STET, BPSC, NET संगीत प्रश्न संग्रह अभ्यास सेट 08
(कुल 80 प्रश्न)
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- टूर्नामेंट में आपके पास पूर्वनिर्धारित संख्या में प्रयास होंगे।
- उच्चतम स्कोर प्राप्त करने वाले प्रतिभागी विजेता होंगे।
- किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की स्थिति में आपको टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
नियम:
- टूर्नामेंट में कुल 2 प्रश्न होंगे।
- प्रत्येक सही उत्तर के लिए आपको 1 अंक मिलेगा।
- कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- टूर्नामेंट समाप्त होने के बाद, परिणामों की घोषणा की जाएगी।
- विजेताओं को पुरस्कार वितरण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
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इनमें से किसने 14 स्वर माने हैं -
रामामात्य
अहोबल
श्री कण्ठ
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
संगीत ग्रंथ 'रस कौमुदी' के रचयिता श्री कण्ठ ने तथा रामामात्य ने 14 स्वर (7 शुद्ध, 7 विकृत) माने हैं।
पूर्णा, षाडवा, औड़विता और साधारणी किसके प्रकार हैं?
ग्राम
श्रुति
मूर्च्छना
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
पूर्णा, षाडवा, औड़विता मूर्च्छना के जाति भेद हैं, जो 7, 6, और 5 स्वरों के क्रम को दर्शाते हैं। 'साधारणी' एक प्रकार की मूर्च्छना या जाति भी है। (यह जाति-गायन के प्रकारों को भी दर्शाता है)।
राजाखानी गत की प्रकृति होती है -
चंचल
गंभीर
वक्र
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
राजाखानी गत द्रुत (तेज) लय की गत होती है, जिसमें 'मसीतखानी गत' की तुलना में अधिक चंचलता और लयकारी का प्रदर्शन किया जाता है।
भारत रत्न प्राप्त करने वाली प्रथम संगीतज्ञ M.S सुब्बुलक्ष्मी जी के कर्नाटक संगीत के गुरु कौन थे?
सोम्मानगुडी श्रीनिवास
नारायण राव व्यास
B. R देवधर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी जी को सोम्मानगुडी श्रीनिवास अय्यर से कर्नाटक संगीत में शिक्षा मिली थी।
नाट्यशास्त्र में नाटक के कितने प्रकार का उल्लेख मिलता है?
16
15
28
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
भरत मुनि के नाट्यशास्त्र में नाटक (रूपक) के 10 मुख्य प्रकार (दशरूपक) और 18 या 20 उप-प्रकारों (उप-रूपक) का वर्णन मिलता है। दिए गए विकल्प अप्रासंगिक हैं। (दस रूपक प्रमुख हैं)।
नाट्य शास्त्र में अभिनय के कितने पहलू पर प्रकाश डाला गया है?
4
9
7
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
नाट्यशास्त्र में अभिनय के 4 पहलुओं (चतुर्विध अभिनय) का वर्णन किया गया है: आंगिक, वाचिक, आहार्य, और सात्विक।
राग मधुवंती को पहले किस नाम से जाना जाता था?
हनुमत तोड़ी
ईमन
अंबिका
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
राग मधुवंती का प्राचीन नाम 'अंबिका' या 'मधुमालती' है
राग मधुवंती में रे और ध कोमल करने से किस राग के स्वर की प्राप्ति होती है?
तोड़ी
मुल्तानी
विभाष
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
राग मधुवंती में (ग कोमल, म तीव्र) होता है। यदि इसमें रे और ध कोमल कर दिया जाए, तो यह मुल्तानी के स्वर समूह (रे कोमल, ग कोमल, म तीव्र, ध कोमल) के समान हो जाता है।
नाद की तारता किस पर निर्भर करती है?
आंदोलन संख्या
कम्प विस्तार
जाति गुण
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
नाद की तारता (Pitch) उसकी 'आंदोलन संख्या' (Frequency) पर निर्भर करती है; जितनी अधिक आंदोलन संख्या, उतनी अधिक तारता।
Ms सुब्बुलक्ष्मी जी के बाद किस दूसरे हिंदुस्तानी संगीतज्ञ को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था?
भीमसेन जोशी
पंडित रविशंकर
लता मंगेशकर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी (1998, कर्नाटक) के बाद पंडित रविशंकर (1999) और लता मंगेशकर (2001) दोनों को 'भारत रत्न' मिला। भीमसेन जोशी को 2009 में मिला। चूंकि रविशंकर और लता मंगेशकर दोनों हिंदुस्तानी/उप-शास्त्रीय संगीत से संबंधित हैं, इसलिए D सही है।
ओंकार नाथ ठाकुर का जन्म कब हुआ था?
10 अगस्त 1860
24 जून 1897
24 जुलाई 1897
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पंडित ओंकार नाथ ठाकुर का जन्म 24 जून 1897 को हुआ था।
मिजराब का प्रयोग होता है -
सितार वादन में
गिटार वादन में
सरोद वादन में
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
मिजराब (जवा) धातु का बना एक पट्टा होता है जिसे उंगली में पहनकर सितार बजाया जाता है। सरोद पर 'जवा' (नकली नाखून) का प्रयोग नहीं होता है।
उद्गाता किस गान से संबंधित है -
साम
ध्रुपद
ठुमरी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
सामवेद के मंत्रों का गायन (साम गान) करने वाले मुख्य गायक को 'उद्गाता' कहा जाता था।
दो मात्रा में तीन मात्रा बोलने या लिखने को क्या कहते हैं?
आड़
कुआड़
बिआड़
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
दो मात्रा में तीन मात्रा बोलने या लिखने को 'आड़' (3/2) कहते हैं।
स्वतंत्र बाँट किस घराने में बजाई जाती है?
बनारस
फर्रुखाबाद
लखनऊ
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
बनारस घराने में उठान, परन, तिहाई जैसे शुद्ध और स्वतंत्र वादन की एक विशिष्ट शैली है, जिसे 'स्वतंत्र बाज' या 'स्वतंत्र बाँट' कहा जाता है। (लखनऊ में भी यह प्रयोग होता है, लेकिन बनारस अधिक प्रसिद्ध है)।
‘उठान’ किस घराने की विशेषता है?
बनारस
दिल्ली
लखनऊ
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
उठान (आमतौर पर तबला/पखावज पर बजाया जाने वाला एक विशिष्ट, दमदार टुकड़ा जो सम पर समाप्त होता है) बनारस घराने की एक प्रमुख विशेषता है।
परन को प्रचार में लाने का श्रेय किसे?
नाना साहब पानसे
कुदऊ सिंह
किशन महाराज
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
पखावज वादक कुदऊ सिंह (कुँवर श्याम सिंह) को परन (एक विशेष प्रकार की रचना) को प्रचार में लाने का श्रेय दिया जाता है।
रेला को प्रचार में लाने का श्रेय किसे?
नाना साहब पानसे
अहमद जान थिरकवा
किशन महाराज
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
रेला वादन का श्रेय नाना साहब पानसे को दिया जाता है)।
‘भावरंग लहरि’ नाम किससे जुड़ा है?
कल्लू खान
भवानी सिंह
बलवंत राय भट्ट
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
बलवंत राय भट्ट 'भावरंग' उपनाम से रचनाएँ करते थे और उन्होंने ही 'भावरंग लहरि' नामक पुस्तक लिखी थी।
‘सादरा’ किस ताल में गाया जाता है?
रुद्र ताल
झपताल
रूपक ताल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
सादरा झपताल (10 मात्रा), तीवरा (7 मात्रा) और सूल (10 मात्रा) या चौताल (12 मात्रा) जैसे तालों में गाया जाता है, जिनमें ध्रुपद शैली की रचनाएँ होती हैं। यह एक भारतीय शास्त्रीय गायन शैली है, जो ध्रुपद और ख्याल के बीच की है।
शुभंकर भट्ट ने किस ग्रंथ पर टीका लिखी है?
नाट्यशास्त्र
संगीत रत्नाकर
नारदीय शिक्षा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
शुभंकर भट्ट ने नारदीय शिक्षा पर टीका (व्याख्या) लिखी है।
‘ब्रह्म’ ताल में कितनी मात्राएँ होती हैं?
8
28
18
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
ब्रह्म ताल 28 मात्राओं का ताल है, जो अपने जटिल स्वरूप और विलंबित गति के लिए प्रसिद्ध है।
‘नोम-तोम’ आलाप किस घराने की विशेषता है?
दिल्ली
बनारस
आगरा
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
नोम-तोम का आलाप ध्रुपद गायन की विशेषता है और इसका अभ्यास आगरा घराने के गायकों में प्रमुखता से पाया जाता है।
समान मात्रा और समान विभाग वाला कौन-सा ताल है?
झपताल
रुद्र ताल
दादरा ताल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
झपताल (10 मात्रा, 4 विभाग: 2-3-2-3) और रुद्र ताल (11 मात्रा, 5 विभाग) समान मात्रा और विभाग वाले नहीं हैं। दादरा ताल (6 मात्रा, 2 विभाग: 3-3) में भी समान मात्रा और समान विभाग नहीं हैं।
जब चौथी ताली ‘धींना’ पर पड़े तो किस ताल का बोध होता है?
झपताल
रुद्र ताल
एकताल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
| धिं धिं | धागे तिरकिट | तू ना | कत् ता | धागे तिरकिट | धी ना |
| 0 | 2 | 0 | 3 | 4 |
जब ‘धीं’ पर सम होता है तो किस ताल का बोध होता है?
झपताल
रुद्र ताल
तीनताल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
झपताल के बोल: धीं, ना, धीं, धीं, ना, तीं, ना, धीं, धीं, ना। इसका सम (पहली मात्रा) ‘धीं’ पर पड़ता है।
वीणा के दंड पर कितनी सारिकाएँ होती हैं?
27
24
29
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
भरत के समय में वीणा पर 7 तारें और 22 श्रुतियाँ थीं। आधुनिक वीणा में सारिकाओं की संख्या भिन्न हो सकती है, लेकिन प्राचीन संदर्भ में 24 सारिकाएं (फेट्स) प्रमुख रूप से मानी जाती थीं, हालांकि 22 श्रुतियों से संबंधित भी मानी जाती थीं।
शारंगदेव ने अपने प्रबंधों का वर्णन कितने भागों में किया है?
3
4
6
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
शारंगदेव ने अपने ग्रंथ 'संगीत रत्नाकर' में प्रबंधों का वर्णन मुख्य रूप से तीन भागों (प्रकारों) में किया है, जिन्हें सामूहिक रूप से 'गीत' (निबद्ध गान) के वर्गीकरण के तहत रखा गया है।
ये तीन प्रकार हैं:
सूड़ (Suda): इसमें वे प्रबंध आते हैं जिनमें शुद्ध स्वरों का पारंपरिक रूप से उपयोग होता था। इसके अंतर्गत 'शालगसूड़' जैसे प्रकार शामिल थे।
आलि या आलिक्रम (Ali/Alikrama): इस श्रेणी में वे रचनाएँ आती थीं जिनमें मुख्य रूप से छंद और साहित्य (पद्य) का उपयोग होता था, जैसे कि आर्या, गाथा आदि।
विप्रकीर्ण (Viprakirna): यह सूड़ और आलि का मिश्रित रूप था। इसमें लोक संगीत के तत्व भी शामिल थे, जैसे लोरी, दोहाले आदि।
इसके अतिरिक्त, शारंगदेव ने प्रबंध की संरचना के आधार पर चार धातुओं (खंडों) और छह अंगों का भी वर्णन किया है, जो प्रबंध के अभिन्न अंग माने जाते थे:
‘लक्ष्मी’ ताल में कितने विभाग होते हैं?
4
18
9
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
लक्ष्मी ताल (जो एक अप्रचलित/दुर्लभ ताल है) में 18 मात्राएँ और 18 विभाग होते हैं।
‘शुद्ध शुड’ के कितने प्रकार वर्णित हैं?
4
8
9
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
शुड के शुद्ध प्रकार 8 माने गए हैं।
‘शालंग शुड’ के कितने प्रकार वर्णित हैं?
16
10
15
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
शालंग शुड के 10 प्रकार वर्णित हैं।
निम्नलिखित में से कौन-सा ‘मेजर टोन’ स्वरांतर है?
9/8
10/9
16/15
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
मेजर टोन (बड़ा स्वर) का स्वरांतर (स्वरान्तर) अनुपात 9/8 माना जाता है।
निम्नलिखित में से कौन-सा ‘माइनर टोन’ स्वरांतर है?
7/8
10/9
16/15
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
माइनर टोन (छोटा स्वर) का स्वरांतर अनुपात 10/9 माना जाता है।
निम्नलिखित में से कौन-सा ‘सेमिटोन’ स्वरांतर है?
7/8
10/9
16/15
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
सेमिटोन (अर्द्ध-स्वर) का स्वरांतर अनुपात 16/15 माना जाता है।
सा का पूरा नाम क्या होता है ?
गंधार
षड्ज
मध्यम
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
स्वर 'सा' का पूरा नाम 'षड्ज' (Shadja) होता है।
रूपक ताल में कितनी मात्राएँ होती हैं
5
6
7
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
हिंदुस्तानी संगीत में रूपक ताल 7 मात्रा का होता है।
मतंग ने किस ग्रंथ में देसी रागों का वर्णन किया है?
वृहद्देशी
संगीत रत्नाकर
नगमाते आसफी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
मतंग मुनि ने अपने ग्रंथ 'वृहद्देशी' में सबसे पहले देसी संगीत (राग) का विस्तृत वर्णन किया है।
संगीत का प्राण किसे माना जाता है?
राग
ताल
ठेका
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
संगीत (गायन, वादन) का मूल आधार 'ताल' है, जिसे संगीत का प्राण माना जाता है।
राग जौनपुरी में इनमें से किस राग की छाया दिखाई पड़ती है?
तिलक कामोद
देशकार
आसावरी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
राग जौनपुरी आसावरी थाट का राग है और इसमें कई बार 'आसावरी' राग की छाया दिखाई देती है।
दीनानाथ ने किस ग्रंथ का अनुवाद फारसी में किया है?
संगीत रत्नाकर
संगीत पारिजात
मानकौतुहल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
'संगीत पारिजात' की रचना पंडित अहोबल ने 17वीं शताब्दी (लगभग 1650 ईस्वी) में की थी। इस ग्रंथ का सन १७२४ ई० में दीनानाथ मिश्र द्वारा फ़ारसी भाषा में अनुवाद किया गया, जिससे यह संगीत ग्रंथ व्यापक दर्शकों तक पहुंच सका।
पाश्चात्य संगीत में शुद्ध स्वर सप्तक को कहा जाता है?
J - Mejor
F - Major
D - Minor
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
भारतीय शुद्ध सप्तक (बिलावल थाट) पाश्चात्य संगीत के 'C - Major' स्केल के समान है, जो विकल्पों में नहीं है।
अनुचर की उपमा किस स्वर को दी गई है?
वादी
संवादी
अनुवादी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
राग में वादी स्वर राजा, संवादी स्वर मंत्री और अनुवादी स्वर सेवक/अनुचर की भूमिका निभाता है।
लक्षण गीत संग्रह पुस्तक के रचयिता कौन है?
प्रलुस्कर
भातखंडे
ओंकारनाथ ठाकुर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
विष्णु नारायण भातखंडे ने 'भातखंडे संगीत-शास्त्र' के साथ 'लक्षण गीत संग्रह' (रागों के लक्षणों पर आधारित गीत संग्रह) की रचना की।
ग्राम का अर्थ होता है -
निवास स्थान
भ्रमण स्थान
चमकना या उभारना
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
संगीत के संदर्भ में ग्राम, श्रुतियों के 'निवास स्थान' (समूह) को कहा जाता है।
प्रत्येक ग्राम में कितनी श्रुतियां होती है?
21
22
7
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
प्रत्येक ग्राम (षड्ज ग्राम, मध्यम ग्राम, गांधार ग्राम) में कुल 22 श्रुतियाँ समाहित मानी गई हैं।
प्राचीन श्रुति स्वर व्यवस्था में निषाद किस श्रुति पर है?
4
22
13
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
प्राचीन श्रुति व्यवस्था (भरत/सारंगदेव) में निषाद (नि) को अंतिम श्रुति (22वीं) पर स्थापित किया गया था, जो अगले सप्तक के षड्ज (सा) से पहले है। (सा 4, रे 7, ग 9, म 13, प 17, ध 20, नि 22)।
षड्ज - पंचम संवाद किस ग्राम में मिलता है -
मध्यम ग्राम
निषाद ग्राम
षड्ज ग्राम
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
षड्ज-पंचम (सा-प) संवाद 'षड्ज ग्राम' की विशेषता है। मध्यम ग्राम में यह संवाद भंग हो जाता है।
किसी भी ग्राम के पहले स्वर को क्या कहा गया है?
ग्रामिक स्वर
अनुवादी स्वर
विवादी स्वर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
प्रत्येक ग्राम के पहले स्वर को 'ग्रामिक स्वर' कहा जाता है (जैसे षड्ज ग्राम का पहला स्वर षड्ज)।
मूर्च्छना का निर्माण किससे होता है?
थाट से
राग से
ग्राम से
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
मूर्च्छना (स्वरों का आरोह-अवरोह क्रम) की उत्पत्ति प्राचीन काल में 'ग्राम' से हुई थी (प्रत्येक ग्राम से 7 मूर्च्छनाएँ)।
ध्रुपद का आविष्कार किस शताब्दी में हुआ था?
18वीं शताब्दी
15वीं शताब्दी
19वीं शताब्दी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
ध्रुपद गायन शैली का विकास मुख्य रूप से 15वीं शताब्दी में ग्वालियर के राजा मान सिंह तोमर के संरक्षण में हुआ था।
नौबत खां के नाम से किन्हे जाना जाता है?
समोखन सिंह
ब्रज चन्द्र
श्री चन्द्र
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
समोखन सिंह (तानसेन के दामाद) को अकबर के दरबार में 'नौबत खां' की उपाधि से जाना जाता था।
इनमें से कौन ध्रुपद काव्य की भाषा नहीं है?
ब्रज भाषा
संस्कृत
हिंदी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
ध्रुपद की रचनाएँ मुख्यतः ब्रज भाषा या हिंदी में होती हैं, जबकि ध्रुपद की उत्पत्ति प्राचीन धार्मिक संगीत शैली 'प्रबंध' से हुई है, जिसकी मूल भाषा संस्कृत थी। इसलिए, कुछ पुराने ध्रुपद गीत संस्कृत में भी लिखे गए थे और शुरुआत में यह संगीत मंदिरों में संस्कृत में ही प्रस्तुत किया जाता था।
इनमें से कौन खुले बोलों की ताल नहीं है?
चार ताल
रुद्र ताल
सुलताल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
चार ताल, रुद्र ताल और सुलताल तीनों ही ध्रुपद (पखावज) अंग की तालें हैं, जो 'खुले बोलों' की श्रेणी में आती हैं।
खुले बोलों की ताल को क्या कहा जाता है?
थापिया बाज
पूर्वी बाज
स्वतंत्र बाज
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
खुले बोलों (पखावज) की तालों को 'थापिया बाज' (थाप का बाज) भी कहा जाता है, जो उनकी वादन शैली को दर्शाता है।
नोम तोम नती वेदा अनंत हरि जैसे शब्दों का प्रयोग किसके आलाप में किया जाता है?
ठुमरी
ध्रुपद
खयाल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
नोम-तोम आलाप ध्रुपद गायन का एक अभिन्न अंग है, जिसका प्रयोग ताल रहित राग विस्तार के लिए किया जाता है।
धमार को भिन्ना गीत के नाम से किसने संबोधित किया?
मतंग
भरत
शारंग देव
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
मतंग और शारंगदेव ने ध्रुपद शैली के एक रूप को 'भिन्ना गान' की श्रेणी में रखा था।
कृष्ण की रासलीलाओं का वर्णन किस गीत में किया जाता है?
ध्रुपद
ख्याल
धमार
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
धमार गायन शैली, जिसे 'होरी' भी कहा जाता है, मुख्य रूप से कृष्ण की रासलीलाओं और होली के प्रसंगों पर केंद्रित होती है।
खयाल के कितने भाग होते हैं?
2
4
7
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
खयाल के दो मुख्य भाग होते हैं: स्थायी और अंतरा। (पुराने ध्रुपद के समान 4 अंग हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से 2 ही गाए जाते हैं)।
ठुमरी इनमें से किस राग में गाई जाती है?
पीलू
भैरवी
मांड
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
ठुमरी प्रायः पीलू, भैरवी, और मांड जैसे हल्के, चंचल और भाव-प्रधान रागों में गाई जाती है।
चांद पिया किस ठुमरी के लिए प्रसिद्ध हैं?
बोल बनाव की ठुमरी
बोल बंद की ठुमरी
अर्थभाव की ठुमरी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
चांद पिया 'बोल बंद की ठुमरी' के लिए प्रसिद्ध है।
वाजिद अली शाह ठुमरी के किस प्रकार से संबंधित थे?
बोल बनाव की ठुमरी
बोल बंद की ठुमरी
अर्थभाव की ठुमरी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
अवध के नवाब वाजिद अली शाह (अख्तर पिया) ने 'बोल बनाव की ठुमरी' (लखनऊ अंग) को संरक्षण दिया और स्वयं रचनाएँ कीं।
ठुमरी के पूर्व बाज के अंतर्गत कौन आते हैं?
लखनऊ
बनारस
पंजाब
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
लखनऊ और बनारस घराने 'पूर्वी बाज' (बोल-बनाव की ठुमरी) के अंतर्गत आते हैं, जबकि पंजाब घराना 'पश्चिमी बाज' (तीव्र लय की ठुमरी) से संबंधित है।
टप्पा किस प्रकृति की गायन शैली है?
चंचल
गंभीर
अति विलंबित
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
टप्पा गायन शैली की विशेषता द्रुत लय और छोटी, घुमावदार तानें हैं, जो इसे एक चंचल प्रकृति प्रदान करती हैं।
कौन सी गायन विधा पंजाबी भाषा के बोल से संबंधित है?
ठुमरी
टप्पा
गजल
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
टप्पा गायन का जन्म पंजाब में हुआ और यह मुख्य रूप से पंजाबी भाषा के बोलों पर आधारित होता है।
दत्तिल ने मूर्च्छना के कितने भेद बताए हैं?
4
3
2
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
दत्तिल ने मूर्च्छना के 4 भेद बताए हैं।
दामोदर पंडित किस मुगल बादशाह के समकालीन माने जाते हैं?
समुद्रगुप्त
जहांगीर
अकबर
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
दामोदर पंडित (संगीत दर्पण के लेखक) 17वीं शताब्दी के आरंभिक काल में हुए, जो मुगल बादशाह जहाँगीर के समकालीन थे।
यामिनी कृष्णमूर्ति का संबंध किस शास्त्रीय नृत्य से है?
कुचिपुड़ी
भरतनाट्यम
ओडिसी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
3
यामिनी कृष्णमूर्ति भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी दोनों ही शास्त्रीय नृत्यों की महान नृत्यांगना रही हैं।
यामिनी कृष्णमूर्ति का जन्म कब हुआ था?
20 अगस्त 1939
20 दिसंबर 1940
12 जुलाई 1916
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
यामिनी कृष्णमूर्ति का जन्म 20 दिसंबर 1940 को हुआ था।
भुर्जी खां का जन्म कब हुआ था?
1880
1890
1923
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
भुर्जी खां (जयपुर-अतरौली घराने के उस्ताद अल्लादिया खान के पुत्र) का जन्म लगभग 1890 में हुआ था।
मोघुबाई कुर्डीकर का जन्म कब हुआ था?
1904
1912
1905
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
मोघुबाई कुर्डीकर का जन्म 15 जुलाई 1904 को हुआ था।
तबला का आविष्कार किस शताब्दी में हुआ था?
15वीं शताब्दी
16वीं शताब्दी
13वीं शताब्दी
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
तबले के विकास का श्रेय अक्सर अमीर खुसरो (13वीं शताब्दी) को दिया जाता है, जिन्होंने इसे पखावज को दो भागों में विभाजित करके बनाया।
ललित कला के अंतर्गत इनमें से कौन-सी कला नहीं आती?
मूर्तिकला
काव्यकला
वास्तुकला
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
पांच ललित कलाओं (Fine Arts) में संगीत, काव्य, चित्र, मूर्ति और वास्तुकला (आर्किटेक्चर) शामिल हैं। अतः दिए गए तीनों विकल्प ललित कला के अंतर्गत आते हैं।
प्रत्येक गीत के खंड/भाग को क्या कहा जाता है?
अवयव
मात्रा
टेक
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
गीत के प्रत्येक खंड (जैसे स्थायी, अंतरा) को 'अवयव' या अंग कहा जाता है। 'टेक' स्थायी की पहली पंक्ति होती है।
चतुरंग के अंगों में इनमें से कौन शामिल नहीं है?
सरगम
गीत के बोल
तराना
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
4
चतुरंग के चार अंग हैं: गीत (साहित्य/बोल), तराना (नोम-तोम), सरगम (स्वर), और परन/तबला बोल। अतः ये तीनों विकल्प शामिल हैं।
होली सामान्यतः किस राग में गाई जाती है?
काफी
तोरी
जयजयवंती
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
होली और फाग गीत प्रायः काफी जैसे चंचल तथा शृंगार रस प्रधान रागों/थाटों में गाए जाते हैं।
तबले में प्रयुक्त गट्टे की लंबाई कितनी होती है?
5 इंच
7 इंच
3 इंच
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
2
तबले के वादन में प्रयुक्त गट्टे (लकड़ी के टुकड़े) की औसत लंबाई लगभग 3 इंच (7.6 cm) होती है, हालांकि यह तबले के आकार पर निर्भर करता है।
तबले पर बजने वाली ‘तिहाई’ के कितने प्रकार हैं?
5
2
3
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
तिहाई के दो मुख्य प्रकार हैं: दमदार तिहाई (एक ठहराव के साथ) और बेदमदार तिहाई (बिना ठहराव के)।
‘झाला’ बजाया जाता है—
द्रुत लय में
सितार पर
जवा से
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
0
झाला सितार पर द्रुत लय में जवा (मिजराब) के साथ बजाया जाने वाला एक अंग है, जिसमें चिकारी के तारों का प्रयोग होता है।
आलाप के गायन के प्राचीन नियमों को क्या कहा जाता था?
रागालाप
स्वस्थान नियम
निबद्ध गान
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
प्राचीन संगीत में आलाप के लिए 'स्वस्थान नियम' (स्वर-स्थानों के आधार पर आरोहण/अवरोहण के नियम) का पालन किया जाता था।
उस्ताद अलाउद्दीन खां के पिता कौन थे?
मदार खां
साधु खां
विलायत/विलास खां
उपर्युक्त में से एक से अधिक
उपर्युक्त में से कोई नहीं
1
उस्ताद अलाउद्दीन खां (मैहर घराना) के पिता का नाम साधु खां (या सबदर हुसैन खान) था।
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/
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)
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✓ \u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924
\u0917\u094D\u0930\u0947\u0921\u093F\u0902\u0917 \u092E\u093E\u0928\u0926\u0902\u0921
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