CLASS 12 PHYSICS - PAPER 2025 (Set D ) 117
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टूर्नामेंट नियम और नियम
नियम:
- प्रत्येक प्रश्न के लिए आपको पूर्वनिर्धारित समय सीमा के भीतर उत्तर देना होगा।
- एक बार उत्तर चुनने के बाद, आप इसे बदल नहीं सकते।
- टूर्नामेंट में आपके पास पूर्वनिर्धारित संख्या में प्रयास होंगे।
- उच्चतम स्कोर प्राप्त करने वाले प्रतिभागी विजेता होंगे।
- किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की स्थिति में आपको टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
नियम:
- टूर्नामेंट में कुल 2 प्रश्न होंगे।
- प्रत्येक सही उत्तर के लिए आपको 1 अंक मिलेगा।
- कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- टूर्नामेंट समाप्त होने के बाद, परिणामों की घोषणा की जाएगी।
- विजेताओं को पुरस्कार वितरण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
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दो समान धनावेशित बिन्दु आवेशों, जिनमें प्रत्येक पर 1 μC आवेश है, को 1 मीटर की दूरी पर वायु में रखा जाता है। इस निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा होगी
1 जूल
1 eV
9×10⁻³ जूल
शून्य
2
वैद्युत स्थितिज ऊर्जा U = (1/4πε₀) * (q₁q₂/r). यहाँ q₁ = q₂ = 1 μC = 10⁻⁶ C, r = 1 m. k = 9×10⁹. U = 9×10⁹ * (10⁻⁶ * 10⁻⁶)/1 = 9×10⁻³ J.
निम्नलिखित में से धारिता का मात्रक कौन-सा होता है ?
कूलॉम
ऐम्पियर
वोल्ट
कूलॉम/वोल्ट
3
धारिता C = Q/V, जहाँ Q कूलॉम में और V वोल्ट में है। इसलिए मात्रक कूलॉम/वोल्ट (फैराड) होता है।
किसी संधारित्र की धारिता निर्भर नहीं करती है
प्लेटों की आकृति पर
प्लेटों के आकार पर
प्लेटों के आवेश पर
प्लेटों के बीच की दूरी पर
2
धारिता संधारित्र की ज्यामिति (आकार, आकृति, दूरी) और माध्यम पर निर्भर करती है, आवेश पर नहीं।
किसी आवेशित चालक के बाहरी सतह पर विद्युत क्षेत्र होता है
सतह के समानांतर
सतह के लंबवत्
सतह के साथ 45° के कोण पर
शून्य
1
स्थिर वैद्युतिकी में आवेशित चालक की सतह पर विद्युत क्षेत्र रेखाएँ हमेशा सतह के लंबवत् होती हैं।
यदि किसी चालक को बाहरी विद्युत क्षेत्र में रखा जाए, तो चालक के अंदर का क्षेत्र क्या होगा ?
शून्य
बाहरी क्षेत्र के बराबर
बाहरी क्षेत्र का दुगुना
बाहरी क्षेत्र का आधा
0
चालक के अंदर मुक्त आवेश इस प्रकार पुनर्वितरित होते हैं कि वे बाहरी क्षेत्र को रद्द कर देते हैं, जिससे शुद्ध आंतरिक विद्युत क्षेत्र शून्य हो जाता है।
विपरीत चिह्न के दो बिन्दु आवेशों के लिए निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है ?
स्थितिज ऊर्जा हमेशा ऋणात्मक होती है
स्थितिज ऊर्जा हमेशा धनात्मक होती है
स्थितिज ऊर्जा धनात्मक या ऋणात्मक दोनों हो सकती है
स्थितिज ऊर्जा शून्य होती है
0
स्थितिज ऊर्जा U = k(q₁q₂/r). यदि आवेश विपरीत चिह्न के हैं (+q, -q), तो गुणनफल ऋणात्मक होगा, इसलिए U हमेशा ऋणात्मक होगी।
गॉस का नियम कहता है कि किसी बंद सतह से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स
संलग्न आवेश के समानुपाती होता है
संलग्न आवेश के व्युत्क्रमानुपाती होता है
शून्य होता है
संलग्न आवेश के वर्ग के समानुपाती होता है
0
गॉस का नियम: Φ = q/ε₀. फ्लक्स (Φ) संलग्न आवेश (q) के समानुपाती होता है।
किलोवाट-घंटा (kWh) मात्रक है
ऊर्जा का
शक्ति का
बल आघूर्ण का
बल का
0
किलोवाट-घंटा (kWh) विद्युत ऊर्जा का व्यावसायिक मात्रक है।
निम्न में से कौन-सा नियम ऊर्जा संरक्षण के सिद्धान्त पर आधारित है ?
एम्पियर का नियम
फैराडे का विद्युत-अपघटन नियम
लेंज का नियम
इनमें से कोई नहीं
2
लेंज का नियम ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत का पालन करता है। प्रेरित धारा की दिशा ऐसी होती है कि वह अपने उत्पन्न होने के कारण का विरोध करती है, जिसके लिए यांत्रिक कार्य करना पड़ता है।
जब किसी ऐमीटर को शंट किया जाता है तो इसकी माप सीमा
बढ़ती है
घटती है
स्थिर रहती है
इनमें से कोई नहीं
0
शंट (समांतर प्रतिरोध) जोड़ने से कुल प्रतिरोध कम हो जाता है और अधिक धारा प्रवाहित हो सकती है, जिससे माप सीमा बढ़ जाती है।
चुम्बकशीलता का विमीय सूत्र है
[MLT⁻²A⁻²]
[MLT²A⁻²]
[MLT²A²]
[MLT⁻²A]
0
चुम्बकशीलता (μ₀) का मात्रक T-m/A या N/A² होता है। न्यूटन (N) = MLT⁻², A = A. विमीय सूत्र = [MLT⁻²A⁻²].
√(μ₀/ε₀) का मात्रक है
न्यूटन/कूलॉम
ओम
हेनरी
फैराड
1
√(μ₀/ε₀) को मुक्त आकाश की प्रतिबाधा (Impedance of free space) कहते हैं, जिसका मात्रक ओम (Ohm) होता है (लगभग 377 Ω).
यदि किसी चल कुण्डली गैल्वेनोमीटर में फेरों की संख्या बढ़ा दी जाय तो इसकी सुग्राहिता (संवेदनशीलता)
बढ़ जाती है
घट जाती है
अपरिवर्तित रहती है
बढ़ सकती है या घट सकती है
0
धारा सुग्राहिता (Is) = NBA/C. फेरों की संख्या (N) बढ़ाने पर सुग्राहिता बढ़ जाती है।
उदासीन बिन्दुओं पर
B > BH
B < BH
B = BH
B = 0
2
उदासीन बिन्दुओं (Neutral points) पर चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र (B) पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक (BH) के बराबर और विपरीत होता है, जिससे परिणामी क्षेत्र शून्य हो जाता है। अतः B = BH.
यदि किसी प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान 10 A है, तो इसका वर्ग माध्य मूल मान होगा
5 A
7.07 A
10 A
14.14 A
1
Irms = I₀/√2 = 10/1.414 = 0.707 * 10 = 7.07 A.
शुद्ध विद्युत प्रेरकीय परिपथ में शक्ति गुणांक का मान होता है
0
1
0.5
अनंत
0
शुद्ध प्रेरकत्व (Inductive) परिपथ में वोल्टेज और धारा के बीच कालांतर 90° होता है। शक्ति गुणांक = cos 90° = 0.
केवल धारिता युक्त प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में धारा एवं वोल्टता के बीच कलांतर होता है
0°
90°
180°
45°
1
शुद्ध संधारित्र परिपथ में धारा वोल्टेज से 90° (π/2) आगे होती है।
अनुनाद की स्थिति में L-C परिपथ की आवृत्ति होता है
1 / (2π√LC)
2π√(LC)
2π√LC
(1/2π)√LC
0
अनुनाद आवृत्ति f = 1 / (2π√LC).
एक उच्चायी ट्रांसफार्मर की द्वितीयक कुंडली में धारा का मान प्राथमिक कुंडली की तुलना में होती है
बराबर
कम
अधिक
दोनों में कोई सम्बन्ध नहीं
1
उच्चायी (Step-up) ट्रांसफार्मर वोल्टेज बढ़ाता है (Vs > Vp) लेकिन धारा घटाता है (Is < Ip) ताकि शक्ति (P = VI) संरक्षित रहे।
उत्तल दर्पण से प्रतिबिम्ब सदैव बनता है
वक्रता केन्द्र तथा फोकस के बीच
वक्रता केन्द्र तथा अनन्त के बीच
ध्रुव तथा फोकस के बीच
इनमें से कोई नहीं
2
उत्तल दर्पण हमेशा ध्रुव (Pole) और फोकस (Focus) के बीच आभासी, सीधा और छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है।
यदि किसी माध्यम से निर्वात में संपूर्ण आन्तरिक परावर्तन के लिए क्रांतिक कोण 30° हो, तो माध्यम में प्रकाश का वेग है
3×10⁸ मी/से
1.5×10⁸ मी/से
6×10⁸ मी/से
4.5×10⁸ मी/से
1
n = 1/sin C = 1/sin 30° = 1/(0.5) = 2. वेग v = c/n = (3×10⁸)/2 = 1.5×10⁸ m/s.
दो आवेशों के बीच की दूरी आधी कर दी जाती है तथा एक आवेश को भी आधा कर दिया जाता है। दोनों के बीच लगने वाला बल, पहले की अपेक्षा हो जाएगा
आधा
दुगुना
तिगुना
इनमें से कोई नहीं
1
F ∝ (q₁q₂)/r². नया बल F' ∝ (q₁ * (q₂/2)) / (r/2)². F' ∝ (q₁q₂/2) / (r²/4) = 2(q₁q₂/r²) = 2F. बल दुगुना हो जाएगा।
एक इलेक्ट्रॉन को विभवान्तर V के अधीन विराम से त्वरित करने पर इसकी चाल होगी
V के समानुपाती
√V के समानुपाती
1/V के समानुपाती
V² के समानुपाती
1
गतिज ऊर्जा = qV. (1/2)mv² = qV. v = √(2qV/m). अतः v ∝ √V.
इलेक्ट्रान का विशिष्ट आवेश होता है
1.8×10⁻¹⁹ C/kg
1.67×10⁻¹⁹ C/kg
1.8×10¹¹ C/kg
6.67×10¹¹ C/kg
2
विशिष्ट आवेश (e/m) = (1.6×10⁻¹⁹ C) / (9.1×10⁻³¹ kg) ≈ 1.76×10¹¹ C/kg. निकटतम विकल्प (C) 1.8×10¹¹ C/kg है।
संधारित्रों के समानान्तर संयोजन में प्रत्येक संधारित्र के लिए कौन-सी राशि सम रहती है ?
आवेश
ऊर्जा
विभवांतर
धारिता
2
समानान्तर क्रम में सभी संधारित्रों के सिरों के बीच विभवांतर (Voltage) समान रहता है।
वायु में दो धनावेशों के बीच परावैद्युत पदार्थ रख देने पर इनके बीच प्रतिकर्षण बल का मान
बढ़ जायेगा
घट जायेगा
वही रहेगा
शून्य हो जाएगा
1
बल F = (1/4πεk)(q₁q₂/r²). परावैद्युत स्थिरांक k > 1 होता है, इसलिए माध्यम में बल वायु की तुलना में घट जाएगा (F_medium = F_air/k)।
0.2 μC के दो बराबर तथा विपरीत आवेशों के बीच की दूरी 3.0 सेमी है। इनका वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण होगा
6.0 कूलॉम-मीटर
6.0×10⁻⁸ कूलॉम-मीटर
12.0 कूलॉम-मीटर
12.0×10⁻⁸ कूलॉम-मीटर
1
p = q × 2l = 0.2×10⁻⁶ C × 3.0×10⁻² m = 0.6×10⁻⁸ Cm = 6.0×10⁻⁹ Cm. (नोट: विकल्पों में निकटतम मान 6.0×10⁻⁸ दिया है, शायद 0.2 की जगह 2.0 या 3.0 सेमी की जगह 30 सेमी हो सकता है, या यह 10 की घात में टाइपो है। गणना के अनुसार 6x10^-9 आ रहा है, लेकिन विकल्प B सबसे करीब लग रहा है अगर 0.2μC की जगह 2μC हो तो)। सही उत्तर (B) माना जाएगा।
एक बंद पृष्ठ के भीतर n वैद्युत द्विध्रुव स्थित हैं। बंद पृष्ठ से निर्गत कुल वैद्युत फ्लक्स
q/ε₀
2q/ε₀
nq/ε₀
शून्य
3
एक वैद्युत द्विध्रुव में कुल आवेश शून्य होता है (+q और -q). इसलिए n द्विध्रुवों का कुल आवेश भी शून्य होगा। गॉस के नियम से, कुल फ्लक्स = कुल आवेश/ε₀ = 0.
समान आयाम एवं समान तरंगदैर्घ्य की दो प्रकाश तरंगें अध्यारोपित की जाती हैं। यदि तरंग का आयाम महत्तम होगा जब उनके बीच कालान्तर है
शून्य
π/4
π/2
π
0
अधिकतम आयाम (संपोषी व्यतिकरण) के लिए कलान्तर 0, 2π, 4π... होना चाहिए। अतः शून्य।
ध्रुवित प्रकाश में कम्पन तल एवं ध्रुवण तल के बीच कोण है
0°
45°
90°
180°
2
कम्पन तल (Plane of vibration) और ध्रुवण तल (Plane of polarization) एक दूसरे के लंबवत् (90°) होते हैं।
निम्नलिखित में कौन-सी वैद्युत चुंबकीय तरंग नहीं है ?
अल्फा किरणें
गामा किरणें
अवरक्त किरणें
एक्स किरणें
0
गामा, अवरक्त और एक्स किरणें विद्युत चुंबकीय तरंगें हैं, जबकि अल्फा किरणें हीलियम नाभिक (कण) हैं।
किसी द्रव्यात्मक माध्यम में विद्युत-चुंबकीय तरंग की चाल निर्भर नहीं करती है
इसके तरंगदैर्घ्य पर
इसकी आवृत्ति पर
इसकी तीव्रता पर
इसकी परावैद्युतता पर
2
माध्यम में प्रकाश की चाल (v = c/n) अपवर्तनांक (जो आवृत्ति/तरंगदैर्घ्य पर निर्भर हो सकता है) और परावैद्युतता पर निर्भर करती है, लेकिन तीव्रता (intensity) पर निर्भर नहीं करती।
प्रकाश-वैद्युत उत्सर्जन की घटना में आपतित प्रकाश की तीव्रता बढ़ाने पर प्रकाश-वैद्युत धारा
बढ़ती है
घटती है
अपरिवर्तित रहती है
पहले बढ़ती है फिर नियत हो जाती है
0
प्रकाश विद्युत धारा आपतित प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है। तीव्रता बढ़ाने पर धारा बढ़ती है।
किसी गतिमान कण से सम्बद्ध डी ब्रोग्ली तरंग की तरंगदैर्घ्य निर्भर नहीं करती है
द्रव्यमान पर
आवेश पर
वेग पर
संवेग पर
1
डी ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य λ = h/mv = h/p. यह द्रव्यमान, वेग और संवेग पर निर्भर करती है, लेकिन कण के आवेश पर सीधे निर्भर नहीं करती।
फोटॉन के गतिज द्रव्यमान का सूत्र है
hv/c
hv/c²
hc/v
c²/hv
1
E = mc² और E = hv. इसलिए mc² = hv => m = hv/c².
यदि समान फोकस दूरी f के दो अभिसारी लेंस एक दूसरे के संपर्क में रखे हों, तब संयोजन की फोकस दूरी होगी
f
2f
f/2
3f
2
1/F = 1/f₁ + 1/f₂. यहाँ f₁ = f₂ = f. 1/F = 1/f + 1/f = 2/f. अतः F = f/2.
एक उत्तल लेंस की क्षमता 2 डायोप्टर है। इसकी फोकस दूरी होगी
20 सेमी
50 सेमी
40 सेमी
60 सेमी
1
f (मीटर में) = 1/P. f = 1/2 = 0.5 मीटर = 50 सेमी।
निम्नलिखित में कौन-सा रंगीन विपथन को कम करने के लिए लेंसों में उपयोग किया जाता है ?
उत्तल लेंस
अवतल लेंस
अवर्णक संयोग
बेलनाकार लेंस
2
वर्ण विपथन (Chromatic aberration) को दूर करने के लिए भिन्न-भिन्न पदार्थों के उत्तल और अवतल लेंसों का अवर्णक संयोग (Achromatic combination) प्रयोग किया जाता है।
एक उत्तल लेंस को किसी द्रव में डुबाया जाता है, जिसका अपवर्तनांक लेंस के पदार्थ के अपवर्तनांक के बराबर होता है, तब इसकी फोकस दूरी
शून्य होगी
अनंत होगी
घटेगी
बढ़ेगी
1
लेंस मेकर सूत्र: 1/f = (n₂/n₁ - 1)(1/R₁ - 1/R₂). यदि n₂ = n₁ (लेंस और द्रव का अपवर्तनांक समान), तो (1 - 1) = 0. 1/f = 0 => f = अनंत।
साबुन के बुलबुले रंगीन दिखाई देते हैं
विवर्तन के कारण
ध्रुवण के कारण
व्यतिकरण के कारण
परावर्तन के कारण
2
साबुन के बुलबुलों का रंगीन दिखना प्रकाश के व्यतिकरण (Interference) का परिणाम है।
निम्नलिखित में से किसे ध्रुवीकृत नहीं किया जा सकता है ?
ध्वनि तरंगें
प्रकाश तरंगें
रेडियो तरंगें
एक्स-रे
0
केवल अनुप्रस्थ तरंगों (Transverse waves) को ध्रुवीकृत किया जा सकता है। ध्वनि तरंगें अनुदैर्घ्य (Longitudinal) होती हैं, इसलिए उन्हें ध्रुवीकृत नहीं किया जा सकता।
एक व्यक्ति + 2D क्षमता का चश्मा (लेंस) प्रयोग करता है। उसका दृष्टि दोष है
निकट दृष्टि दोष
दूर दृष्टि दोष
जरा दृष्टि दोष
अबिन्दुकता
1
धनात्मक क्षमता (+2D) उत्तल लेंस की होती है, जिसका उपयोग दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia) के निवारण के लिए किया जाता है।
जब सिलिकॉन में बोरॉन को अशुद्धि के रूप में मिलाया जाता है तो परिणामी पदार्थ होता है
n-प्रकार का अर्द्धचालक
p-प्रकार का अर्द्धचालक
n-प्रकार का चालक
p-प्रकार का चालक
1
बोरॉन (त्रिसंयोजी) को सिलिकॉन (चतुर्संयोजी) में मिलाने पर होल्स (holes) बनते हैं, जिससे p-प्रकार का अर्द्धचालक बनता है।
n-प्रकार के अर्द्धचालक में अल्पसंख्यक आवेश वाहक होते हैं
इलेक्ट्रॉन
होल
इलेक्ट्रॉन तथा होल
इनमें से कोई नहीं
1
n-प्रकार के अर्द्धचालक में बहुसंख्यक वाहक इलेक्ट्रॉन होते हैं और अल्पसंख्यक वाहक होल (Holes) होते हैं।
कौन-सा लॉजिक गेट तब ही सही निर्गम देता है जब निवेश भिन्न हों ?
OR गेट
AND गेट
NOT गेट
XOR गेट
3
XOR (Exclusive OR) गेट का आउटपुट हाई (1) होता है यदि इनपुट असमान (0,1 या 1,0) हों।
पश्च अभिनत डायोड होता है
जेनर डायोड
LED
फोटो डायोड
(A) और (C) दोनों
3
जेनर डायोड और फोटो डायोड दोनों ही पश्च अभिनति (Reverse bias) में कार्य करते हैं। LED अग्र अभिनति में कार्य करता है।
NAND गेट के बूलियन व्यंजक है
A.B = Y
A + B = Y
A.B (bar) = Y
A + B (bar) = Y
2
NAND गेट AND का उलटा होता है। AND है A.B, इसलिए NAND का व्यंजक Y = A.B (bar) है। (विकल्प C सही है)।
फाइबर आप्टिक संचार में किस प्रकार की तरंगों का उपयोग किया जाता है ?
ध्वनि तरंगें
विद्युतचुंबकीय तरंगें
भूकंपीय तरंगें
यांत्रिक तरंगें
1
ऑप्टिकल फाइबर में प्रकाश तरंगों का उपयोग होता है जो विद्युतचुंबकीय तरंगें (Electromagnetic waves) हैं।
TV प्रसारण के लिए निम्नलिखित में से कौन आवृत्ति परास का उपयोग होता है ?
30 - 300 Hz
30 - 300 kHz
30 - 300 MHz
30 - 300 GHz
2
टेलीविजन प्रसारण के लिए VHF और UHF बैंड का उपयोग होता है, जिसकी आवृत्ति परास 30 MHz से 300 MHz तक होती है।
एक ही तत्व के समस्थानिकों के बीच मुख्य अंतर क्या है ?
प्रोटॉनों की संख्या
न्यूट्रॉनों की संख्या
इलेक्ट्रॉनों की संख्या
परमाणु संख्या
1
समस्थानिकों (Isotopes) में परमाणु संख्या (प्रोटॉन) समान होती है, लेकिन द्रव्यमान संख्या अलग होती है, जिसका कारण न्यूट्रॉनों की संख्या में अंतर होता है।
निम्नलिखित में कौन-सा रेडियोधर्मी क्षय का प्रकार नहीं है ?
अल्फा क्षय
बीटा क्षय
गामा क्षय
म्यूआन क्षय
3
रेडियोधर्मी क्षय के मुख्य तीन प्रकार हैं: अल्फा, बीटा, और गामा क्षय। म्यूआन क्षय रेडियोधर्मी क्षय का मानक प्रकार नहीं है।
500 nm तरंगदैर्घ्य वाले एक फोटान की ऊर्जा क्या होगी ?
4×10⁻¹⁹ J
2.5×10⁻¹⁹ J
1.2×10⁻¹⁸ J
6.6×10⁻¹⁹ J
0
E = hc/λ = (6.626×10⁻³⁴ × 3×10⁸) / (500×10⁻⁹) ≈ 3.97×10⁻¹⁹ J ≈ 4×10⁻¹⁹ J.
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की कौन-सी श्रेणी दृश्य भाग में पड़ती है ?
लाइमन श्रेणी
बामर श्रेणी
पाश्चन श्रेणी
ब्रैकेट श्रेणी
1
बामर श्रेणी (Balmer series) स्पेक्ट्रम के दृश्य क्षेत्र (visible region) में होती है। (लाइमन - पराबैंगनी, पाश्चन - अवरक्त)।
निम्नलिखित में कौन आवेश रहित कण है ?
α-कण
β-कण
प्रोटॉन
फोटॉन
3
अल्फा (धनात्मक), बीटा (ऋणात्मक), और प्रोटॉन (धनात्मक) आवेशित होते हैं। फोटॉन (Photon) आवेश रहित (neutral) होता है।
X-किरणें हैं
गतिमान इलेक्ट्रॉन
गतिमान धनात्मक आयन
गतिमान ऋणात्मक आयन
विद्युत-चुंबकीय तरंगें
3
X-किरणें उच्च ऊर्जा वाली विद्युत-चुंबकीय तरंगें (Electromagnetic waves) हैं।
1 amu की तुल्य ऊर्जा है
190 MeV
139 MeV
913 MeV
931 MeV
3
1 परमाणु द्रव्यमान मात्रक (amu) की ऊर्जा लगभग 931.5 MeV होती है।
100 μF धारिता वाले संधारित्र को 100 वोल्ट तक आवेशित करने पर उसमें संचित ऊर्जा होगी
0.5 जूल
5 जूल
50 जूल
100 जूल
0
U = (1/2)CV² = 0.5 × 100×10⁻⁶ × (100)² = 0.5 × 10⁻⁴ × 10⁴ = 0.5 जूल।
निम्नलिखित में किसका मात्रक वोल्ट-मीटर⁻¹ है ?
विद्युत फ्लक्स
विद्युत विभव
विद्युत क्षेत्र
विद्युत धारिता
2
विद्युत क्षेत्र E = V/d (वोल्ट/मीटर)। अतः मात्रक वोल्ट-मीटर⁻¹ विद्युत क्षेत्र का है।
वैद्युत चालन में चालक से मुक्त इलेक्ट्रॉनों का अपवाह वेग v एवं चालक के सिरों के बीच लगे विभवान्तर V के बीच सम्बन्ध है
V के अनुक्रमानुपाती
V के व्युत्क्रमानुपाती
V² के अनुक्रमानुपाती
V² के व्युत्क्रमानुपाती
0
अपवाह वेग v_d = (eE/m)τ = (eV/ml)τ. अतः v_d ∝ V. (अपवाह वेग विभवान्तर के समानुपाती होता है)।
एक चालक की वोल्टता V तथा धारा I के बीच ग्राफ एक सरल रेखा है, जो y-अक्ष (जो कि I को प्रदर्शित करता है) से θ कोण बनाती है। चालक का प्रतिरोध होगा
tan θ
cot θ
sin θ
cos θ
1
y-अक्ष पर I और x-अक्ष पर V हो तो ढाल (slope) = I/V = tan θ = 1/R. अतः R = 1/tan θ = cot θ.
विद्युत परिपथ की शक्ति होती है
V.R
V².R
V²/R
V².R.I
2
शक्ति P = V²/R.
ताप बढ़ने के साथ अर्द्धचालक का प्रतिरोध
बढ़ता है
घटता है
कभी बढ़ता है और कभी घटता है
अपरिवर्तित रहता है
1
अर्द्धचालकों में ताप बढ़ने पर सहसंयोजक बंध टूटते हैं, आवेश वाहक बढ़ते हैं, जिससे चालकता बढ़ती है और प्रतिरोध घटता है।
निम्नलिखित में कौन-सा प्रतिरोध R को व्यक्त करता है ?
ρ (l/A)
ρ (A/l)
l / (ρA)
lA / ρ
0
प्रतिरोध R = ρ (l/A). (जहाँ ρ प्रतिरोधकता है)।
लौह चुम्बकीय पदार्थ के लिए आपेक्षिक चुम्बकशीलता (μᵣ) का मान होता है
μᵣ < 1
μᵣ = 1
μᵣ > 1
μᵣ >> 1
3
लौह चुम्बकीय पदार्थों (Ferromagnetic) के लिए आपेक्षिक चुम्बकशीलता 1 से बहुत अधिक (>> 1) होती है।
R₁, R₂ और R₃ प्रतिरोधों के श्रृंखला परिपथ में प्रत्येक प्रतिरोध में प्रवाहित धारा
समान होती है
भिन्न होती है
शून्य होती है
प्रतिरोध के मूल्य के अनुपात में विभाजित होती है
0
श्रेणीक्रम (Series) संयोजन में सभी प्रतिरोधों से होकर एकसमान धारा प्रवाहित होती है।
धारा घनत्व की इकाई है
एम्पियर (A)
कूलाम (C)
एम्पियर प्रति वर्ग मीटर (A/m²)
वोल्ट प्रति मीटर (V/m)
2
धारा घनत्व J = I/A. मात्रक = एम्पियर/मीटर²।
यदि किसी चालक की लंबाई दुगुना कर दिया जाए और उसके ऊपर लगाई गई विभवांतर को स्थिर रखा जाए, तो इलेक्ट्रॉनों का अपवाह वेग
समान रहेगा
दोगुना हो जाएगा
आधा हो जाएगा
चार गुना हो जाएगा
2
अपवाह वेग v_d ∝ E ∝ V/l. यदि V स्थिर है और l दोगुना कर दिया जाए, तो v_d आधा (1/2) हो जाएगा।
धारा-वहन करने वाले परिनालिका के अंदर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा होती है
वृत्ताकार
अक्ष के समांतर
अक्ष के लंबवत्
अनियमित
1
परिनालिका (Solenoid) के अंदर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं लगभग सीधी और अक्ष के समांतर होती हैं।
निम्नलिखित में कौन-सा उपकरण विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित है ?
वोल्टमीटर
विद्युत मोटर
विद्युत जेनरेटर
एमीटर
2
विद्युत जनित्र (Dynamo/Generator) फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
एक परिनालिका का स्व-प्रेरकत्व निर्भर करता है
इसके माध्यम में बहने वाली धारा पर
प्रति इकाई लम्बाई में फेरों की संख्या पर
परिनालिका की लम्बाई पर
(B) और (C) दोनों
3
स्व-प्रेरकत्व L = μ₀n²Al = μ₀N²A/l. यह फेरों की संख्या, लंबाई और क्षेत्रफल पर निर्भर करता है। विकल्प (B) और (C) सही हैं।
\u0935\u093E\u0939! \u0906\u092A\u0928\u0947 \u0915\u092E\u093E\u0932 \u0915\u0930 \u0926\u093F\u092F\u093E!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u092C\u0922\u093C\u093F\u092F\u093E! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u092E\u0947\u0939\u0928\u0924 \u0906\u092A\u0915\u094B \u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0920 \u092C\u0928\u093E \u0938\u0915\u0924\u093E \u0939\u0948!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u0916\u093C\u0930\u093E\u092C \u092A\u0930\u092B\u0949\u0930\u092E\u0947\u0902\u0938! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u091F\u094D\u0930\u093E\u0908 \u0915\u0930\u094B!
\u0915\u094B\u0908 \u092C\u093E\u0924 \u0928\u0939\u0940\u0902! \u0926\u094B\u092C\u093E\u0930\u093E \u0915\u094B\u0936\u093F\u0936 \u0915\u0930\u094B \uD83D\uDE0A
\u0938\u093E\u092E\u093E\u0928\u094D\u092F \u091C\u094D\u091E\u093E\u0928 \u0914\u0930 \u0917\u0923\u093F\u0924 \u0915\u094D\u0935\u093F\u091C\u093C
\u092A\u093F\u091B\u0932\u093E
\u0905\u0917\u0932\u093E
\u0938\u092E\u093E\u092A\u094D\u0924
\u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
\u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930
\u0917\u0932\u0924 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930
\u0938\u092E\u092F \u0932\u0917\u093E
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0938\u092E\u0940\u0915\u094D\u0937\u093E \u0926\u0947\u0916\u0947\u0902
\u0938\u092E\u0940\u0915\u094D\u0937\u093E \u091B\u093F\u092A\u093E\u090F\u0902
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0938\u092E\u0940\u0915\u094D\u0937\u093E \u0938\u0942\u091A\u0940
\u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930 \u0926\u0947\u0916\u0947\u0902
\u092A\u0941\u0928\u0903 \u0936\u0941\u0930\u0942 \u0915\u0930\u0947\u0902
\u0915\u094D\u0935\u093F\u091C\u093C \u092A\u0942\u0930\u094D\u0923!
\u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930
\u0938\u092B\u0932\u0924\u093E\u092A\u0942\u0930\u094D\u0935\u0915 \u092A\u0942\u0930\u094D\u0923 \u0915\u0930\u0928\u0947 \u0915\u0947 \u0932\u093F\u090F
\u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924 \u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930
\u0938\u094D\u0915\u094B\u0930
\u0915\u0941\u0932 \u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
\u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930
\u0932\u093F\u092F\u093E \u0917\u092F\u093E \u0938\u092E\u092F
\u092A\u0930\u093F\u0923\u093E\u092E \u092A\u0930 \u0935\u093E\u092A\u0938 \u091C\u093E\u090F\u0902
\u0938\u0939\u0940!
\u0917\u0932\u0924!
\u0906\u092A\u0915\u093E \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0928\u0939\u0940\u0902 \u0926\u093F\u092F\u093E \u0917\u092F\u093E
\u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
\u0938\u094D\u092A\u0937\u094D\u091F\u0940\u0915\u0930\u0923:
\u0906\u092A\u0915\u093E \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0917\u0932\u0924 \u0925\u093E\u0964 \u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
\u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
/
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0940\u0930\u094D\u0923 (PASS)
\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
\u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOPPER)
✓ \u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924
\u0917\u094D\u0930\u0947\u0921\u093F\u0902\u0917 \u092E\u093E\u0928\u0926\u0902\u0921
\u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOPPER)
\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
\u0938\u092B\u0932 (PASS)
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)