पंचम (प) अचल स्वर हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' (सा और प दोनों) तीव्र विकृत स्वर में शामिल नहीं होते हैं।
निम्न में से कौन सा राग हिंदुस्तानी व कर्नाटक दोनों संगीत पद्धति में शामिल होता है?
हिण्डोल
श्री
सोहनी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
हिण्डोल (Hindol), श्री (Shree) और सोहनी (Sohani) तीनों ही राग हिंदुस्तानी और कर्नाटक संगीत दोनों पद्धतियों में थोड़े बहुत अंतर के साथ शामिल हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
निम्न में से कौन हिंदुस्तानी संगीत में शामिल प्रमुख रागों की जातियां है?
षाडव
संपूर्ण
औडव
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
हिंदुस्तानी संगीत में षाडव (6 स्वर), सम्पूर्ण (7 स्वर) और औडव (5 स्वर) तीनों ही प्रमुख रागों की जातियां हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
कर्नाटक संगीत पद्धति में 7 तालों के जाति भेद से कुल कितने तालों की रचना हो सकती है?
35
72
10
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
कर्नाटक संगीत में 7 मुख्य तालों (सूल, रूपक, झम्प आदि) को 5 जाति भेदों (तिस्त्र, चतस्र आदि) से गुणा करने पर कुल 35 तालों (7 x 5 = 35) की रचना होती है।
उत्तर भारत में प्रचलित कल्याण राग का दक्षिण संगीत पद्धति में क्या नाम है?
मेच कल्याणी
खरहर पिया
मायामालव गौंड
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
उत्तर भारतीय कल्याण राग (Kalyan Raag) का समकक्ष कर्नाटक संगीत में मेच कल्याणी (Meccha Kalyāṇi) मेलकर्त्ता है।
किस काल में श्रुतियों की स्थापना का वर्णन किया गया है?
प्राचीन काल
मध्यकाल
आधुनिक काल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
श्रुतियों (Shrutis) की स्थापना का वर्णन प्राचीन काल (भरत), मध्यकाल (शारंगदेव) और आधुनिक काल (भातखण्डे) तीनों में किया गया है। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
सात स्वरों की स्थापना कितनी श्रुतियों पर की गई है?
12 श्रुतियां
16 श्रुतियां
66 श्रुतियां
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
सात स्वरों की स्थापना 22 श्रुतियों पर की गई है। दिए गए विकल्पों में से कोई नहीं सही है।
स्वरों के मध्य कितने नए स्थान स्थापित किया जा सके हैं?
5
7
6
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
भारतीय संगीत में 7 शुद्ध स्वरों के बीच 5 विकृत स्वर स्थापित किए गए हैं।
स्वरों को कितने भागों में बांटा गया है?
5
2
4
उपर्र्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
आधुनिक भारतीय संगीत में स्वरों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है: शुद्ध स्वर और विकृत स्वर।
जो स्वर नियत स्थान पर पाए जाते हैं वह क्या कहलाते हैं?
मूल स्वर
स्थिर स्वर
शुद्ध स्वर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
जो स्वर अपनी नियत (निश्चित) श्रुति पर स्थापित होते हैं और जिन्हें शुद्ध माना जाता है, वे 'शुद्ध स्वर' (Shuddha Swara) कहलाते हैं। (अचल स्वर - सा, प - भी स्थिर होते हैं)।
शुद्ध स्वरों की संख्या भारतीय संगीत के अंतर्गत कितनी मानी गई है?
7
12
29
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
भारतीय संगीत के अंतर्गत 7 शुद्ध स्वर (सा, रे, ग, म, प, ध, नि) माने गए हैं।
शुद्ध स्वरों को भारतीय संगीत पद्धति में कितने भागों में बांटा गया है?
4
2
6
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
शुद्ध स्वरों को दो भागों (अचल स्वर - सा, प; चल स्वर - रे, ग, म, ध, नि) में बांटा गया है।
भारतीय संगीत में स्वरों के दो प्रकार चल और अचल, स्वरों में से अचल स्वर हैं -
सा
म
प
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
अचल स्वर (Achal Swara) वे हैं जो केवल शुद्ध रूप में रहते हैं। ये दो हैं: षड्ज (सा) और पंचम (प)। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
दशविध राग-वर्गीकरण में शारंगदेव ने ‘भाषा राग’ कितने बताए?
30
96
15
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
शारंगदेव ने अपने ‘संगीतरत्नाकर’ में 96 ‘भाषा राग’ (Bhāṣā Rāga) बताए हैं।
रागांग, भाषांग, क्रियांग और उपांग को शारंगदेव ने किसके अंतर्गत रखा?
मार्गी संगीत
देसी संगीत
नाट्य संगीत
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
रागांग, भाषांग, क्रियांग और उपांग ‘देसी संगीत’ (Desi Sangeet) के वर्गीकरण के अंतर्गत आते हैं।
‘मेल’ शब्द का प्रस्फुटन सर्वप्रथम किसने किया?
वेंकटमखी
विद्यारण्य
भातखंडे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
‘मेल’ (Mel) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग विद्यारण्य (Vidyaranya) ने ‘संगीतरत्नाकर’ की टीका में किया। (दिए गए उत्तर के अनुसार विद्यारण्य)।
राग–रागिनी वर्गीकरण के कितने मत प्रचलित थे?
5
6
4
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
राग–रागिनी वर्गीकरण के मुख्य 4 मत प्रचलित थे (शिव, भरत, हनुमत, कल्लिनाथ)।
‘थाट–राग’ वर्गीकरण के प्रणेता किसे माना जाता है?
सुल्तान हुसैन शर्की
नारायण मोरेश्वर खरे
भातखंडे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
आधुनिक 10 थाट–राग वर्गीकरण के प्रणेता पंडित विष्णु नारायण भातखंडे (Bhatkhande) हैं। दिए गए विकल्पों में भातखंडे सही है।
नारायण मोरेश्वर खरे के ‘राग–रागांग’ वर्गीकरण में रागांगों की संख्या?
30
20
10
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
नारायण मोरेश्वर खरे (Narayan Moreshwar Khare) ने 30 रागांगों की पद्धति को स्वीकार किया है।
भावभट्ट ने ‘रागांग’ को किसकी संज्ञा दी?
राग-भेद
स्वर-भेद
नाद-भेद
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
भावभट्ट ने ‘रागांग’ को ‘राग-भेद’ (Rāga Bheda) की संज्ञा दी।
बंदिशों में किया जाने वाला मुख्य आलाप क्या है?
रूपकालप्ति
आलप्ति-गान
स्वस्थान-नियम
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
बंदिश (Bandish) में किया जाने वाला आलाप ‘रूपकालप्ति’ (Rupakālāpti) कहलाता है, क्योंकि इसमें आलाप के साथ-साथ ताल और शब्दों का भी प्रयोग होता है।
‘भंजनी’ के कितने भेद बताए गए हैं?
4
3
2
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
भंजनी (Bhanjanī) के 2 भेद बताए गए हैं: (1) ‘अथ्र’ और (2) ‘अनथ्र’ ।
रागों के मिश्रण के आधार पर रागों के कितने प्रकार बताए गए हैं?
4
3
2
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
रागों के मिश्रण के आधार पर रागों के 3 प्रकार बताए गए हैं: शुद्ध (Shuddh), छायालग (Chhāyālag), और संकीर्ण (Sankeerna)।
मानसिंह तोमर के अनुसार ‘शुद्ध’ रागों की संख्या?
7
9
6
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
राजा मानसिंह तोमर (Man Singh Tomar) ने ‘मानकौतुहल’ में 6 शुद्ध रागों का उल्लेख किया है।
इनमें से कौन ‘ताल के दस प्राण’ में आते हैं?
यति
काल
लय
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
ताल के दस प्राण (Daśa Prāṇa) में यति (Yati), काल (Kāla), और लय (Laya) तीनों शामिल हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
तबला/पखावज में बजने वाले शब्द-समूह को क्या कहते हैं?
बोल
ठेका
मात्रा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
तबला/पखावज में बजने वाले शब्द-समूह को 'बोल' (Bol) कहते हैं।
प्रत्येक ताल के निश्चित बोलों को क्या कहा जाता है?
निबद्ध
ठेका
क्रिया
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
प्रत्येक ताल के निश्चित (Standard) बोल-समूह को 'ठेका' (Ṭhekā) कहते हैं।
किसी ताल की पहली मात्रा क्या कहलाती है?
सम
आवर्तन
खाली
उपर्र्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
किसी ताल की पहली मात्रा ‘सम’ (Sam) कहलाती है (रूपक ताल अपवाद है)।
‘सशब्द क्रिया’ के अंतर्गत क्या आता है?
ताली
आवर्तन
खाली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
‘सशब्द क्रिया’ (Sashabda Kriyā) का अर्थ है शब्द (आवाज) सहित क्रिया, और यह ताली (Tālī) कहलाती है।
कर्नाटक संगीत का ‘विसर्जितम्’, हिंदुस्तानी शैली में किसके समान है?
लय
ताली
खाली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
कर्नाटक संगीत के ‘विसर्जितम्’ (Visarjitam - हथेली को नीचे करके फैलाना) हिंदुस्तानी शैली की ‘खाली’ (Khali) के समान है।
एकताल की सभी 12 मात्राओं के एक बार पूरा होने को क्या कहते हैं?
भरी
आवर्तन
खाली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
किसी भी ताल की मात्राओं के चक्र के एक बार पूरा होने को ‘आवर्तन’ (Āvartan) कहते हैं।
‘कायदा’ के लिए प्रसिद्ध घराना कौन-सा?
बनारस
दिल्ली
लखनऊ
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
तबला वादन में ‘कायदा’ (Qāyedā) बजाने के लिए दिल्ली घराना (Delhi Gharana) सबसे प्रसिद्ध और मौलिक माना जाता है।
अयोध्या प्रसाद कौन-सा वाद्य बजाते थे?
मृदंग
तबला
पखावज
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पं. अयोध्या प्रसाद (Ayodhya Prasad) प्रसिद्ध पखावज (Pakhāwaj) वादक थे।
इनमें से किस ग्रंथ की रचना 1813 ईस्वी में हुई है?
नगमाते आशफी
संगीत पारिजात
मारीफुन्गमात
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
‘नगमाते आशफी’ (Naghmat-e-Asafi) नामक ग्रंथ की रचना 1813 ईस्वी में मोहम्मद रज़ा ने की थी।
वीणा के तार पर सर्वप्रथम स्वरों की स्थापना किन के द्वारा की गई थी?
मतंग मुनि
नारद मुनि
अहोबल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पंडित अहोबल (Ahobal) ने अपने ग्रंथ ‘संगीत पारिजात’ में वीणा के तार की लम्बाई के आधार पर स्वरों की स्थापना की थी।
संगीत पारिजात ग्रंथ का फारसी अनुवाद किसने किया था?
दीनानाथ
अभिनव गुप्त
केशव
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
पंडित अहोबल द्वारा रचित 'संगीत पारिजात' का फ़ारसी में अनुवाद पंडित दीनानाथ ने सन् (1724) ईस्वी में किया था।
अहोबल ने कितने विकृत स्वर माने हैं?
29
7
22
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
अहोबल (Ahobal) ने 7 शुद्ध और 22 विकृत स्वरों का उल्लेख किया है।
संगीत पारिजात में कितने भाग बताए गए हैं -
2
7
5
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
संगीत पारिजात (Sangeet Pārijāta) में 2 भाग (अध्याय) बताए गए हैं: (1) स्वर और (2) राग।
अहोबल ने कितने प्रकार के वीणाओं का चर्चा किया है?
2
7
8
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पंडित अहोबल ने अपने ग्रंथ में 8 प्रकार की वीणाओं (Veena) का उल्लेख किया है।
संगीत पारिजात में शुषिर वाद्यों की संख्या कितनी बताई गई है?
10
100
1000
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
संगीत पारिजात (Sangeet Pārijāta) में 10 प्रकार के सुषिर वाद्यों (Sushir Vādya - Wind Instruments) का उल्लेख है।
इनमें से किस ग्रंथ के रचनाकार लोचन है?
राग तरंगिणी
राग दर्पण
संगीत दर्पण
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
‘राग तरंगिणी’ (Rāga Tarangiṇī) ग्रंथ के रचनाकार लोचन (Lochan) हैं।
इनमें से किस विद्वान ने 12 मेल माने हैं?
अहोबल
रामामात्य
लोचन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पंडित लोचन (Lochan) ने अपने ग्रंथ ‘राग तरंगिणी’ में 12 मेल (थाट) माने हैं।
लोचन के द्वारा श्रुतियों की संख्या कितनी मानी गई है?
22
24
66
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पंडित लोचन ने 24 श्रुतियों की अवधारणा को स्वीकार किया है।
नायक बकसू किसके दरबारी संगीतज्ञ थे?
अकबर
ग्रमदेव
मानसिंह तोमर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
नायक बकसू (Nayaka Bakshu) ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर (Man Singh Tomar) के दरबारी संगीतज्ञ थे।
मानकौतुहल ग्रंथ को फारसी में अनुवाद किसने किया और ग्रंथ का नाम है -
फकीरूल्लाह - राग दर्पण
कल्हण - राजतरंगिणी
राजा नवाब अली - मारीफुन्गमात
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
राजा मानसिंह तोमर के ‘मानकौतुहल’ का फारसी में अनुवाद फकीरूल्लाह (Faqirullah) ने ‘राग दर्पण’ (Rāg Darpaṇ) नाम से किया।
इनमें से किस विद्वान ने 23 मेल माने हैं?
श्री निवास
व्यंकटमुखी
माधवाचार्य
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
आधुनिक काल में 23 मेल किसी भी प्रमुख विद्वान द्वारा नहीं माने गए हैं।
इनमें से किस विद्वान ने काकू के दो प्रकारों का वर्णन किया है?
सारंग देव
भरत
नारद
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
भरत मुनि ने ‘नाट्यशास्त्र’ में काकू (Kāku) के दो मुख्य प्रकार (आकांक्षा काकू और निराकांक्षा काकू) का वर्णन किया है।
भरत ने काकू का वर्णन नाट्यशास्त्र के किस अध्याय में किया है?
17वें अध्याय में
28वें अध्याय में
30वें अध्याय में
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
भरत मुनि ने काकू (Kāku) का विस्तृत वर्णन नाट्यशास्त्र के 17वें अध्याय में किया है।
बृहद्देशी किस भाषा में लिखा गया ग्रंथ है?
संस्कृत
हिंदी
मागधी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
मतंग मुनि कृत ‘वृहद्देशी’ (Brihaddeshi) ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखा गया है।
बृहद्देशी ग्रंथ में इनमें से किस प्रकार के संगीत का वर्णन मिलता है?
वैदिक
लौकिक
सात्विक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
वृहद्देशी (Brihaddeshi) में मार्गी (धार्मिक) और देशी (लौकिक) संगीत दोनों का वर्णन मिलता है। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
इनमें से कौन सा कथन सही है -
राजन साजन मिश्रा बनारस घराने से संबंधित है
बनारस घराने का संस्थापक पंडित राम सहाय हैं
बनारस में पुरब अंग ठुमरी प्रचलित है
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
राजन साजन मिश्रा बनारस (गायन) घराने से संबंधित हैं; बनारस घराने के संस्थापक राम सहाय (तबला) हैं; बनारस में पुरब अंग ठुमरी प्रचलित है। ये तीनों कथन सही हैं। अतः 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
भरत ने नृत्य के कितने प्रकार का वर्णन किया है?
3
2
5
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
भरत मुनि ने ‘नाट्यशास्त्र’ में नृत्य के तीन मुख्य प्रकार (नाट्य, नृत्त, और नृत्य) का वर्णन किया है।
\u0935\u093E\u0939! \u0906\u092A\u0928\u0947 \u0915\u092E\u093E\u0932 \u0915\u0930 \u0926\u093F\u092F\u093E!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u092C\u0922\u093C\u093F\u092F\u093E! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u092E\u0947\u0939\u0928\u0924 \u0906\u092A\u0915\u094B \u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0920 \u092C\u0928\u093E \u0938\u0915\u0924\u093E \u0939\u0948!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u0916\u093C\u0930\u093E\u092C \u092A\u0930\u092B\u0949\u0930\u092E\u0947\u0902\u0938! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u091F\u094D\u0930\u093E\u0908 \u0915\u0930\u094B!
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\u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
/
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)
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\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
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✓ \u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924
\u0917\u094D\u0930\u0947\u0921\u093F\u0902\u0917 \u092E\u093E\u0928\u0926\u0902\u0921
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