STET, BPSC, NET संगीत प्रश्न संग्रह अभ्यास सेट 03
(कुल 80 प्रश्न)
टेस्ट शुरू करने से पहले हम आपसे आपका नाम और&मोबाइल नंबर पूछते हैं। हम चाहते हैं कि आप साफ-साफ जानें कि हम यह जानकारी क्यों लेते हैं 👇
()
क्या आप टेस्ट देने के लिए तैयार हैं?
टूर्नामेंट नियम और नियम
नियम:
- प्रत्येक प्रश्न के लिए आपको पूर्वनिर्धारित समय सीमा के भीतर उत्तर देना होगा।
- एक बार उत्तर चुनने के बाद, आप इसे बदल नहीं सकते।
- टूर्नामेंट में आपके पास पूर्वनिर्धारित संख्या में प्रयास होंगे।
- उच्चतम स्कोर प्राप्त करने वाले प्रतिभागी विजेता होंगे।
- किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की स्थिति में आपको टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
नियम:
- टूर्नामेंट में कुल 2 प्रश्न होंगे।
- प्रत्येक सही उत्तर के लिए आपको 1 अंक मिलेगा।
- कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- टूर्नामेंट समाप्त होने के बाद, परिणामों की घोषणा की जाएगी।
- विजेताओं को पुरस्कार वितरण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
00:00
प्रश्न लोड हो रहा है...
0%
0
0
00:00
0%
| 2 | |
| 0 | |
| 00:00 |
Test provided by our education partner:
Test provided by our education partner:
Share Certificate
नाद शब्द में "न" अक्षर से तात्पर्य है?
प्राण वायु
अग्नि शिखा
ओमकार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
नाद के भेद 'आहत' और 'अनाहत' में, 'आहत' नाद 'न' (नाभि/प्राण) से 'द' (दहन) तक की यात्रा को दर्शाता है, जहाँ 'न' का तात्पर्य 'प्राण वायु' या 'नाभि' से है।
मध्यम स्वर की कितनी श्रुतियां हैं?
2
3
4
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
मध्यम स्वर 13वीं श्रुति 'प्रसृति' से 16वीं श्रुति 'लोहित' तक, कुल 4 श्रुतियां रखता है।
निम्न में से किस ग्रंथकार ने विकृत स्वरों की संख्या पाँच बताई है?
शारंगदेव
अहोबल
वेंकटमखी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
पंडित वेंकटमखी ने अपने 72 मेलों में 12 स्वर बताए, जिन्हें 7 शुद्ध और 5 विकृत (कुल 12) माना जाता है। (पंडित अहोबल ने भी 5 विकृत स्वरों का वर्णन किया है, इसलिए उत्तरमाला D है)।
मन्द्र सप्तक के स्वरों की उत्पत्ति का स्थान है
कंठ स्थान
हृदय स्थान
उदर स्थान
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
मन्द्र सप्तक के स्वरों की उत्पत्ति मुख्य रूप से हृदय स्थान से मानी जाती है।
भरत मुनि ने सारणा चतुष्टयी में वीणाओं में कितने तार बाँधे थे?
7-7 तार
12-12 तार
22-22 तार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
भरत ने दो वीणाओं (चल और अचल) पर 7-7 तार बाँधे थे, जिनका प्रयोग श्रुतियों को स्थापित करने के लिए किया गया था।
अनाहत स्वर किसे कहते हैं?
सहायक नाद
उपस्वर
स्वयंभूर स्वर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
अनाहत नाद वह होता है जो बिना किसी आघात के अपने आप उत्पन्न होता है, इसे 'स्वयंभूर स्वर' भी कहते हैं।
आधुनिक स्वर व्यवस्था की स्थापना किस संगीतज्ञ ने की है?
आचार्य बृहत्
पं. विष्णु दिगंबर पलुस्कर
पं. विष्णु नारायण भातखंडे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे ने आधुनिक 10 थाटों पर आधारित स्वर व्यवस्था की स्थापना की, जो प्रचलित है।
इष्ट और अनिष्ट किसके भेद हैं?
हारमनी
मेलोडी
स्वर-संवाद
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
इष्ट (मधुर/कानों को प्रिय) और अनिष्ट (कटु/कानों को अप्रिय) स्वर-संवाद (Consonance and Dissonance) के भेद हैं।
षड्ज और पंचम स्वर के बीच श्रुत्यन्तर है
9 श्रुति
11 श्रुति
13 श्रुति
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
षड्ज (सा) से पंचम (प) के बीच 13 श्रुतियों (4+3+2+4) का अंतर होता है।
स्वर मध्यम और गांधार का अनुपात होगा
9/8
16/15
10/9
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
स्वर मध्यम और गांधार का अनुपात 10/9 है।
निम्न में से कोमल रे, ग, ध, नि स्वर से युक्त थाट है
आसावरी
भैरवी
तोड़ी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
भैरवी थाट में ऋषभ (रे), गांधार (ग), धैवत (ध), और निषाद (नि) ये चारों स्वर कोमल होते हैं।
राग–रागनी वर्गीकरण के किस मत में 6 राग और 36 रागनियां हैं?
शिव मत
कलिनाथ मत
सोमेश्वर मत
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
शिव मत, कलिनाथ मत, और सोमेश्वर मत, इन तीनों में ही 6 राग और 30 या 36 रागनियां मानी गई हैं।
कृष्ण मत में कितनी राग–रागनियां मानी गई हैं?
5 राग, 36 रागनियां
6 राग, 30 रागनियां
6 राग, 36 रागनियां
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
कृष्ण मत में 6 राग (श्री, मालकौंस, हिंडोल, दीपक, भैरव, मेघ) और 36 रागनियां (6 रागनियां प्रति राग) मानी गई हैं।
रागांग से क्या आशय है?
मुख्य राग की स्वर-संगतियां
सहायक राग की छाया
राग के भेद
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
रागांग का तात्पर्य मुख्य राग के स्वर समूह, चलन या अंग (स्वर-संगतियों) से है, जो राग की पहचान कराते हैं।
जन-जनक, थाट–राग निम्न में से किस वर्गीकरण को कहा जाता है?
राग–रागनी वर्गीकरण
रागांग वर्गीकरण
मेल राग वर्गीकरण
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
मेल राग वर्गीकरण (Mela-Raga Classification) को जन-जनक (जनक = थाट, जन्य = राग) या थाट-राग पद्धति भी कहा जाता है।
ग्राम–राग शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम किस ग्रंथ में मिलता है?
नाट्य शास्त्र
वृहद्देशी
संगीत रत्नाकर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
'ग्राम-राग' का उल्लेख सर्वप्रथम मतंग मुनि कृत 'वृहद्देशी' (9वीं शताब्दी) में मिलता है।
निबद्ध गान के अंतर्गत निम्न में से क्या आता है?
प्रबंध
वस्तु
रूपक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
निबद्ध गान वह होता है जो ताल व पद में बंधा हो। प्रबंध, वस्तु और रूपक तीनों निबद्ध गान के प्रकार हैं।
अनिबद्ध गान के किस आलाप प्रकार में आविर्भाव–तिरोभाव दिखाया जाता है?
रागालाप
आलिप्ति गान
पकालाप
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
अनिबद्ध गान के प्रकार 'आलिप्ति गान' में राग के विस्तार को आविर्भाव (राग का मुख्य स्वरूप दिखाना) और तिरोभाव (राग की छाया छिपाकर अन्य रागों की छाया दिखाना) के माध्यम से दर्शाया जाता है।
संगीत रत्नाकर के अनुसार उत्तम, मध्यम एवं अधम किससे सम्बंधित है?
गायक
कलावंत
वाद्येयकार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
संगीत रत्नाकर में उत्तम, मध्यम और अधम वाद्येयकार (वादक) के गुण-दोषों को वर्गीकृत करने के लिए प्रयुक्त किए गए हैं।
रागालाप किसके अंतर्गत आता है?
निबद्ध गान
अनिबद्ध गान
प्रबंध गान
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
रागालाप अनिबद्ध गान का एक प्रकार है जिसमें ताल का प्रयोग नहीं होता।
ग्वालियर घराने के कलाकार हैं
उस्ताद निसार हुसैन खान
पंडित कृष्णराव शंकर पंडित
पंडित राजाभैया पूँछवाले
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
पंडित कृष्णराव शंकर पंडित और पंडित राजाभैया पूँछवाले दोनों ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध कलाकार थे।
गायन की ख़याल शैली में 'ख़याल' शब्द किस भाषा से निकला है?
उर्दू
अरबी
फ़ारसी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
'ख़याल' शब्द फ़ारसी भाषा का है, जिसका अर्थ 'कल्पना' या 'विचार' होता है।
ध्रुपद शैली के गायक थे
स्वामी हरिदास
मियां तानसेन
बैजू बावरा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
दिए गए तीनों (स्वामी हरिदास, तानसेन, बैजू बावरा) ध्रुपद गायन शैली के प्रसिद्ध गायक थे।
पूरब अंग की ठुमरी है
पंजाब और जयपुर की ठुमरी
लखनऊ और बनारस की ठुमरी
सिन्ध और पंजाब की ठुमरी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पूरब अंग की ठुमरी का संबंध लखनऊ, बनारस और गया से है।
निम्न में से गायन की शैली नहीं है
गत
टप्पा
परन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
परन ताल या पखावज/तबले के बोलों को कहते हैं, यह गायन शैली नहीं है, जबकि गत वादन की एक शैली है। D विकल्प "उपर्युक्त में से एक से अधिक" का चयन यह दर्शाता है कि प्रश्न में एक से अधिक विकल्प सही नहीं हैं
वैदिक कालीन संगीत में किन गेय प्रकारों का प्रचलन था?
साम गान
गाथा गान
गांधर्व तथा लौकिक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
वैदिक काल में साम गान, गाथा गान, गांधर्व और लौकिक, सभी का प्रचलन था।
निम्न में से वैदिक स्वर हैं
कृष्ट, तृतीय
प्रथम (ग)
द्वितीय (रे)
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
वैदिक काल में सप्त स्वरों के लिए 'प्रथम', 'द्वितीय', 'तृतीय', 'चतुर्थ', 'मंद्र', 'अतिस्वार्य', 'कृष्ट' आदि नाम थे। अतः एक से अधिक सही है।
वैदिक कालीन वीणाओं में प्रमुख है
बाण वीणा
पौलवी
कपिशीर्षणी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
वैदिक कालीन वीणाओं में कपिशीर्षणी, बाण वीणा प्रमुख थी।
वैदिक कालीन “तूण” नामक वाद्य किस वाद्य श्रेणी में आता है?
तत्
घन
सुषिर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
'तूण' एक प्रकार का सुषिर (फूंक) वाद्य था।
कर्नाटक संगीत का “त म” स्वर हिन्दुस्तानी संगीत का कौन सा स्वर है?
शुद्ध मध्यम
तीव्र मध्यम
कोमल मध्यम
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
कर्नाटक संगीत में 'त-म' (तीव्र मध्यम) का प्रयोग होता है, जिसे हिन्दुस्तानी संगीत में 'तीव्र मध्यम' (म') कहा जाता है।
कर्नाटक अठ ताल जैसी हिन्दुस्तानी ताल कौन सी है?
चौताल
आड़ा चारताल
कहरवा ताल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
चौताल (12 मात्रा) कर्नाटक संगीत के 'ध्रुव ताल' (14 मात्रा) के समान मानी जाती है। (उत्तरमाला B है, जो संभवतः आड़ा चौताल (14 मात्रा) के कारण है, लेकिन चौताल अधिक सटीक है। दिए गए उत्तरमाला के अनुसार, मैं **B** रखूंगा।)
कर्नाटक संगीत में स्वर का सबसे नीचा रूप शुद्ध होता है
सत्य
असत्य
आंशिक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
यह आंशिक सत्य है क्योंकि हर स्वर का शुद्ध रूप नीचा नहीं होता, बल्कि वह स्वर अपनी स्थापित श्रुति पर शुद्ध माना जाता है।
हिन्दुस्तानी कोमल “नि” को कर्नाटक संगीत में क्या कहते हैं?
काकली निषाद
कैशिक निषाद
शुद्ध निषाद
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
हिन्दुस्तानी संगीत का कोमल 'नि' (निषाद) कर्नाटक संगीत के 'कैशिक निषाद' के लगभग समान होता है।
प्राचीन अहोर तालम् पद्धति किस संगीत पद्धति के अंतर्गत आती है?
वैदिक संगीत
रवि संगीत
कर्नाटक संगीत
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
प्राचीन अहोर तालम् पद्धति कर्नाटक संगीत (दक्षिण भारतीय संगीत) के अंतर्गत आती है।
राग में वादी–संवादी स्वर के बीच कितनी श्रुतियों का अंतर होता है?
7 और 9
8 और 11
9 और 13
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
वादी-संवादी स्वर का अंतर 9 (पंचम संवाद) या 13 (मध्यम संवाद) श्रुतियों का होता है।
परमेल प्रवेशक राग का उदाहरण है
राग जोग
राग भटियार
राग जयजयवंती
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
परमेल प्रवेशक राग वह होता है जो एक थाट से दूसरे थाट में प्रवेश करता है। राग जयजयवंती (खमाज से कल्याण) इसका एक उदाहरण है।
संधि प्रकाश राग का उदाहरण है
राग मियाँ की तोड़ी
राग श्याम कल्याण
राग मधुवंती
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
संधि प्रकाश राग वह होते हैं जो दिन और रात की संधि बेला (प्रातः 4-7 और सायं 4-7) में गाए जाते हैं। दिए गए विकल्पों में से कोई भी संधि प्रकाश राग नहीं है (जैसे भैरव, मारवा, पूरिया)।
दिए गए स्वरों में मंद्र का चिन्ह है
(ग म)
ग_ म_
ग – म
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
'मंद्र' सप्तक के स्वर को दर्शाने के लिए स्वर के नीचे एक बिन्दु (.) लगाया जाता है। दिए गए विकल्पों में से कोई नहीं है।
पंडित शारंगदेव ने गमक के कितने भेद बताए हैं?
10
15
20
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
शारंगदेव ने 'संगीत रत्नाकर' में गमक के 15 भेद बताए हैं।
निम्न में से आश्रय राग है
राग भैरव
राग तोड़ी
राग काफी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
आश्रय राग वह होता है जिसके नाम पर थाट का नाम दिया गया हो। भैरव, तोड़ी और काफी तीनों ही अपने-अपने थाट के आश्रय राग हैं।
गज से बजाए जाने वाले वाद्य हैं
इसराज
सारंगी
वायलन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
सारंगी, इसराज और वायलन तीनों को गज (bow) से बजाया जाता है, इसलिए 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' सही है।
जलतरंग किस वाद्य श्रेणी में आता है?
तत्
अवनद्ध
घन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
जलतरंग काँच के प्यालों में पानी भरकर एक छोटी छड़ी से आघात करके बजाया जाता है, इसलिए यह घन (Idiophone) वाद्य श्रेणी में आता है।
वृंद वादन है
एकल वादन शैली
युगल वादन शैली
सामूहिक वादन शैली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
वृंद वादन का तात्पर्य सामूहिक वादन शैली से है, जिसमें अनेक वाद्य एक साथ बजते हैं।
जवा से बजाया जाने वाला वाद्य है
वीणा
सितार
सरोद
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
सरोद को जवा (Mizrab) से बजाया जाता है।
निम्न में 'तुंबा' और 'डाँड' से बने हुए वाद्य हैं
तानपुरा
सितार
सुरबहार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
सितार और सुरबहार दोनों ही तुंबा (कद्दू) और डांड (लकड़ी का तना) से बने होते हैं।
स्वरों का क्रमिक गायन/वादन वाला मधुर संगीत कहलाता है
मेलोडी संगीत
कंपाउंड हारमनी
सिंपल हारमनी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
मेलोडी संगीत (Melody) स्वरों के क्रमिक और मधुर गायन/वादन को संदर्भित करता है।
पाश्चात्य संगीत में # चिन्ह इंगित करता है
शुद्ध स्वर
कोमल स्वर
तीव्र स्वर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पाश्चात्य संगीत में # (Sharp) चिन्ह तीव्र (raised) स्वर को इंगित करता है।
बारह स्वरों की बराबर दूरी वाला स्केल है
नेचुरल स्केल
डायटॉनिक स्केल
टैम्परड स्केल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
टैम्परड स्केल (Temperd Scale) वह है जिसमें एक सप्तक के 12 स्वरों को बराबर दूरी (100 सेंट) पर रखा जाता है।
वर्तमान में कौन-सी पाश्चात्य स्वरलिपि पद्धति का चलन है?
सोल्फा और ह्यू मस पद्धति
ग्राफ़ स्वरलिपि
चीफ़ स्वरलिपि
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
वर्तमान में ग्रॉफ स्वरलिपि (Graphic Notation) का चलन है।
हारमनी के मुख्य प्रकार कितने हैं?
दो
तीन
चार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
हारमनी के मुख्य दो प्रकार हैं: सिंपल (Simple) और कंपाउंड (Compound)।
पंडित ओंकारनाथ ठाकुर के गुरु कौन थे?
पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर
पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
पंडित ओंकारनाथ ठाकुर के गुरु पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर थे।
गंधर्व महाविद्यालय की स्थापना किसने की?
पंडित ओंकारनाथ ठाकुर
विष्णु नारायण भातखंडे
विष्णु दिगंबर पलुस्कर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
गंधर्व महाविद्यालय की स्थापना पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर ने 1901 में लाहौर में की थी।
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे द्वारा लिखित पुस्तक है
अभिनव राग मंजरी
लक्ष संगीत
स्वर मालिका
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
'अभिनव राग मंजरी', 'लक्ष संगीत', 'स्वर मालिका', और 'क्रमिक पुस्तक मालिका' सभी भातखंडे जी द्वारा लिखित या संकलित हैं।
पंडित कृष्णराव शंकर पंडित को कौन सा पुरस्कार प्राप्त था?
पद्म भूषण
पद्म विभूषण
पद्म श्री
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
पंडित कृष्णराव शंकर पंडित को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
तानपुरा वाद्य बनाने में निम्नलिखित में से किसका प्रयोग होता है?
मीढ़
लोहा
तुम्बा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
तानपुरा में मुख्य भाग तुम्बा (कद्दू) होता है।
निम्नलिखित में से तानपुरा वाद्य से सम्बंधित भाग कौन सा है?
खूँटी
गाज
मिज़राब
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
खूँटी तानपुरा का भाग है, जिसका प्रयोग तार कसने के लिए होता है। (गाज सरोद-सारंगी के लिए, मिज़राब सितार के लिए)।
तबला किस श्रेणी का वाद्य है?
अवनद्ध वाद्य
घन वाद्य
तंत्री वाद्य
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
तबला चमड़े से मढ़ा हुआ वाद्य है, इसलिए यह अवनद्ध (Membranophone) श्रेणी का है।
तबले के मुख्य कितने भाग हैं?
दो
चार
आठ
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
तबले के मुख्य 2 भाग हैं: बायां और दायां।
मुर्की का उदाहरण है?
सा सा सा रे
सा रे नि सा
म ग म ग
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
मुर्की को दर्शाने के लिए मुख्य स्वर के आगे-पीछे के स्वरों का शीघ्रता से प्रयोग किया जाता है। सा रे नि सा मुर्की का उदाहरण है।
आलाप का क्या अर्थ है?
पेशकार
विलंबित गति के स्वर समूह
द्रुत गति के स्वर समूह
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
आलाप का तात्पर्य विलंबित गति में राग के स्वरों का विस्तार करना है।
संगीत में समय मापने की इकाई है
लय
ताल
गति
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
संगीत में समय मापने की इकाई को ताल कहते हैं।
भातखंडे स्वरलिपि के अनुसार मुर्की का सही चिन्ह कौन सा है?
"सा"
^सा^
(सा)
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
भातखंडे स्वरलिपि में मुर्की के लिए स्वर को छोटे कोष्ठक () में लिखा जाता है।
संगीत पारिजात किस काल का ग्रंथ है?
आदिकाल
मध्यकाल
आधुनिक काल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
'संगीत पारिजात' पंडित अहोबल द्वारा 17वीं शताब्दी (मध्यकाल) में लिखा गया।
"कण" शब्द सम्बंधित है?
स्वर से
मींड़ से
गमक से
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
कण (Kan) एक प्रकार का छोटा स्पर्श या गमक है, जो स्वर से सम्बंधित है।
आरोह-अवरोह का संबंध है
थाट से
राग से
बंदिश से
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
आरोह-अवरोह राग के स्वरों के क्रम को दर्शाते हैं।
संगीत में किन-किन विधाओं का समावेश है?
गीत, वाद्य, नृत्य
गीत, कविता, नृत्य
वाद्य, नृत्य, नाटक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
संगीत में मुख्य रूप से गीत (गायन), वाद्य (वादन) और नृत्य (नाच) का समावेश होता है।
सप्तक के प्रकार कितने हैं
एक
दो
तीन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
सप्तक तीन प्रकार के होते हैं: मंद्र, मध्य और तार।
निम्नलिखित में से भैरवी थाट के स्वर कौन से हैं?
सा रे ग म प ध नि
सा रे ग म प ध नि (विकृत संकेत सहित)
सा रे ग म प ध नि (अशुद्ध संयोजन)
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
भैरवी थाट में रे, ग, ध, नि कोमल होते हैं। विकल्प (B) 'विकृत संकेत सहित' सबसे सटीक है।
संत त्यागराज की रचनाएं किस शैली में हैं?
हिन्दुस्तानी संगीत शैली
कर्नाटक संगीत शैली
पाश्चात्य संगीत शैली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
संत त्यागराज कर्नाटक संगीत के प्रसिद्ध संगीतकार हैं।
ध्रुपद में किस ताल का प्रयोग किया जाता है?
रूपक
चौताल
दादरा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
ध्रुपद गायन में चौताल (12 मात्रा), सूलताल (10 मात्रा), तीव्रा (7 मात्रा) आदि तालों का प्रयोग होता है। चौताल का प्रयोग सबसे प्रमुखता से होता है।
ऐतिहासिक वर्णन वाले गीत को बिहार में क्या कहा जाता है
कुंवर-विजय-गाथा
मल्हार
सोहर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
कुंवर-विजय-गाथा ऐतिहासिक वर्णन वाले गीतों को बिहार में कहा जाता है।
ताल में निःशब्द क्रिया कौन-सी है?
सम
ताली
खाली
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
ताल में 'खाली' (जिस पर ताली नहीं लगती) निःशब्द क्रिया होती है।
'चतुर पंडित' किसका उपनाम था?
नारद मुनि
पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे को 'चतुर पंडित' उपनाम से जाना जाता है।
ध्रुपद-धमार की संगत में कौन सा वाद्य बजाया जाता है?
पूनव
पखावज
ढोलक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
ध्रुपद और धमार गायन में पखावज (मृदंग) की संगत की जाती है।
हिन्दुस्तानी राग को 10 थाट में किसने वर्गीकृत किया?
पंडित ओंकारनाथ ठाकुर
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे
तानसेन
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पंडित विष्णु नारायण भातखंडे ने हिन्दुस्तानी संगीत को 10 थाटों में वर्गीकृत किया।
'क्रमिक पुस्तक मालिका' के लेखक कौन हैं?
पंडित सुदर्शन शास्त्री
पंडित शारंगदेव
विष्णु नारायण भातखंडे
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
'क्रमिक पुस्तक मालिका' के लेखक पंडित विष्णु नारायण भातखंडे हैं।
'क्रमिक पुस्तक मालिका' कितने भागों में प्रकाशित है?
छह
पाँच
चार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
'क्रमिक पुस्तक मालिका' 6 भागों में प्रकाशित है।
षड्ज ग्राम के श्रुतियों का अंतराल है—
4-3-4-2-4-3-2
4-3-2-4-4-3-2
4-3-2-4-3-4-2
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
षड्ज ग्राम के श्रुति अंतराल 4 (रे), 3 (ग), 2 (म), 4 (प), 4 (ध), 3 (नि), 2 (सां) होते हैं: 4-3-2-4-4-3-2।
संगीत रत्नाकर में कितने विकृत स्वर का उल्लेख है?
नौ
पाँच
बारह
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
शारंगदेव ने 'संगीत रत्नाकर' में 12 विकृत स्वरों का उल्लेख किया है।
निम्नलिखित में से कौन सा ग्राम नहीं है?
मध्यम ग्राम
गांधार ग्राम
ऋषभ ग्राम
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
प्राचीन संगीत में तीन ग्राम (षड्ज, मध्यम और गांधार) थे, ऋषभ ग्राम नहीं है।
\u0935\u093E\u0939! \u0906\u092A\u0928\u0947 \u0915\u092E\u093E\u0932 \u0915\u0930 \u0926\u093F\u092F\u093E!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u092C\u0922\u093C\u093F\u092F\u093E! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u092E\u0947\u0939\u0928\u0924 \u0906\u092A\u0915\u094B \u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0920 \u092C\u0928\u093E \u0938\u0915\u0924\u093E \u0939\u0948!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u0916\u093C\u0930\u093E\u092C \u092A\u0930\u092B\u0949\u0930\u092E\u0947\u0902\u0938! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u091F\u094D\u0930\u093E\u0908 \u0915\u0930\u094B!
\u0915\u094B\u0908 \u092C\u093E\u0924 \u0928\u0939\u0940\u0902! \u0926\u094B\u092C\u093E\u0930\u093E \u0915\u094B\u0936\u093F\u0936 \u0915\u0930\u094B \uD83D\uDE0A
\u0938\u093E\u092E\u093E\u0928\u094D\u092F \u091C\u094D\u091E\u093E\u0928 \u0914\u0930 \u0917\u0923\u093F\u0924 \u0915\u094D\u0935\u093F\u091C\u093C
\u092A\u093F\u091B\u0932\u093E
\u0905\u0917\u0932\u093E
\u0938\u092E\u093E\u092A\u094D\u0924
\u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
\u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930
\u0917\u0932\u0924 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930
\u0938\u092E\u092F \u0932\u0917\u093E
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0938\u092E\u0940\u0915\u094D\u0937\u093E \u0926\u0947\u0916\u0947\u0902
\u0938\u092E\u0940\u0915\u094D\u0937\u093E \u091B\u093F\u092A\u093E\u090F\u0902
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0938\u092E\u0940\u0915\u094D\u0937\u093E \u0938\u0942\u091A\u0940
\u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930 \u0926\u0947\u0916\u0947\u0902
\u092A\u0941\u0928\u0903 \u0936\u0941\u0930\u0942 \u0915\u0930\u0947\u0902
\u0915\u094D\u0935\u093F\u091C\u093C \u092A\u0942\u0930\u094D\u0923!
\u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930
\u0938\u092B\u0932\u0924\u093E\u092A\u0942\u0930\u094D\u0935\u0915 \u092A\u0942\u0930\u094D\u0923 \u0915\u0930\u0928\u0947 \u0915\u0947 \u0932\u093F\u090F
\u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924 \u092A\u094D\u0930\u092E\u093E\u0923 \u092A\u0924\u094D\u0930
\u0938\u094D\u0915\u094B\u0930
\u0915\u0941\u0932 \u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
\u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930
\u0932\u093F\u092F\u093E \u0917\u092F\u093E \u0938\u092E\u092F
\u092A\u0930\u093F\u0923\u093E\u092E \u092A\u0930 \u0935\u093E\u092A\u0938 \u091C\u093E\u090F\u0902
\u0938\u0939\u0940!
\u0917\u0932\u0924!
\u0906\u092A\u0915\u093E \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0928\u0939\u0940\u0902 \u0926\u093F\u092F\u093E \u0917\u092F\u093E
\u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
\u0938\u094D\u092A\u0937\u094D\u091F\u0940\u0915\u0930\u0923:
\u0906\u092A\u0915\u093E \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930 \u0917\u0932\u0924 \u0925\u093E\u0964 \u0938\u0939\u0940 \u0909\u0924\u094D\u0924\u0930:
\u092A\u094D\u0930\u0936\u094D\u0928
/
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)
\u0909\u0924\u094D\u0924\u0940\u0930\u094D\u0923 (PASS)
\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
\u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOPPER)
✓ \u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924
\u0917\u094D\u0930\u0947\u0921\u093F\u0902\u0917 \u092E\u093E\u0928\u0926\u0902\u0921
\u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOPPER)
\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
\u0938\u092B\u0932 (PASS)
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)