CLASS 10 MATHEMATICS PAPER 2023
टेस्ट शुरू करने से पहले हम आपसे आपका नाम और मोबाइल नंबर पूछते हैं। हम चाहते हैं कि आप साफ-साफ जानें कि हम यह जानकारी क्यों लेते हैं 👇
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टूर्नामेंट नियम और नियम
नियम:
- प्रत्येक प्रश्न के लिए आपको पूर्वनिर्धारित समय सीमा के भीतर उत्तर देना होगा।
- एक बार उत्तर चुनने के बाद, आप इसे बदल नहीं सकते।
- टूर्नामेंट में आपके पास पूर्वनिर्धारित संख्या में प्रयास होंगे।
- उच्चतम स्कोर प्राप्त करने वाले प्रतिभागी विजेता होंगे।
- किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की स्थिति में आपको टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
नियम:
- टूर्नामेंट में कुल 2 प्रश्न होंगे।
- प्रत्येक सही उत्तर के लिए आपको 1 अंक मिलेगा।
- कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- टूर्नामेंट समाप्त होने के बाद, परिणामों की घोषणा की जाएगी।
- विजेताओं को पुरस्कार वितरण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
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बिन्दु (15, 8) की मूल बिन्दु से दूरी क्या होगी?
15
16
17
18
2
उत्तर: 17
मूल बिन्दु (0,0) से दूरी का सूत्र = √(x² + y²) होता है।
दूरी = √(15² + 8²) = √(225 + 64) = √289 = 17 इकाई।
मूल बिन्दु (0,0) से दूरी का सूत्र = √(x² + y²) होता है।
दूरी = √(15² + 8²) = √(225 + 64) = √289 = 17 इकाई।
सरल रेखा y = 2x - 3 का आलेख निम्न में से किस बिन्दु से होकर गुजरेगी?
(2, 2)
(4, 1)
(3, 4)
(5, 7)
3
उत्तर: (5, 7)
समीकरण में बिन्दुओं का मान रखने पर:
विकल्प (D): x=5 रखने पर, y = 2(5) - 3 = 10 - 3 = 7। चूँकि y का मान 7 आता है, अतः यह रेखा (5, 7) से गुजरेगी।
समीकरण में बिन्दुओं का मान रखने पर:
विकल्प (D): x=5 रखने पर, y = 2(5) - 3 = 10 - 3 = 7। चूँकि y का मान 7 आता है, अतः यह रेखा (5, 7) से गुजरेगी।
x-अक्ष पर वह बिन्दु जो बिन्दुएँ (-2, 0) एवं (6, 0) से समदूरस्थ हो, है
(0, 2)
(2, 0)
(3, 0)
(0, 3)
1
उत्तर: (2, 0)
चूँकि दोनों बिन्दु x-अक्ष पर हैं, तो समदूरस्थ बिन्दु उनका मध्य बिन्दु होगा।
मध्य बिन्दु = (x₁+x₂)/2, 0 = (-2+6)/2, 0 = 4/2, 0 = (2, 0)।
चूँकि दोनों बिन्दु x-अक्ष पर हैं, तो समदूरस्थ बिन्दु उनका मध्य बिन्दु होगा।
मध्य बिन्दु = (x₁+x₂)/2, 0 = (-2+6)/2, 0 = 4/2, 0 = (2, 0)।
y-अक्ष से बिन्दु (13, 15) की दूरी है
13
15
2
28
0
उत्तर: 13
किसी बिन्दु की y-अक्ष से लम्बवत दूरी उसका x-निर्देशांक (भुज) होता है। यहाँ x का मान 13 है।
किसी बिन्दु की y-अक्ष से लम्बवत दूरी उसका x-निर्देशांक (भुज) होता है। यहाँ x का मान 13 है।
किसी वृत्त के व्यास के सिरों के निर्देशांक (-10, 6) तथा (6, -10) हैं तो वृत्त के केन्द्र के निर्देशांक होंगे
(-8, -8)
(-8, 4)
(-2, -2)
(2, 4)
2
उत्तर: (-2, -2)
वृत्त का केन्द्र व्यास का मध्य बिन्दु होता है।
x = (-10 + 6) / 2 = -4 / 2 = -2
y = (6 + (-10)) / 2 = -4 / 2 = -2
अतः केन्द्र (-2, -2) है।
वृत्त का केन्द्र व्यास का मध्य बिन्दु होता है।
x = (-10 + 6) / 2 = -4 / 2 = -2
y = (6 + (-10)) / 2 = -4 / 2 = -2
अतः केन्द्र (-2, -2) है।
यदि किसी त्रिभुज के शीर्षों के निर्देशांक (2, 4), (0, 6) तथा (4, -1) हों, तो त्रिभुज के केन्द्रक के निर्देशांक होंगे
(2, 3)
(3, 2)
(3, 3)
(2, 2)
0
उत्तर: (2, 3)
केन्द्रक का सूत्र = ((x₁+x₂+x₃)/3, (y₁+y₂+y₃)/3)
x = (2+0+4)/3 = 6/3 = 2
y = (4+6-1)/3 = 9/3 = 3
अतः केन्द्रक (2, 3) है।
केन्द्रक का सूत्र = ((x₁+x₂+x₃)/3, (y₁+y₂+y₃)/3)
x = (2+0+4)/3 = 6/3 = 2
y = (4+6-1)/3 = 9/3 = 3
अतः केन्द्रक (2, 3) है।
बिन्दु (13, 19) से x-अक्ष पर डाले गए लंब की लंबाई है
13
19
32
6
1
उत्तर: 19
किसी बिन्दु की x-अक्ष से लम्बवत दूरी उसका y-निर्देशांक (कोटि) होता है। यहाँ y का मान 19 है।
किसी बिन्दु की x-अक्ष से लम्बवत दूरी उसका y-निर्देशांक (कोटि) होता है। यहाँ y का मान 19 है।
बिन्दुओं (-2, 8) एवं (-6, -4) को मिलानेवाली रेखाखंड का मध्य बिन्दु किस चतुर्थांश में स्थित है?
प्रथम
द्वितीय
तृतीय
चतुर्थ
1
उत्तर: द्वितीय
मध्य बिन्दु = ((-2-6)/2, (8-4)/2) = (-8/2, 4/2) = (-4, 2)।
चूँकि x ऋणात्मक और y धनात्मक है, अतः यह द्वितीय चतुर्थांश में स्थित है।
मध्य बिन्दु = ((-2-6)/2, (8-4)/2) = (-8/2, 4/2) = (-4, 2)।
चूँकि x ऋणात्मक और y धनात्मक है, अतः यह द्वितीय चतुर्थांश में स्थित है।
यदि P(0, 0), Q(8,0) एवं R(0, 12) किसी ∆PQR के शीर्ष हैं, तो ∆PQR का क्षेत्रफल होगा
40
48
20
4
1
उत्तर: 48
यह एक समकोण त्रिभुज है जिसका आधार 8 (x-अक्ष पर) और ऊँचाई 12 (y-अक्ष पर) है।
क्षेत्रफल = 1/2 × आधार × ऊँचाई = 1/2 × 8 × 12 = 48 वर्ग इकाई।
यह एक समकोण त्रिभुज है जिसका आधार 8 (x-अक्ष पर) और ऊँचाई 12 (y-अक्ष पर) है।
क्षेत्रफल = 1/2 × आधार × ऊँचाई = 1/2 × 8 × 12 = 48 वर्ग इकाई।
किसी त्रिभुज के शीर्ष बिन्दुओं के निर्देशांक (0, 6), (0, 0) एवं (8, 0) हैं, तो त्रिभुज की परिमिति होगी
14
24
42
इनमें से कोई नहीं
1
उत्तर: 24
भुजाओं की लम्बाई: 6 (y-अक्ष), 8 (x-अक्ष) और कर्ण = √(6²+8²) = √(36+64) = 10।
परिमिति = 6 + 8 + 10 = 24 इकाई।
भुजाओं की लम्बाई: 6 (y-अक्ष), 8 (x-अक्ष) और कर्ण = √(6²+8²) = √(36+64) = 10।
परिमिति = 6 + 8 + 10 = 24 इकाई।
दो रैखिक समीकरणों के लेखाचित्र यदि संपाती रेखाएँ हैं तो उनके कितने हल होंगे?
एक हल
कोई हल नहीं
अनगिनत हल
इनमें से कोई नहीं
2
उत्तर: अनगिनत हल
जब रेखाएँ संपाती (एक के ऊपर दूसरी) होती हैं, तो वे हर बिन्दु पर मिलती हैं, इसलिए उनके अपरिमित रूप से अनेक (अनगिनत) हल होते हैं।
जब रेखाएँ संपाती (एक के ऊपर दूसरी) होती हैं, तो वे हर बिन्दु पर मिलती हैं, इसलिए उनके अपरिमित रूप से अनेक (अनगिनत) हल होते हैं।
समीकरण 2x - y - 3 = 0 एवं 12x + 7y - 5 = 0 के आलेख किस प्रकार की सरल रेखाएँ होंगी?
संपाती सरल रेखाएँ
समांतर सरल रेखाएँ
प्रतिच्छेदी सरल रेखाएँ
इनमें से कोई नहीं
2
उत्तर: प्रतिच्छेदी सरल रेखाएँ
a₁/a₂ = 2/12 = 1/6 और b₁/b₂ = -1/7।
चूँकि a₁/a₂ ≠ b₁/b₂, इसलिए रेखाएँ एक अद्वितीय बिन्दु पर प्रतिच्छेद करेंगी।
a₁/a₂ = 2/12 = 1/6 और b₁/b₂ = -1/7।
चूँकि a₁/a₂ ≠ b₁/b₂, इसलिए रेखाएँ एक अद्वितीय बिन्दु पर प्रतिच्छेद करेंगी।
x - y = 0 का आलेख कैसी सरल रेखा होगी?
x-अक्ष के समांतर
y-अक्ष के समांतर
मूल बिन्दु से जाती हुई
इनमें से कोई नहीं
2
उत्तर: मूल बिन्दु से जाती हुई
x - y = 0 का मतलब है y = x। यदि हम x = 0 रखें, तो y = 0 मिलता है। अतः यह रेखा मूल बिन्दु (0, 0) से होकर गुजरती है।
x - y = 0 का मतलब है y = x। यदि हम x = 0 रखें, तो y = 0 मिलता है। अतः यह रेखा मूल बिन्दु (0, 0) से होकर गुजरती है।
निम्नलिखित में से कौन द्विघात समीकरण है?
(x + 2)(x - 2) = x² - 4x³
(x + 2)² = 3(x + 4)
(2x² + 3) = (5 + x)(2x² - 3)
2x + 1/2x = 4x²
1
उत्तर: (x + 2)² = 3(x + 4)
विकल्प (B) को हल करने पर: x² + 4x + 4 = 3x + 12 => x² + x - 8 = 0। यह ax² + bx + c = 0 के रूप का है, अतः यह द्विघात समीकरण है। अन्य विकल्पों में x³ पद आ जाएगा।
विकल्प (B) को हल करने पर: x² + 4x + 4 = 3x + 12 => x² + x - 8 = 0। यह ax² + bx + c = 0 के रूप का है, अतः यह द्विघात समीकरण है। अन्य विकल्पों में x³ पद आ जाएगा।
यदि समीकरण 2x² + px - 3 = 0 का एक मूल -3 हो, तो p का मान होगा
3
5
4
6
1
उत्तर: 5
x = -3 समीकरण में रखने पर:
2(-3)² + p(-3) - 3 = 0
18 - 3p - 3 = 0 => 15 = 3p => p = 5।
x = -3 समीकरण में रखने पर:
2(-3)² + p(-3) - 3 = 0
18 - 3p - 3 = 0 => 15 = 3p => p = 5।
k के किन मानों के लिए द्विघात समीकरण 9x² + 3kx + 4 = 0 के मूल वास्तविक और समान हैं?
± 4
± 7
± 9
± 6
0
उत्तर: ± 4
मूल समान होने के लिए D = 0 होना चाहिए। D = b² - 4ac
(3k)² - 4(9)(4) = 0 => 9k² - 144 = 0 => 9k² = 144 => k² = 16 => k = ±4।
मूल समान होने के लिए D = 0 होना चाहिए। D = b² - 4ac
(3k)² - 4(9)(4) = 0 => 9k² - 144 = 0 => 9k² = 144 => k² = 16 => k = ±4।
यदि x² + 3px + 2p² = 0 के मूल α, β हों तथा α² + β² = 5 हो, तो p का मान है
± 3
± 2
± 1
± 5
2
उत्तर: ± 1
α + β = -3p, αβ = 2p²
दिया है: α² + β² = 5 => (α + β)² - 2αβ = 5
(-3p)² - 2(2p²) = 5 => 9p² - 4p² = 5 => 5p² = 5 => p² = 1 => p = ±1।
α + β = -3p, αβ = 2p²
दिया है: α² + β² = 5 => (α + β)² - 2αβ = 5
(-3p)² - 2(2p²) = 5 => 9p² - 4p² = 5 => 5p² = 5 => p² = 1 => p = ±1।
द्विघात समीकरण a²p²x² - q² = 0 के मूल होंगे
a²p²/q²
ap/q
q²/ap
± q/ap
3
उत्तर: ± q/ap
a²p²x² = q² => x² = q²/(a²p²) => x = ±√(q²/a²p²) => x = ± q/ap।
a²p²x² = q² => x² = q²/(a²p²) => x = ±√(q²/a²p²) => x = ± q/ap।
यदि द्विघात समीकरण x² - 15x + 50 = 0 के मूलों के योग एवं मूलों के गुणनफल का अनुपात होगा
3 : 10
3 : 25
3 : 50
5 : 3
0
उत्तर: 3 : 10
योग (α+β) = -(-15)/1 = 15। गुणनफल (αβ) = 50/1 = 50।
अनुपात = 15 : 50 = 3 : 10।
योग (α+β) = -(-15)/1 = 15। गुणनफल (αβ) = 50/1 = 50।
अनुपात = 15 : 50 = 3 : 10।
यदि द्विघात समीकरण के मूल -5 एवं -1 हैं, तो द्विघात समीकरण होगा
x² + 6x + 5 = 0
x² - 6x + 5 = 0
x² - 6x - 5 = 0
x² + 6x - 5 = 0
0
उत्तर: x² + 6x + 5 = 0
समीकरण = x² - (मूलों का योग)x + मूलों का गुणनफल = 0
योग = (-5) + (-1) = -6, गुणनफल = (-5)(-1) = 5
x² - (-6)x + 5 = 0 => x² + 6x + 5 = 0।
समीकरण = x² - (मूलों का योग)x + मूलों का गुणनफल = 0
योग = (-5) + (-1) = -6, गुणनफल = (-5)(-1) = 5
x² - (-6)x + 5 = 0 => x² + 6x + 5 = 0।
(cos 60° + 1) / (cos 60° - 1) =
2
-2
3
-3
3
उत्तर: -3
cos 60° = 1/2. मान रखने पर: (1/2 + 1) / (1/2 - 1) = (3/2) / (-1/2) = -3।
cos 60° = 1/2. मान रखने पर: (1/2 + 1) / (1/2 - 1) = (3/2) / (-1/2) = -3।
यदि A/5 = 12°, तो 3 cosec² A का मान होगा
2√3
3
4
4√3
2
उत्तर: 4
A = 12 × 5 = 60°।
3 cosec² 60° = 3 × (2/√3)² = 3 × (4/3) = 4।
A = 12 × 5 = 60°।
3 cosec² 60° = 3 × (2/√3)² = 3 × (4/3) = 4।
sin 54° - cos 36° =
0
1
2
-1
0
उत्तर: 0
cos 36° = cos(90°-54°) = sin 54°।
अतः sin 54° - sin 54° = 0।
cos 36° = cos(90°-54°) = sin 54°।
अतः sin 54° - sin 54° = 0।
cos 1° cos 2° cos 3°... cos 90° =
0
1
-1
√2
0
उत्तर: 0
चूँकि इस श्रृंखला में cos 90° भी शामिल है और cos 90° का मान 0 होता है, इसलिए पूरे गुणनफल का मान 0 हो जाएगा।
चूँकि इस श्रृंखला में cos 90° भी शामिल है और cos 90° का मान 0 होता है, इसलिए पूरे गुणनफल का मान 0 हो जाएगा।
(cos 37°/sin 53°) + (cot 34°/tan 56°) का मान है
0
1
2
-1
2
उत्तर: 2
cos 37° = sin(90-37) = sin 53° (कटकर 1 हो गया)।
cot 34° = tan(90-34) = tan 56° (कटकर 1 हो गया)।
1 + 1 = 2।
cos 37° = sin(90-37) = sin 53° (कटकर 1 हो गया)।
cot 34° = tan(90-34) = tan 56° (कटकर 1 हो गया)।
1 + 1 = 2।
2(sin 45° - cos 45°) =
0
1
2
-2
0
उत्तर: 0
sin 45° = 1/√2 और cos 45° = 1/√2।
अतः 2(1/√2 - 1/√2) = 2(0) = 0।
sin 45° = 1/√2 और cos 45° = 1/√2।
अतः 2(1/√2 - 1/√2) = 2(0) = 0।
7 cosec²θ - 7 cot²θ का मान है
1
7
49
0
1
उत्तर: 7
7 (cosec²θ - cot²θ) = 7 × 1 = 7। (सूत्र: cosec²θ - cot²θ = 1)।
7 (cosec²θ - cot²θ) = 7 × 1 = 7। (सूत्र: cosec²θ - cot²θ = 1)।
यदि sin 48° = p, तो tan 48° का मान है
p / √(1-p²)
√(1-p²) / p
p / √(1+p²)
√(1+p²) / p
0
उत्तर: p / √(1-p²)
tan θ = sin θ / cos θ = sin θ / √(1 - sin²θ)।
यहाँ sin 48° = p है, अतः tan 48° = p / √(1-p²)।
tan θ = sin θ / cos θ = sin θ / √(1 - sin²θ)।
यहाँ sin 48° = p है, अतः tan 48° = p / √(1-p²)।
यदि tan 27° tan 63° = sin A, तो A का मान है
27°
63°
90°
36°
2
उत्तर: 90°
tan 27° × tan 63° = tan 27° × cot 27° = 1।
sin A = 1, जिसका अर्थ है A = 90°।
tan 27° × tan 63° = tan 27° × cot 27° = 1।
sin A = 1, जिसका अर्थ है A = 90°।
(sin²(90°-θ) + sin²θ) / (cosec²(90°-θ) - tan²θ) =
1
0
2
-1
0
उत्तर: 1
अंश: cos²θ + sin²θ = 1
हर: sec²θ - tan²θ = 1
अतः 1/1 = 1।
अंश: cos²θ + sin²θ = 1
हर: sec²θ - tan²θ = 1
अतः 1/1 = 1।
यदि किसी पहिए की त्रिज्या 35/44 मीटर हो तो 2 चक्कर में तय की गई दूरी है
10 मी
35 मी
22 मी
40 मी
0
उत्तर: 10 मी
परिधि = 2πr = 2 × (22/7) × (35/44) = 5 मीटर।
2 चक्कर में दूरी = 2 × 5 = 10 मीटर।
परिधि = 2πr = 2 × (22/7) × (35/44) = 5 मीटर।
2 चक्कर में दूरी = 2 × 5 = 10 मीटर।
यदि केन्द्र O और त्रिज्या r वाले वृत्त में ∠AOB = θ, तो चाप AB की लंबाई बराबर है
πr²θ/180
πrθ/360
πrθ/180
πr²θ/360
2
उत्तर: πrθ/180
चाप की लम्बाई = (θ/360) × 2πr = (πrθ)/180।
चाप की लम्बाई = (θ/360) × 2πr = (πrθ)/180।
एक 8 cm त्रिज्या के ठोस गोले से 1 cm त्रिज्या के कितने ठोस गोले बनाए जा सकते हैं?
256
512
1024
576
1
उत्तर: 512
गोलों की संख्या = (बड़े गोले का आयतन) / (छोटे गोले का आयतन) = (R/r)³ = (8/1)³ = 512।
गोलों की संख्या = (बड़े गोले का आयतन) / (छोटे गोले का आयतन) = (R/r)³ = (8/1)³ = 512।
एक शंकु के आधार का व्यास 10 cm और इसकी ऊँचाई 12 cm है, तो शंकु का आयतन है
400 π cm³
300 π cm³
100 π cm³
200 π cm³
2
उत्तर: 100 π cm³
व्यास = 10, तो त्रिज्या r = 5 cm।
आयतन = 1/3 πr²h = 1/3 π (5)² (12) = 1/3 π (25)(12) = 100 π।
व्यास = 10, तो त्रिज्या r = 5 cm।
आयतन = 1/3 πr²h = 1/3 π (5)² (12) = 1/3 π (25)(12) = 100 π।
एक धातु के पाइप की बाह्य त्रिज्या 4 cm और आंतरिक त्रिज्या 3 cm है। यदि इसकी लंबाई 10 cm हो, तो धातु का आयतन होगा
120 cm³
220 cm³
440 cm³
1540 cm³
1
उत्तर: 220 cm³
आयतन = πh(R² - r²) = (22/7) × 10 × (4² - 3²) = (220/7) × 7 = 220 cm³।
आयतन = πh(R² - r²) = (22/7) × 10 × (4² - 3²) = (220/7) × 7 = 220 cm³।
एक शंकु और एक बेलन के आधारों के क्षेत्रफल समान हैं और उनके वक्रपृष्ठ के क्षेत्रफल भी समान हैं। यदि बेलन की ऊँचाई 2 मी हो, तो शंकु की तिर्यक ऊँचाई है
2 मीटर
3 मीटर
4 मीटर
5 मीटर
2
उत्तर: 4 मीटर
आधार समान हैं मतलब त्रिज्या r समान है। वक्रपृष्ठ समान हैं: πrl = 2πrh।
l = 2h। बेलन की ऊँचाई h = 2 है, अतः l = 2 × 2 = 4 मीटर।
आधार समान हैं मतलब त्रिज्या r समान है। वक्रपृष्ठ समान हैं: πrl = 2πrh।
l = 2h। बेलन की ऊँचाई h = 2 है, अतः l = 2 × 2 = 4 मीटर।
यदि किसी घन का आयतन 125 cm³ है, तो घन के किनारा एवं घन के विकर्ण का अनुपात होगा
1 : √3
5 : √3
25 : √3
15 : √3
0
उत्तर: 1 : √3
आयतन 125 है, तो भुजा a = 5। विकर्ण = a√3 = 5√3।
अनुपात = a : a√3 = 1 : √3।
आयतन 125 है, तो भुजा a = 5। विकर्ण = a√3 = 5√3।
अनुपात = a : a√3 = 1 : √3।
यदि किसी अर्द्धगोले के संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल 462 cm² है, तो उसका व्यास होगा
7 cm
14 cm
21 cm
22 cm
1
उत्तर: 14 cm
3πr² = 462 => r² = (462 × 7) / (3 × 22) = 49 => r = 7।
व्यास = 2r = 14 cm।
3πr² = 462 => r² = (462 × 7) / (3 × 22) = 49 => r = 7।
व्यास = 2r = 14 cm।
दो बेलनों की त्रिज्याओं का अनुपात 2 : 3 है एवं उनकी ऊँचाइयों का अनुपात 5 : 3 हो तो उनके आयतनों का अनुपात होगा
27 : 20
20 : 27
4 : 9
9 : 4
1
उत्तर: 20 : 27
अनुपात = (r₁² h₁) / (r₂² h₂) = (2²/3²) × (5/3) = (4/9) × (5/3) = 20/27।
अनुपात = (r₁² h₁) / (r₂² h₂) = (2²/3²) × (5/3) = (4/9) × (5/3) = 20/27।
यदि किसी गोले की त्रिज्या 3 गुनी हो जाती है तो इसका आयतन हो जाएगा
3 गुना
6 गुना
9 गुना
27 गुना
3
उत्तर: 27 गुना
गोले का आयतन त्रिज्या के घन (cube) के समानुपाती होता है। (3)³ = 27।
गोले का आयतन त्रिज्या के घन (cube) के समानुपाती होता है। (3)³ = 27।
√81/2 है एक
परिमेय संख्या
अपरिमेय संख्या
पूर्णांक संख्या
इनमें से कोई नहीं
0
उत्तर: परिमेय संख्या
√81 = 9, अतः संख्या 9/2 है, जो p/q के रूप में है, इसलिए यह परिमेय है।
√81 = 9, अतः संख्या 9/2 है, जो p/q के रूप में है, इसलिए यह परिमेय है।
192 के अभाज्य गुणनखंड में 2 का घातांक क्या है?
2
3
6
5
2
उत्तर: 6
192 = 2 × 96 = 2² × 48 = 2³ × 24 = 2⁴ × 12 = 2⁵ × 6 = 2⁶ × 3।
अतः 2 का घातांक 6 है।
192 = 2 × 96 = 2² × 48 = 2³ × 24 = 2⁴ × 12 = 2⁵ × 6 = 2⁶ × 3।
अतः 2 का घातांक 6 है।
यदि भाग एल्गोरिथ्म a = bq + r, में a = 72, q = 8 तथा r = 0 हो, तो b का मान क्या होगा?
9
8
7
4
0
उत्तर: 9
72 = b × 8 + 0 => 8b = 72 => b = 9।
72 = b × 8 + 0 => 8b = 72 => b = 9।
निम्नलिखित में से किसका दशमलव प्रसार सांत है?
2/15
11/160
17/60
6/35
1
उत्तर: 11/160
160 के गुणनखंड = 2⁵ × 5¹। चूँकि हर के गुणनखंड केवल 2 और 5 के रूप में हैं, इसलिए यह सांत है। अन्य विकल्पों में 3 या 7 जैसे कारक हैं।
160 के गुणनखंड = 2⁵ × 5¹। चूँकि हर के गुणनखंड केवल 2 और 5 के रूप में हैं, इसलिए यह सांत है। अन्य विकल्पों में 3 या 7 जैसे कारक हैं।
एक धनात्मक पूर्णांक q है तो निम्नलिखित में से कौन धनात्मक विषम पूर्णांक नहीं है?
8q + 1
8q + 4
8q + 3
8q + 7
1
उत्तर: 8q + 4
8q एक सम संख्या है। सम में सम (4) जोड़ने पर सम संख्या (8q+4) प्राप्त होती है, विषम नहीं। बाकी सभी में विषम संख्या (1, 3, 7) जोड़ी गई है।
8q एक सम संख्या है। सम में सम (4) जोड़ने पर सम संख्या (8q+4) प्राप्त होती है, विषम नहीं। बाकी सभी में विषम संख्या (1, 3, 7) जोड़ी गई है।
दो लगातार सम संख्याओं का म० स० होता है
0
1
2
4
2
उत्तर: 2
जैसे 2 और 4, या 4 और 6। इनका म० स० (HCF) हमेशा 2 होता है।
जैसे 2 और 4, या 4 और 6। इनका म० स० (HCF) हमेशा 2 होता है।
एक परिमेय संख्या और एक अपरिमेय संख्या का योग कैसी संख्या होती है?
पूर्णांक संख्या
अपरिमेय संख्या
प्राकृत संख्या
इनमें से कोई नहीं
1
उत्तर: अपरिमेय संख्या
परिमेय और अपरिमेय का योग हमेशा अपरिमेय होता है (जैसे 2 + √3)।
परिमेय और अपरिमेय का योग हमेशा अपरिमेय होता है (जैसे 2 + √3)।
दो संख्याओं का गुणनफल 8670 है और उनका HCF 17 है, तो उनका LCM क्या होगा?
102
85
107
510
3
उत्तर: 510
LCM = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) / HCF = 8670 / 17 = 510।
LCM = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) / HCF = 8670 / 17 = 510।
निम्नलिखित में से कौन परिमेय संख्या है?
√(64 + 36)
√(25 + 25)
√(49 + 49)
√(36 + 36)
0
उत्तर: √(64 + 36)
√(64 + 36) = √100 = 10, जो कि एक परिमेय संख्या है। बाकी सब अपरिमेय हैं।
√(64 + 36) = √100 = 10, जो कि एक परिमेय संख्या है। बाकी सब अपरिमेय हैं।
यदि 130 = 15 × 8 + 10 एवं 15 = 5 × 3 + 0, तो म० स० (130, 15) होगा
8
5
130
15
1
उत्तर: 5
यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म में अंतिम भाजक (जिससे शेषफल 0 आया) HCF होता है। यहाँ अंतिम भाजक 5 है।
यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म में अंतिम भाजक (जिससे शेषफल 0 आया) HCF होता है। यहाँ अंतिम भाजक 5 है।
(1 - sin⁴θ) बराबर है
cos²θ (1 + sin²θ)
cos²θ (1 - sin²θ)
cos²θ (1 - cos²θ)
sin²θ (1 + sin²θ)
0
उत्तर: cos²θ (1 + sin²θ)
a² - b² सूत्र से: (1 - sin²θ)(1 + sin²θ) = cos²θ(1 + sin²θ)।
a² - b² सूत्र से: (1 - sin²θ)(1 + sin²θ) = cos²θ(1 + sin²θ)।
∆ABC में X, Y क्रमशः भुजाएँ AB और AC पर दो बिन्दु हैं तथा XY || BC। यदि AX: XB = 2:3, तो AY: YC का मान होगा
3:2
2:3
1:3
3:1
1
उत्तर: 2:3
थेल्स प्रमेय (Thales Theorem) के अनुसार, यदि रेखा तीसरी भुजा के समांतर है, तो वह अन्य दो भुजाओं को समान अनुपात में विभाजित करती है। AX/XB = AY/YC = 2/3।
थेल्स प्रमेय (Thales Theorem) के अनुसार, यदि रेखा तीसरी भुजा के समांतर है, तो वह अन्य दो भुजाओं को समान अनुपात में विभाजित करती है। AX/XB = AY/YC = 2/3।
दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात 121 : 64 है, तो उनके संगत माध्यिकाओं का अनुपात है
11 : 8
8 : 11
121 : 64
12 : 91
0
उत्तर: 11 : 8
क्षेत्रफलों का अनुपात संगत माध्यिकाओं (या भुजाओं) के वर्ग के अनुपात के बराबर होता है। अतः माध्यिकाओं का अनुपात = √(121/64) = 11/8।
क्षेत्रफलों का अनुपात संगत माध्यिकाओं (या भुजाओं) के वर्ग के अनुपात के बराबर होता है। अतः माध्यिकाओं का अनुपात = √(121/64) = 11/8।
दो समरूप त्रिभुजों के परिमाप क्रमशः 30 cm और 20 cm हैं। यदि पहले त्रिभुज की एक भुजा की लंबाई 18 cm हो, तो दूसरी त्रिभुज की संगत भुजा की लंबाई होगी
10 cm
8 cm
9 cm
12 cm
3
उत्तर: 12 cm
परिमाप का अनुपात = भुजाओं का अनुपात।
30/20 = 18/x => 3/2 = 18/x => 3x = 36 => x = 12।
परिमाप का अनुपात = भुजाओं का अनुपात।
30/20 = 18/x => 3/2 = 18/x => 3x = 36 => x = 12।
एक समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल 36√3 cm² है, तो इसकी भुजा है
6 cm
3√3 cm
12 cm
3 cm
2
उत्तर: 12 cm
(√3/4)a² = 36√3 => a² = 36 × 4 = 144 => a = 12।
(√3/4)a² = 36√3 => a² = 36 × 4 = 144 => a = 12।
दो प्रतिच्छेदी वृत्तों की उभयनिष्ठ स्पर्शरेखाओं की संख्या कितनी होती है?
4
2
1
3
1
उत्तर: 2
जब दो वृत्त एक-दूसरे को दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करते हैं, तो उनकी केवल 2 उभयनिष्ठ स्पर्श रेखाएँ खींची जा सकती हैं।
जब दो वृत्त एक-दूसरे को दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करते हैं, तो उनकी केवल 2 उभयनिष्ठ स्पर्श रेखाएँ खींची जा सकती हैं।
एक वृत्त जिसकी त्रिज्या 7 cm है, किसी बाह्य बिन्दु P से स्पर्श रेखा PT की लंबाई 24 cm है। यदि वृत्त का केन्द्र O है, तो OP की लंबाई क्या होगी?
30 cm
28 cm
25 cm
18 cm
2
उत्तर: 25 cm
पाइथागोरस प्रमेय से: OP² = PT² + OT² (त्रिज्या स्पर्श रेखा पर लंब होती है)।
OP² = 24² + 7² = 576 + 49 = 625 => OP = 25।
पाइथागोरस प्रमेय से: OP² = PT² + OT² (त्रिज्या स्पर्श रेखा पर लंब होती है)।
OP² = 24² + 7² = 576 + 49 = 625 => OP = 25।
किसी बाह्य बिन्दु P से वृत्त पर खींची गई एक स्पर्श रेखा की लंबाई 17 cm है, तो P से उसी वृत्त पर खींची गई दूसरी स्पर्श रेखा की लंबाई है
34 cm
51 cm
17 cm
17/2 cm
2
उत्तर: 17 cm
बाह्य बिन्दु से वृत्त पर खींची गई दोनों स्पर्श रेखाओं की लंबाई समान होती है।
बाह्य बिन्दु से वृत्त पर खींची गई दोनों स्पर्श रेखाओं की लंबाई समान होती है।
यदि 7 सेमी त्रिज्या वाले वृत्त के लघु वृत्तखंड का क्षेत्रफल 14 वर्ग सेमी हो, तो दीर्घ वृत्तखंड का क्षेत्रफल होगा
140 वर्ग सेमी
150 वर्ग सेमी
125 वर्ग सेमी
200 वर्ग सेमी
0
उत्तर: 140 वर्ग सेमी
वृत्त का क्षेत्रफल = πr² = (22/7)×7×7 = 154 वर्ग सेमी।
दीर्घ वृत्तखंड = कुल क्षेत्रफल - लघु वृत्तखंड = 154 - 14 = 140 वर्ग सेमी।
वृत्त का क्षेत्रफल = πr² = (22/7)×7×7 = 154 वर्ग सेमी।
दीर्घ वृत्तखंड = कुल क्षेत्रफल - लघु वृत्तखंड = 154 - 14 = 140 वर्ग सेमी।
एक वृत्त का क्षेत्रफल 154 cm² है, तो इसका व्यास है
14 cm
28 cm
7 cm
21 cm
0
उत्तर: 14 cm
πr² = 154 => (22/7)r² = 154 => r² = 49 => r = 7। व्यास = 2r = 14 cm।
πr² = 154 => (22/7)r² = 154 => r² = 49 => r = 7। व्यास = 2r = 14 cm।
द्विघात समीकरण x² + 4x + b = 0 का विवेचक है
16 - 4b
4b - 16
b² - 16
16 - b²
0
उत्तर: 16 - 4b
विवेचक (D) = b² - 4ac = (4)² - 4(1)(b) = 16 - 4b।
विवेचक (D) = b² - 4ac = (4)² - 4(1)(b) = 16 - 4b।
निम्नलिखित में कौन समांतर श्रेढ़ी में है?
0.4, 0.44, 0.444...
1, 11, 111...
2, 4, 8, 16...
0, -4, -8, -12...
3
उत्तर: 0, -4, -8, -12...
यहाँ सार्व अंतर समान है: -4 - 0 = -4 और -8 - (-4) = -4। बाकी विकल्प GP या कोई पैटर्न नहीं हैं।
यहाँ सार्व अंतर समान है: -4 - 0 = -4 और -8 - (-4) = -4। बाकी विकल्प GP या कोई पैटर्न नहीं हैं।
समांतर श्रेढ़ी √18, √50, √98, √162, ... का सार्व अंतर है
2
2√2
3
2√3
1
उत्तर: 2√2
√18 = 3√2, √50 = 5√2। अंतर = 5√2 - 3√2 = 2√2।
√18 = 3√2, √50 = 5√2। अंतर = 5√2 - 3√2 = 2√2।
समांतर श्रेढ़ी 2, 5, 8, 11, ... का 11वाँ पद क्या होगा?
24
30
32
14
2
उत्तर: 32
a = 2, d = 3। a₁₁ = a + 10d = 2 + 10(3) = 2 + 30 = 32।
a = 2, d = 3। a₁₁ = a + 10d = 2 + 10(3) = 2 + 30 = 32।
यदि किसी समांतर श्रेढ़ी का nवाँ पद 8n - 2 हो, तो उस श्रेढ़ी का सातवाँ पद होगा
54
50
30
40
0
उत्तर: 54
n = 7 रखने पर: 8(7) - 2 = 56 - 2 = 54।
n = 7 रखने पर: 8(7) - 2 = 56 - 2 = 54।
यदि किसी समांतर श्रेढ़ी में a₃₀ - a₂₀ = 50 हो, तो श्रेढ़ी का सार्व अंतर होगा
4
15
5
10
2
उत्तर: 5
a₃₀ - a₂₀ = (a + 29d) - (a + 19d) = 10d।
10d = 50 => d = 5।
a₃₀ - a₂₀ = (a + 29d) - (a + 19d) = 10d।
10d = 50 => d = 5।
यदि (2x - 1), (3x + 2) एवं (6x - 1) किसी समांतर श्रेढ़ी के तीन क्रमागत पद हैं, तो x का मान होगा
3
2
4
1
0
उत्तर: 3
AP में: 2b = a + c => 2(3x + 2) = (2x - 1) + (6x - 1)
6x + 4 = 8x - 2 => 2x = 6 => x = 3।
AP में: 2b = a + c => 2(3x + 2) = (2x - 1) + (6x - 1)
6x + 4 = 8x - 2 => 2x = 6 => x = 3।
समांतर श्रेढ़ी 2, 6, 10, 14, ... 82 में पदों की संख्या है
15
21
20
22
1
उत्तर: 21
an = a + (n-1)d => 82 = 2 + (n-1)4 => 80 = 4(n-1) => 20 = n-1 => n = 21।
an = a + (n-1)d => 82 = 2 + (n-1)4 => 80 = 4(n-1) => 20 = n-1 => n = 21।
समांतर श्रेढ़ी 72, 63, 54, ... का कौन-सा पद शून्य है?
8वाँ
9वाँ
10वाँ
11वाँ
1
उत्तर: 9वाँ
an = 0, a = 72, d = -9।
0 = 72 + (n-1)(-9) => 72 = 9(n-1) => 8 = n-1 => n = 9।
an = 0, a = 72, d = -9।
0 = 72 + (n-1)(-9) => 72 = 9(n-1) => 8 = n-1 => n = 9।
बिन्दुओं (a cosθ, 0) तथा (0, a sinθ) के बीच की दूरी है।
a
2a
3a
4a
0
उत्तर: a
दूरी = √((a cosθ)² + (-a sinθ)²) = √(a²(cos²θ + sin²θ)) = √a² = a।
दूरी = √((a cosθ)² + (-a sinθ)²) = √(a²(cos²θ + sin²θ)) = √a² = a।
यदि p(x) = 3x³ + x² + 2x + 5, q(x) = x² + 2x + 1 से भाग दिया जाए तो भागफल का घात होगा
1
2
3
4
0
उत्तर: 1
भाज्य की घात 3 है और भाजक की घात 2 है। भागफल की घात = 3 - 2 = 1 होगी।
भाज्य की घात 3 है और भाजक की घात 2 है। भागफल की घात = 3 - 2 = 1 होगी।
यदि बहुपद g(x) = 3x² - 7x + 2 हो, तो g(-1) का मान है
-8
12
-12
0
1
उत्तर: 12
g(-1) = 3(-1)² - 7(-1) + 2 = 3 + 7 + 2 = 12।
g(-1) = 3(-1)² - 7(-1) + 2 = 3 + 7 + 2 = 12।
बहुपद x² - 16 के शून्यक हैं
+4, -4
+4, +4
-4, -4
इनमें से कोई नहीं
0
उत्तर: +4, -4
x² - 16 = 0 => x² = 16 => x = ±4।
x² - 16 = 0 => x² = 16 => x = ±4।
यदि बहुपद p(x) = x² - 3x + 5 के शून्यक α और β हों, तो 4(α + β) का मान है
12
-12
20
-20
0
उत्तर: 12
α + β = -b/a = -(-3)/1 = 3।
अतः 4(α + β) = 4 × 3 = 12।
α + β = -b/a = -(-3)/1 = 3।
अतः 4(α + β) = 4 × 3 = 12।
यदि बहुपद x² - 9x + 2a के शून्यकों का गुणनफल 8 हो, तो a का मान होगा
4
-4
9
-9
0
उत्तर: 4
गुणनफल = c/a (यहाँ स्थिरांक 2a और गुणांक 1 है) = 2a/1 = 8 => a = 4।
गुणनफल = c/a (यहाँ स्थिरांक 2a और गुणांक 1 है) = 2a/1 = 8 => a = 4।
यदि बहुपद p(x) का एक शून्यक -1 हो, तो p(x) का एक गुणनखंड होगा
x - 1
x + 1
1/(x+1)
1/(x-1)
1
उत्तर: x + 1
यदि x = a शून्यक है, तो (x - a) गुणनखंड होता है। यहाँ a = -1 है, अतः (x - (-1)) = x + 1 गुणनखंड होगा।
यदि x = a शून्यक है, तो (x - a) गुणनखंड होता है। यहाँ a = -1 है, अतः (x - (-1)) = x + 1 गुणनखंड होगा।
निम्नलिखित में से किस द्विघात बहुपद के शून्यकों का योग -3 एवं शून्यकों का गुणनफल 2 है?
x² + 3x + 2
x² + 2x - 3
x² - 3x - 2
x² - 3x + 2
0
उत्तर: x² + 3x + 2
सूत्र: x² - (योग)x + गुणनफल = 0
x² - (-3)x + 2 = x² + 3x + 2।
सूत्र: x² - (योग)x + गुणनफल = 0
x² - (-3)x + 2 = x² + 3x + 2।
यदि α, β, γ त्रिघात बहुपद ax³ + bx² + cx + d = 0 के शून्यक हों, तो αβγ का मान होगा
b/a
-c/a
-d/a
c/a
2
उत्तर: -d/a
त्रिघात बहुपद के शून्यकों का गुणनफल (αβγ) = -d/a होता है।
त्रिघात बहुपद के शून्यकों का गुणनफल (αβγ) = -d/a होता है।
बहुपद (y² - 3y + 1) . (y⁵ - 4y³ + y² + 3y) का घात है
6
7
3
4
1
उत्तर: 7
जब बहुपदों का गुणा किया जाता है, तो उनकी उच्चतम घातें जुड़ जाती हैं। (y²) × (y⁵) = y⁷।
जब बहुपदों का गुणा किया जाता है, तो उनकी उच्चतम घातें जुड़ जाती हैं। (y²) × (y⁵) = y⁷।
यदि 3x - 2y = 12 एवं 4x - 5y = 16 हो, तो
x = 4, y = 0
x = 0, y = 4
x = 4, y = 2
x = 1, y = 10
0
उत्तर: x = 4, y = 0
विकल्प (A) रखने पर: 3(4) - 0 = 12 (सही) और 4(4) - 0 = 16 (सही)।
विकल्प (A) रखने पर: 3(4) - 0 = 12 (सही) और 4(4) - 0 = 16 (सही)।
एक अर्द्धवृत्त जिसकी त्रिज्या 3r है, उसकी परिमिति होगी।
3πr + 3r
3πr + 6r
3πr + 9r
3πr
1
उत्तर: 3πr + 6r
अर्द्धवृत्त की परिमिति = πR + 2R। यहाँ R = 3r है।
अतः π(3r) + 2(3r) = 3πr + 6r।
अर्द्धवृत्त की परिमिति = πR + 2R। यहाँ R = 3r है।
अतः π(3r) + 2(3r) = 3πr + 6r।
निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या किसी घटना की प्रायिकता नहीं हो सकती है?
0.7
2.5
75%
4/5
1
उत्तर: 2.5
प्रायिकता का मान कभी भी 1 से अधिक नहीं हो सकता। 2.5 एक से बड़ा है।
प्रायिकता का मान कभी भी 1 से अधिक नहीं हो सकता। 2.5 एक से बड़ा है।
यदि घटना E की पूरक घटना E' है तो, निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
P(E) = P(E')
P(E) + P(E') = 0
P(E) + P(E') = 1
इनमें से कोई नहीं
2
उत्तर: P(E) + P(E') = 1
किसी घटना के होने और न होने की प्रायिकता का योग हमेशा 1 होता है।
किसी घटना के होने और न होने की प्रायिकता का योग हमेशा 1 होता है।
एक पासे की एक फेंक में 2 नहीं आने की प्रायिकता क्या है?
0
1/6
5/6
1/2
2
उत्तर: 5/6
2 आने की प्रायिकता = 1/6।
2 नहीं आने की प्रायिकता = 1 - 1/6 = 5/6।
2 आने की प्रायिकता = 1/6।
2 नहीं आने की प्रायिकता = 1 - 1/6 = 5/6।
अच्छी तरह फेंटे गए 52 ताश की एक गड्डी में से यादृच्छया एक पत्ता खींचा गया। इसके काले रंग के बादशाह होने की प्रायिकता क्या है?
1/13
1/26
2/39
इनमें से कोई नहीं
1
उत्तर: 1/26
काले रंग के बादशाह 2 होते हैं (हुकुम और चिड़ी)।
प्रायिकता = 2/52 = 1/26।
काले रंग के बादशाह 2 होते हैं (हुकुम और चिड़ी)।
प्रायिकता = 2/52 = 1/26।
यदि 24, 27, 28, 31, 34, x, 37, 40, 42, 45, 50 की माध्यिका 35 हो, तो x का मान है
35
36
34.5
35.5
0
उत्तर: 35
आँकड़े आरोही क्रम में हैं। कुल पद n = 11 (विषम)।
माध्यिका = (n+1)/2 वाँ पद = 6वाँ पद = x।
दिया है माध्यिका = 35, अतः x = 35।
आँकड़े आरोही क्रम में हैं। कुल पद n = 11 (विषम)।
माध्यिका = (n+1)/2 वाँ पद = 6वाँ पद = x।
दिया है माध्यिका = 35, अतः x = 35।
संचयी बारंबारता सारणी निम्न में से किसके निर्धारण में उपयोगी होता है?
माध्य
माध्यिका
बहुलक
इनमें से कोई नहीं
1
उत्तर: माध्यिका
माध्यिका (Median) ज्ञात करने के लिए संचयी बारंबारता (Cumulative Frequency) वक्र या सारणी का उपयोग किया जाता है।
माध्यिका (Median) ज्ञात करने के लिए संचयी बारंबारता (Cumulative Frequency) वक्र या सारणी का उपयोग किया जाता है।
माध्य, माध्यिका और बहुलक में कौन-सा संबंध सत्य है?
माध्य - बहुलक = 3 (माध्य - माध्यिका)
माध्य - बहुलक = 3 (माध्य + माध्यिका)
माध्य - बहुलक = 3 (बहुलक - माध्यिका)
इनमें से कोई नहीं
0
उत्तर: माध्य - बहुलक = 3 (माध्य - माध्यिका)
मूल सूत्र: बहुलक = 3 माध्यिका - 2 माध्य।
विकल्प (A) को सरल करने पर: माध्य - बहुलक = 3माध्य - 3माध्यिका => बहुलक = 3माध्यिका - 2माध्य।
मूल सूत्र: बहुलक = 3 माध्यिका - 2 माध्य।
विकल्प (A) को सरल करने पर: माध्य - बहुलक = 3माध्य - 3माध्यिका => बहुलक = 3माध्यिका - 2माध्य।
उपरोक्त वितरण में बहुलक वर्ग क्या है?
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhOEPrD_u40C8xktqzPwqrbvdXpUWoXPN8zVH_-YaB2vWyiYvim629efqjXjP8tf4lILAMPkJZsjsfVoydUHvZvNfGXgEe3f2e4UeWY5v3AS6EHQw3QAmmnqptSdw59GQhQ1R_qnoYK2PwkdWVgaKklFJcIGjbWOXWZtIpSOg_ozuo4bwbbexqEagwVmIM8/s1600/MATH.png
10-20
20-30
40-50
इनमें से कोई नहीं
1
उत्तर: 20-30
सबसे अधिक बारंबारता 45 है, जो वर्ग 20-30 की है।
सबसे अधिक बारंबारता 45 है, जो वर्ग 20-30 की है।
यदि x + 2, 2x + 3, 4x + 5 तथा 5x + 2 का माध्य 18 है, तो x का मान होगा।
5
6
3
15
0
उत्तर: 5
योग = 12x + 12। संख्या = 4। माध्य = (12x+12)/4 = 3x+3।
3x + 3 = 18 => 3x = 15 => x = 5।
योग = 12x + 12। संख्या = 4। माध्य = (12x+12)/4 = 3x+3।
3x + 3 = 18 => 3x = 15 => x = 5।
यदि बिन्दु R (a, b), बिन्दुओं P (0, 0) और Q(0, 2) को मिलानेवाली रेखाखण्ड पर है, तो निम्नलिखित में से कौन सही है?
a=0
a=2
b=0
इनमें से कोई नहीं
0
उत्तर: a=0
बिन्दु P और Q y-अक्ष पर स्थित हैं (x-निर्देशांक 0 है)। यदि R इसी रेखा पर है, तो उसका भी x-निर्देशांक (a) शून्य होना चाहिए।
बिन्दु P और Q y-अक्ष पर स्थित हैं (x-निर्देशांक 0 है)। यदि R इसी रेखा पर है, तो उसका भी x-निर्देशांक (a) शून्य होना चाहिए।
सरल रेखाओं x = 2 एवं y = -3 का प्रतिच्छेद बिन्दु है
(2, -3)
(-2, -3)
(2, 3)
(3, -2)
0
उत्तर: (2, -3)
x = 2 और y = -3 एक दूसरे को बिन्दु (x, y) यानी (2, -3) पर काटेंगे।
x = 2 और y = -3 एक दूसरे को बिन्दु (x, y) यानी (2, -3) पर काटेंगे।
यदि tan θ = 15/8, तो sin θ का मान होगा
8/17
8/15
15/17
17/8
2
उत्तर: 15/17
लम्ब = 15, आधार = 8, कर्ण = √(15²+8²) = 17।
sin θ = लम्ब/कर्ण = 15/17।
लम्ब = 15, आधार = 8, कर्ण = √(15²+8²) = 17।
sin θ = लम्ब/कर्ण = 15/17।
यदि (tan θ + cot θ) = 6 तो tan²θ + cot²θ का मान है
25
27
24
34
3
उत्तर: 34
(tan θ + cot θ)² = 6² => tan²θ + cot²θ + 2 = 36 => tan²θ + cot²θ = 34।
(tan θ + cot θ)² = 6² => tan²θ + cot²θ + 2 = 36 => tan²θ + cot²θ = 34।
यदि sec θ + tan θ + 1 = 0, तो sec θ - tan θ का मान है
1
-1
0
2
1
उत्तर: -1
sec θ + tan θ = -1। हम जानते हैं (sec θ - tan θ) = 1 / (sec θ + tan θ) = 1/-1 = -1।
sec θ + tan θ = -1। हम जानते हैं (sec θ - tan θ) = 1 / (sec θ + tan θ) = 1/-1 = -1।
यदि sin θ = √3/2, तो cosec θ + cot θ का मान है
2 + √3
2√3
√2
√3
3
उत्तर: √3
θ = 60°।
cosec 60° + cot 60° = 2/√3 + 1/√3 = 3/√3 = √3।
θ = 60°।
cosec 60° + cot 60° = 2/√3 + 1/√3 = 3/√3 = √3।
यदि 3 tan θ = 4, तो sin θ का मान है
3/5
4/5
3/4
4/3
1
उत्तर: 4/5
tan θ = 4/3 (लम्ब/आधार)। कर्ण = √(3²+4²) = 5।
sin θ = लम्ब/कर्ण = 4/5।
tan θ = 4/3 (लम्ब/आधार)। कर्ण = √(3²+4²) = 5।
sin θ = लम्ब/कर्ण = 4/5।
यदि sin θ = cos θ, 0 ≤ θ ≤ 90°, तो θ का मान है
30°
45°
60°
90°
1
उत्तर: 45°
sin θ = cos θ => tan θ = 1 => θ = 45°।
sin θ = cos θ => tan θ = 1 => θ = 45°।
(sin 30° + cos 45° - tan 60°) / (cot 30° - sin 45° - cos 60°) =
-1
0
1
2
0
उत्तर: -1
अंश: 1/2 + 1/√2 - √3
हर: √3 - 1/√2 - 1/2 = -(1/2 + 1/√2 - √3)
अंश और हर समान हैं परन्तु चिन्ह विपरीत है, अतः मान -1 है।
अंश: 1/2 + 1/√2 - √3
हर: √3 - 1/√2 - 1/2 = -(1/2 + 1/√2 - √3)
अंश और हर समान हैं परन्तु चिन्ह विपरीत है, अतः मान -1 है।
tan 30° sin 30° cot 60° cosec 30° =
1/√3
√3
1/2√3
1/3
3
उत्तर: 1/3
(1/√3) × (1/2) × (1/√3) × 2 = (1/3) × 1 = 1/3।
(1/√3) × (1/2) × (1/√3) × 2 = (1/3) × 1 = 1/3।
\u0935\u093E\u0939! \u0906\u092A\u0928\u0947 \u0915\u092E\u093E\u0932 \u0915\u0930 \u0926\u093F\u092F\u093E!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u092C\u0922\u093C\u093F\u092F\u093E! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u092E\u0947\u0939\u0928\u0924 \u0906\u092A\u0915\u094B \u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0920 \u092C\u0928\u093E \u0938\u0915\u0924\u093E \u0939\u0948!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u0916\u093C\u0930\u093E\u092C \u092A\u0930\u092B\u0949\u0930\u092E\u0947\u0902\u0938! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u091F\u094D\u0930\u093E\u0908 \u0915\u0930\u094B!
\u0915\u094B\u0908 \u092C\u093E\u0924 \u0928\u0939\u0940\u0902! \u0926\u094B\u092C\u093E\u0930\u093E \u0915\u094B\u0936\u093F\u0936 \u0915\u0930\u094B \uD83D\uDE0A
\u0938\u093E\u092E\u093E\u0928\u094D\u092F \u091C\u094D\u091E\u093E\u0928 \u0914\u0930 \u0917\u0923\u093F\u0924 \u0915\u094D\u0935\u093F\u091C\u093C
\u092A\u093F\u091B\u0932\u093E
\u0905\u0917\u0932\u093E
\u0938\u092E\u093E\u092A\u094D\u0924
\u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
\u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930
\u0917\u0932\u0924 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930
\u0938\u092E\u092F \u0932\u0917\u093E
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0938\u092E\u0940\u0915\u094D\u0937\u093E \u0926\u0947\u0916\u0947\u0902
\u0938\u092E\u0940\u0915\u094D\u0937\u093E \u091B\u093F\u092A\u093E\u090F\u0902
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\u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930 \u0926\u0947\u0916\u0947\u0902
\u092A\u0941\u0928\u0903 \u0936\u0941\u0930\u0942 \u0915\u0930\u0947\u0902
\u0915\u094D\u0935\u093F\u091C\u093C \u092A\u0942\u0930\u094D\u0923!
\u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930
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\u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924 \u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930
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\u0938\u0939\u0940!
\u0917\u0932\u0924!
\u0906\u092A\u0915\u093E \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0928\u0939\u0940\u0902 \u0926\u093F\u092F\u093E \u0917\u092F\u093E
\u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
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\u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
/
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0940\u0930\u094D\u0923 (PASS)
\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
\u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOPPER)
✓ \u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924
\u0917\u094D\u0930\u0947\u0921\u093F\u0902\u0917 \u092E\u093E\u0928\u0926\u0902\u0921
\u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOPPER)
\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
\u0938\u092B\u0932 (PASS)
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)