STET, BPSC, NET MUSIC TURNAMANET 11 NOV 2025
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टूर्नामेंट के नियम
नियम:1
- प्रत्येक प्रश्न के लिए आपको 30 सेकंड की समय सीमा के भीतर उत्तर देना होगा।
- एक बार उत्तर चुनने के बाद, आप इसे बदल नहीं सकते।
- टूर्नामेंट की अवधि में आपके पास पूर्वनिर्धारित संख्या में केवल एक प्रयास होंगे। किन्तु टूर्नामेंट की अवधि (08 बजे रात्रि से 09:45 बजे रात्रि तक) पूर्ण होने पर आप इसी प्रश्न का अभ्यास दुबारा से कर पायेंगे जिसका स्कोर गिनती में नहीं आएगा |
- सबसे कम समय में 97.5% स्कोर प्राप्त करने वाले प्रतिभागी ही विजेता होंगे।
- किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की स्थिति में आपको टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
- एक बार लिंक ओपन होने पर आप रिफ्रेश नही कर सकते, रिफ्रेश करने पर आप दुबारा प्रतियोगिता में भाग नही ले सकते |
नियम:2
- टूर्नामेंट में कुल 200 प्रश्न होंगे।
- प्रत्येक सही उत्तर के लिए आपको 1 अंक मिलेगा।
- कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- टूर्नामेंट समाप्त होने के बाद, टेलीग्राम चैनल और Whatsapp ग्रुप में परिणामों की घोषणा की जाएगी और विजेता को 1000 रूपये का पुरस्कार ऑनलाइन भेजा जायेगा।
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राग बिहाग का सम्वादी स्वर क्या है?
रे
ध
ग
नि
3
राग बिहाग का वादी स्वर गांधार (ग) और संवादी स्वर निषाद (नि) है।
राग खमाज के आरोह में कितने स्वर लगते हैं?
4
6
3
8
1
राग खमाज के आरोह में ऋषभ (रे) वर्जित होता है, इसलिए इसमें 6 स्वर (सा ग म प ध नि सां) लगते हैं। इसकी जाति षाडव-सम्पूर्ण है।
षाड़व-षाड़व जाति के रागों में कितने स्वर लगते हैं?
5-6
5-7
6-6
6-7
2
षाड़व जाति का अर्थ 6 स्वरों का प्रयोग होता है। षाड़व-षाड़व जाति के रागों में आरोह और अवरोह दोनों में 6-6 स्वर लगते हैं।
राग बिहाग का गायन समय क्या है?
प्रातःकाल
अपराह्न
सायंकाल
रात्रिकाल
3
राग बिहाग का गायन-वादन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है।
सा म म प ध प म' प ध प म सा रे सा स्वर-समूह किस राग का है?
काफी
यमन
केदार
देश
2
यह स्वर-समूह राग केदार की एक विशिष्ट पहचान (पकड़) है।
रागों की जाति एवं उपजाति मिलाकर कुल संख्या कितनी होती है?
सात
आठ
नौ
दस
2
रागों की 3 मुख्य जातियाँ होती हैं - औडव (5 स्वर), षाडव (6 स्वर) और सम्पूर्ण (7 स्वर)। इनके मिश्रण से कुल 9 उपजातियाँ बनती हैं (जैसे औडव-षाडव, षाडव-सम्पूर्ण आदि)।
राग मालकौंश किस थाट के अंतर्गत आता है?
कल्याण
भैरवी
भैरव
नोड़ी
1
राग मालकौंश भैरवी थाट का एक प्रमुख राग है, जिसमें ग, ध, और नि स्वर कोमल लगते हैं।
निम्न में से सायंकालीन राग कौन-सा है?
भैरव
अल्हैया बिलावल
भीमपलासी
बिहाग
2
राग भीमपलासी का गायन समय दिन का तीसरा प्रहर यानी सायंकाल है।
राग भीमपलासी का वादी स्वर क्या है?
प
म
रे
नि
1
राग भीमपलासी का वादी स्वर मध्यम (म) तथा संवादी स्वर षड्ज (सा) है।
कौन-सा राग प्रातःकालीन है?
यमन
भैरव
काफी
बिहाग
1
राग भैरव एक प्रातःकालीन संधिप्रकाश राग है, जिसे सूर्योदय के समय गाया जाता है।
राग केदार का वादी-सम्वादी क्या है?
म-सा
रे-ध
ग-ध
ग-नि
0
राग केदार का वादी स्वर मध्यम (म) और संवादी स्वर षड्ज (सा) है।
राग भैरव का गायन समय क्या है?
सायंकाल
रात्रि का दूसरा प्रहर
प्रातःकाल
अपराह्न
2
राग भैरव को प्रातःकाल में, विशेषकर सूर्योदय के समय गाया जाता है।
राग खमाज का वादी-सम्वादी क्या है?
ध-ग
ग-नि
रे-ध
म-नि
1
राग खमाज का वादी स्वर गांधार (ग) और संवादी स्वर निषाद (नि) है।
राग बिलावल का वादी-सम्वादी क्या है?
ध-ग
रे-ध
ग-नि
रे-प
0
बिलावल थाट के आश्रय राग बिलावल का वादी स्वर धैवत (ध) और संवादी स्वर गांधार (ग) है।
विकृत स्वर के कौन से दो प्रकार हैं?
कोमल
तीव्र
कोमल एवं तीव्र
इनमें से कोई नहीं
2
विकृत स्वर दो प्रकार के होते हैं: कोमल (रे, ग, ध, नि) और तीव्र (म)।
कहरवा एवं रूपक ताल की मात्राओं का योग कितना होगा?
7
9
15
19
2
कहरवा ताल में 8 मात्राएँ और रूपक ताल में 7 मात्राएँ होती हैं। इन दोनों का योग 8 + 7 = 15 होता है।
तीनताल की तीसरी ताली किस मात्रा पर पड़ती है?
नौवीं
चौथी
सातवीं
तेरहवीं
3
तीनताल में पहली पर सम (पहली ताली), पाँचवीं पर दूसरी ताली और तेरहवीं मात्रा पर तीसरी ताली पड़ती है।
किस ताल में प्रत्येक विभाग में मात्राओं की संख्या भिन्न होती है?
एकताल
तीनताल
चारताल
धमार
3
धमार ताल में 14 मात्राएँ होती हैं और इसके विभाग 5, 2, 3 और 4 मात्राओं के होते हैं, जो सभी भिन्न हैं।
ख्याल गायन के साथ कौन-सा ताल प्रयुक्त होता है?
दादरा
कहरवा
धमार
एकताल
3
बड़े ख्याल के साथ मुख्य रूप से एकताल, तिलवाड़ा और झूमरा जैसी विलंबित तालों का प्रयोग होता है।
बाउल सांगीतिक शैली किस राज्य का है?
पंजाब
बिहार
पश्चिम बंगाल
गुजरात
2
बाउल संगीत, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की एक प्रसिद्ध लोक संगीत परंपरा है।
3|2|2 के विभाग वाले ताल कौन से हैं?
दादरा
कहरवा
रूपक
तीनताल
2
यह 7 मात्रा की रूपक ताल है, जिसके विभाग 3, 2, 2 के होते हैं। चिह्न क्रमशः खाली, दूसरी ताली और तीसरी ताली को दर्शाते हैं।
4थी मात्रा पर किस ताल में खाली है?
कहरवा
दादरा
झपताल
तीनताल
1
दादरा ताल 6 मात्रा की होती है जिसके दो विभाग (3-3) होते हैं। पहली मात्रा पर सम और चौथी मात्रा पर खाली होती है।
पकड़ किसका छोटा समुदाय है?
मात्रा
स्वर
ताल
थाट
1
पकड़, स्वरों का वह छोटा से छोटा समूह होता है जिससे किसी राग की स्पष्ट पहचान होती है।
कथकली एवं भरतनाट्यम किसके नाम हैं?
ताल
स्वर
नृत्य
नाटक
2
कथकली (केरल) और भरतनाट्यम (तमिलनाडु) भारत के प्रमुख शास्त्रीय नृत्यों के नाम हैं।
किस ताल में चार ताली और दो खाली हैं?
तीनताल
तिलवाड़ा
झपताल
एकताल
3
12 मात्राओं की एकताल में चार तालियाँ (1, 5, 9, 11) और दो खाली (3, 7) होती हैं।
सितार किस श्रेणी का वाद्य है?
घन
अवनद्ध
तत्
सुषिर
2
सितार एक 'तत्' वाद्य है, क्योंकि इसमें ध्वनि तारों (तंतु) के कंपन से उत्पन्न होती है।
एकताल एवं झपताल में कितनी मात्राओं का अंतर है?
2
8
4
6
0
एकताल में 12 मात्राएँ और झपताल में 10 मात्राएँ होती हैं। अतः इनका अंतर 2 मात्राओं का है।
उस्ताद जाकिर हुसैन किस घराने के तबला वादक हैं?
बनारस
पंजाब
अजराड़ा
फर्रुखाबाद
1
उस्ताद जाकिर हुसैन विश्वविख्यात तबला वादक हैं और वे अपने पिता उस्ताद अल्लारक्खा के पंजाब घराने का प्रतिनिधित्व करते हैं।
किस ताल में खाली पर सम है?
धमार
तीव्रा
रूपक
एकताल
2
रूपक ताल की पहली ही मात्रा पर 'खाली' का चिह्न होता है, जिसे सम भी माना जाता है।
हिन्दुस्तानी संगीत का क्षेत्र कौन-सा है?
तमिलनाडु
केरल
उत्तर प्रदेश
आंध्र प्रदेश
2
दिए गए विकल्पों में उत्तर प्रदेश, हिन्दुस्तानी संगीत का एक प्रमुख केंद्र है, जहाँ कई प्रसिद्ध घराने (जैसे बनारस, लखनऊ) स्थित हैं।
किस ताल में विभाग 2-3-2-3 का है?
रूपक
तीनताल
झपताल
एकताल
2
झपताल में कुल 10 मात्राएँ होती हैं, जो 2-3-2-3 के चार विभागों में बंटी होती हैं।
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में मूलभूत स्वर को क्या कहते हैं?
षडज
पंचम
मध्यम
निषाद
0
षड्ज (सा) को संगीत का आधार स्वर या मूलभूत स्वर माना जाता है।
निम्न में से किस थाट में सभी शुद्ध स्वरों का प्रयोग होता है?
भैरव
भैरवी
बिलावल
खमाज
2
बिलावल थाट में सभी सात स्वर (सा, रे, ग, म, प, ध, नि) शुद्ध रूप में प्रयोग होते हैं।
पंडित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर द्वारा रचित पुस्तक कौन-सी है?
क्रमिक पुस्तक मालिका
लक्ष्य संगीत
संगीत बाल प्रकाश
नाट्यशास्त्र
2
पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर ने संगीत शिक्षा के प्रसार हेतु बच्चों के लिए 'संगीत बाल प्रकाश' तथा 'बाल बोध' जैसी पुस्तकें लिखीं।
पं० रामचतुर मल्लिक किस घराने से आते हैं?
अमता
गया
बेतिया
डुमराँव
3
पं. रामचतुर मल्लिक ध्रुपद गायकी के दरभंगा घराने की डुमराँव परंपरा के एक प्रमुख गायक थे।
पं० अनोखेलाल कौन-सा वाद्य बजाते थे?
ढोलक
नाल
नगाड़ा
तबला
3
पं. अनोखेलाल मिश्र 'तबला के जादूगर' के नाम से विख्यात थे और वे बनारस घराने से संबंधित थे।
नाट्यशास्त्र में संगीत संबंधित कितने अध्याय हैं?
10
15-20
20-25
28-33
3
भरत मुनि द्वारा रचित 'नाट्यशास्त्र' में अध्याय 28 से लेकर 33 तक के छः अध्याय संगीत शास्त्र को समर्पित हैं।
पं० कण्ठे महाराज किस तबला घराने से संबंधित हैं?
दिल्ली
अजराड़ा
फर्रुखाबाद
बनारस
3
पद्म भूषण पं. कंठे महाराज बनारस घराने के एक ख्यातिप्राप्त तबला वादक थे।
'गीत गोविन्द' के लेखक कौन हैं?
भरत
शारंगदेव
जयदेव
अहोबल
2
'गीत गोविन्द' 12वीं सदी के संस्कृत कवि जयदेव की एक प्रसिद्ध काव्य रचना है।
पं० विश्वमोहन भट्ट कौन-सा वाद्य बजाते हैं?
सरोद
सितार
वायलिन
मोहन वीणा
3
ग्रैमी पुरस्कार विजेता पं. विश्वमोहन भट्ट 'मोहन वीणा' के आविष्कारक और वादक हैं, जो गिटार का एक संशोधित रूप है।
'लावणी' लोक नृत्य किस स्थान से संबंधित है?
मणिपुर
महाराष्ट्र
सिक्किम
राजस्थान
1
लावणी, महाराष्ट्र राज्य का एक लोकप्रिय लोक नृत्य और संगीत शैली है।
पं० भीमसेन जोशी के गुरु कौन थे?
पं० पलुस्कर
पं० भातखण्डे
पं० सवाई गंधर्व
उस्ताद करीम खाँ
2
भारत रत्न पं. भीमसेन जोशी, किराना घराने के सुप्रसिद्ध गायक थे और उनके गुरु पं. सवाई गंधर्व थे।
राग भैरव का वादी स्वर क्या है?
सा
ग
ध_
रे_
2
राग भैरव का वादी स्वर कोमल धैवत (ध) और संवादी स्वर कोमल ऋषभ (रे) है।
किस राग में दोनों मध्यम लगते हैं?
यमन
देश
बिहाग
काफी
2
राग बिहाग में शुद्ध मध्यम और तीव्र मध्यम दोनों का प्रयोग होता है।
भैरवी राग में कितने स्वर प्रयुक्त होते हैं?
5
6
7
4
2
राग भैरवी सम्पूर्ण जाति का राग है, अतः इसके आरोह और अवरोह दोनों में सात-सात स्वर प्रयोग होते हैं।
किस राग के आरोह में रिषभ और धैवत वर्जित हैं?
भैरव
भीमपलासी
यमन
देश
1
राग भीमपलासी की जाति औडव-सम्पूर्ण है, जिसके आरोह में ऋषभ (रे) और धैवत (ध) स्वर वर्जित होते हैं।
कौन-सा राग बिलावल थाट का है?
बिहाग
सारंग
भूपाली
खमाज
0
दिए गए विकल्पों में, राग बिहाग को बिलावल थाट से उत्पन्न माना जाता है।
किस राग में गांधार और निषाद कोमल हैं?
काफी
खमाज
बिहाग
केदार
0
राग काफी, काफी थाट का आश्रय राग है, और इसमें गांधार (ग) और निषाद (नि) स्वर कोमल लगते हैं।
राग बिहाग में कौन-सा 'निषाद' लगता है?
शुद्ध
कोमल
(A) तथा (B) दोनों
इनमें से कोई नहीं
0
राग बिहाग में शुद्ध निषाद (नि) का प्रयोग होता है।
कौन-सा राग अपराह्न काल में गाया-बजाया जाता है?
भैरव
अल्हैया बिलावल
बिहाग
भीमपलासी
3
राग भीमपलासी का गायन समय दिन का तीसरा प्रहर है, जिसे अपराह्न काल भी कहते हैं।
तीव्र म का प्रयोग किस राग में होता है?
यमन
काफी
बिहाग
भूपाली
0
राग यमन में तीव्र मध्यम (म तीव्र) का प्रयोग किया जाता है। यह कल्याण थाट का राग है।
किस राग में रिषभ, गांधार, धैवत और निषाद कोमल हैं?
भैरवी
भैरव
बिहाग
काफी
0
राग भैरवी में सभी चार विकृत स्वर - कोमल रे, ग, ध, नि - का प्रयोग होता है।
आश्रय राग कौन-सा है?
बिहाग
भूपाली
कल्याण
सारंग
2
आश्रय राग वह राग है जिसके नाम पर थाट का नामकरण होता है। कल्याण एक थाट भी है और एक राग भी।
जनक राग कौन है?
भैरव
देश
दुर्गा
खमाज
0
जनक राग उन रागों को कहते हैं जिनसे अन्य राग उत्पन्न होते हैं। ये थाट राग ही होते हैं। भैरव एक थाट भी है और राग भी, अतः यह जनक राग है।
किस राग में 'रे तथा प' नहीं लगता है?
बिहाग
भूपाली
मालकौश
काफी
2
राग मालकौंश औडव जाति का राग है, जिसमें ऋषभ (रे) और पंचम (प) स्वर वर्जित (नहीं लगते) होते हैं।
औड़व-संपूर्ण जाति के किसी राग के आरोह में कितने स्वर होते हैं?
5
6
7
12
0
औड़व-संपूर्ण जाति का अर्थ है कि राग के आरोह में औड़व (5 स्वर) और अवरोह में संपूर्ण (7 स्वर) लगते हैं। अतः आरोह में 5 स्वर होंगे।
राग भूपाली किस जाति का राग है?
संपूर्ण
षाडव-षाडव
औडव-औडव
औडव-सम्पूर्ण
2
राग भूपाली औडव-औडव जाति का राग है, क्योंकि इसके आरोह और अवरोह दोनों में पाँच-पाँच स्वर लगते हैं (म और नि वर्जित हैं)।
किस ताल में दो विभाग हैं?
दीपचंदी
तीनताल
रूपक
कहरवा
3
कहरवा ताल में 8 मात्राएँ होती हैं, जो 4-4 मात्राओं के दो विभागों में बँटी होती हैं।
'अनाहत नाद' किसे कहते हैं?
राग
ध्वनि
अव्यक्त ध्वनि
व्यक्त ध्वनि
2
संगीत में अनाहत नाद उस दिव्य (अव्यक्त) ध्वनि को कहते हैं जो बिना किसी आघात के उत्पन्न होती है और जिसे केवल सिद्ध योगी ही सुन सकते हैं।
तीव्रा ताल में कितनी मात्राएँ होती हैं?
सात
आठ
नौ
दस
0
तीव्रा ताल 7 मात्राओं की एक ताल है।
ठुमरी गायकी के साथ कौन-सा ताल बजता है?
एकताल
झपताल
दीपचन्दी
सूलताल
2
ठुमरी गायकी के साथ सामान्यतः दीपचंदी, जत, पंजाबी और कहरवा ताल का प्रयोग होता है।
लोकसंगीत में निम्न वाद्यों में से किसका प्रयोग होता है?
ढोलक
सरोद
पियानो
गिटार
0
ढोलक भारतीय लोक संगीत का एक अभिन्न अंग है और इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
सुषिर वाद्य कौन-सा है?
गिटार
वायलिन
शहनाई
सितार
2
जिन वाद्यों में हवा फूंककर ध्वनि उत्पन्न की जाती है, उन्हें सुषिर वाद्य कहते हैं। शहनाई, बांसुरी, शंख आदि इसी श्रेणी में आते हैं।
बिहार का लोक गीत कौन-सा है?
रागिणी
माहिया
बीहू
चैता
3
चैता (या चैती) बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक मौसमी लोक गीत है जो चैत्र मास में गाया जाता है।
हिन्दुस्तानी संगीत में कितने थाट हैं?
8
10
12
6
1
पं. विष्णु नारायण भातखंडे की पद्धति के अनुसार हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में 10 थाट माने गए हैं।
किसी भी ताल की पहली मात्रा कहलाती है
खाली
ताली
सम
विभाग
2
ताल की पहली मात्रा को 'सम' कहते हैं, जहाँ से ताल का चक्र शुरू होता है और जहाँ गायक और वादक मिलते हैं।
तबले में चमड़े से मढ़ा हुआ भाग क्या कहलाता है?
स्याही
मैदान
चाँटी
पुड़ी
3
तबले के ऊपर चमड़े से मढ़े हुए पूरे हिस्से को 'पुड़ी' कहा जाता है। स्याही, मैदान और चाँटी इसी पुड़ी के भाग हैं।
अचल स्वर कौन-सा है?
प
ग
ध
नि
0
सप्तक में दो स्वर अचल होते हैं - षड्ज (सा) और पंचम (प), क्योंकि इनके कोमल या तीव्र रूप नहीं होते।
शुद्ध और कोमल मिलाकर कुल स्वर कितने होते हैं?
9
10
11
12
3
एक सप्तक में कुल 12 स्वर होते हैं: 7 शुद्ध, 4 कोमल (रे, ग, ध, नि) और 1 तीव्र (म)। प्रश्न में शुद्ध और कोमल पूछा गया है, जो कुल 11 होते हैं, लेकिन आमतौर पर कुल स्वरों की संख्या 12 मानी जाती है।
एक सप्तक के अंतर्गत कितनी श्रुतियाँ होती हैं?
10
12
20
22
3
भारतीय संगीत शास्त्र के अनुसार एक सप्तक के अंतर्गत कुल 22 श्रुतियाँ मानी गई हैं।
बिलावल थाट के 'म' को तीव्र 'म' करने पर कौन-सा थाट बनेगा?
कल्याण
भैरव
भैरवी
तोड़ी
0
बिलावल थाट में सभी स्वर शुद्ध होते हैं। यदि इसमें सिर्फ शुद्ध मध्यम को तीव्र मध्यम कर दिया जाए और बाकी स्वर शुद्ध रखे जाएँ, तो यह कल्याण थाट बन जाता है।
तीनताल में कितने विभाग होते हैं?
2
3
4
5
2
तीनताल में 16 मात्राएँ होती हैं, जो 4-4 मात्राओं के चार विभागों में विभाजित होती हैं।
सबसे तीव्र लय किसकी है?
आलाप
स्वर-विस्तार
तान
बोल-विस्तार
2
तान, स्वरों का द्रुत गति (तीव्र लय) में किया जाने वाला विस्तार है। आलाप और स्वर-विस्तार धीमी गति में होते हैं।
स्वरों की कौन-सी जोड़ी अचल है?
सा-म
रे-ध
ग-नी
सा-प
3
षड्ज (सा) और पंचम (प) अचल स्वर कहलाते हैं क्योंकि इनके कोमल या तीव्र रूप नहीं होते और ये अपनी जगह पर स्थिर रहते हैं।
निम्न में से कौन उपशास्त्रीय संगीत है?
ठुमरी
ध्रुवपद
तराना
लक्षण गीत
0
ठुमरी एक भाव-प्रधान गायन शैली है जिसे उपशास्त्रीय संगीत की श्रेणी में रखा जाता है। ध्रुवपद पूर्णतः शास्त्रीय है।
निम्न में से किसे 'विलम्बित ख्याल' भी कहा जाता है?
मध्य लय
बड़ा ख्याल
द्रुत
छोटा ख्याल
1
'बड़ा ख्याल' को बहुत धीमी (विलंबित) लय में गाया जाता है, इसलिए इसे 'विलंबित ख्याल' भी कहा जाता है।
निम्न में से कौन कर्नाटक संगीत की एक शैली है?
झूमर
गजल
तिल्लाना
धमार
2
तिल्लाना, कर्नाटक संगीत की एक rythmic और द्रुत गति की गायन/नृत्य शैली है, जो हिंदुस्तानी संगीत के 'तराना' के समान है।
तीनताल के किस मात्रा पर दूसरी ताली है?
1
5
7
9
1
तीनताल में पहली मात्रा पर सम (पहली ताली), पाँचवीं मात्रा पर दूसरी ताली और तेरहवीं मात्रा पर तीसरी ताली होती है।
एक मात्रा में दो मात्रा दिखाना क्या कहलाता है?
ठाह लय
दुगुन लय
तिगुन लय
चौगुन लय
1
जब एक मात्रा के समय में दो मात्राएँ बोली या बजाई जाती हैं, तो उसे 'दुगुन' की लयकारी कहते हैं।
गीत के दूसरे भाग को क्या कहते हैं?
स्थायी
अंतरा
संचारी
आभोग
1
शास्त्रीय संगीत की बंदिश के चार भाग होते हैं: स्थायी, अंतरा, संचारी और आभोग। स्थायी के बाद दूसरा भाग 'अंतरा' कहलाता है।
दादरा ताल की ताली किस मात्रा पर है?
1
2
3
6
0
दादरा ताल में पहली मात्रा पर सम या ताली होती है और चौथी मात्रा पर खाली होती है।
झपताल की दूसरी ताली किस मात्रा पर है?
1
3
7
10
1
झपताल में पहली मात्रा पर सम (पहली ताली), तीसरी मात्रा पर दूसरी ताली और आठवीं मात्रा पर तीसरी ताली होती है।
ताल में निःशब्द क्रिया कौन-सी है?
सम
ताली
खाली
इनमें से कोई नहीं
2
ताल दिखाते समय जब हाथ से ताली नहीं बजाई जाती, बल्कि हाथ को एक ओर हिलाया जाता है, उस निःशब्द क्रिया को 'खाली' कहते हैं।
निम्न में से पखावज वादक कौन हैं?
पं० रामशीष पाठक
पं० रविशंकर
पं० हरि
पं० शिवकुमारी शर्मा
0
दिए गए विकल्पों में से पं. रामशीष पाठक एक प्रसिद्ध पखावज वादक हैं।
ख्याल गायकी से कौन संबंधित हैं?
पुण्डरीक विठ्ठल
अभिनव गुप्त
अदारंग-सदारंग
महाराणा कुम्भा
2
'अदारंग' (नियामत खाँ) और 'सदारंग' (फिरोज खाँ) को मुहम्मद शाह रंगीले के दरबार में ख्याल गायकी को प्रचारित और लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है।
आगरा घराने से कौन संबंधित हैं?
करीम खाँ
भीमसेन जोशी
फैयाज खाँ
जाकिर हुसैन
2
उस्ताद फैयाज खाँ आगरा घराने के 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध गायकों में से एक थे।
'संगीत रत्नाकर' में कितने अध्याय हैं?
7
8
9
10
0
शारंगदेव द्वारा रचित 'संगीत रत्नाकर' में सात अध्याय हैं, जिन्हें 'सप्ताध्यायी' भी कहा जाता है।
पं० भीमसेन जोशी का संबंध किस विधा से है?
कंठ संगीत
तबला
सितार
पखावज
0
भारत रत्न पं. भीमसेन जोशी हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के किराना घराने के एक विश्वविख्यात गायक (कंठ संगीत) थे।
निम्न में से भारत रत्न से विभूषित कौन हैं?
पं० रविशंकर
उस्ताद जाकिर हुसैन
पं० किशन महाराज
उस्ताद साविर खान
0
प्रसिद्ध सितार वादक पं. रविशंकर को 1999 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।
पं० अनोखेलाल का संबंध किस घराने से है?
बनारस
दिल्ली
आगरा
पंजाब
0
'तबला के जादूगर' कहे जाने वाले पं. अनोखेलाल मिश्र बनारस घराने के एक महान तबला वादक थे।
अवनद्ध वाद्य कौन-सा है?
सितार
तबला
इसराज
शहनाई
1
जिन वाद्यों पर चमड़ा मढ़ा होता है और जिन पर आघात करके ध्वनि उत्पन्न की जाती है, उन्हें अवनद्ध वाद्य कहते हैं, जैसे तबला, ढोलक, पखावज।
पं० सियाराम तिवारी किस शैली के गायक थे?
ख्याल
ध्रुवपद
लोकगीत
ठुमरी
1
पं. सियाराम तिवारी दरभंगा घराने के एक सुप्रसिद्ध ध्रुपद (ध्रुवपद) गायक थे।
'क्रमिक पुस्तक मालिका' के लेखक कौन हैं?
भातखण्डे
अहोबल
पलुस्कर
भरत
0
'क्रमिक पुस्तक मालिका' 6 भागों में प्रकाशित एक महत्वपूर्ण संगीत ग्रंथ है जिसके लेखक पं. विष्णु नारायण भातखंडे हैं।
डॉ० एन० राजम कौन-सा वाद्य बजाती हैं?
सरोद
सितार
संतूर
वायलिन
3
पद्म भूषण डॉ. एन. राजम एक विश्वविख्यात वायलिन वादिका हैं।
राग भैरव में कौन से दो स्वर कोमल लगते हैं?
रे-ध
ग-नि
ग-ध
रे-नि
0
राग भैरव में ऋषभ (रे) और धैवत (ध) स्वर कोमल लगते हैं।
राग भीमपलासी की जाति क्या है?
औड़व-औड़व
औड़व-सम्पूर्ण
षाड़व-षाड़व
षाड़व-सम्पूर्ण
1
राग भीमपलासी की जाति औड़व-सम्पूर्ण है, क्योंकि इसके आरोह में 5 स्वर (रे, ध वर्जित) और अवरोह में सभी 7 स्वर लगते हैं।
राग देश के आरोह में कौन-से दो स्वर नहीं लगते हैं?
रे-प
रे-नि
म-सा
ग-ध
3
राग देश की जाति औड़व-सम्पूर्ण है। इसके आरोह (सा रे म प नि सां) में गांधार (ग) और धैवत (ध) स्वर नहीं लगते हैं।
किस राग में 'रे_ ध_' लगते हैं?
काफी
भैरव
खमाज
यमन
1
यह भैरव थाट का लक्षण है, जिसमें रे_ और ध_ कोमल तथा अन्य स्वर शुद्ध होते हैं। राग भैरव इसी थाट का आश्रय राग है।
कौन-सा राग प्रातः कालीन नहीं है?
भैरव
अल्हैया बिलावल
बिहाग
भैरवी
2
भैरव, अल्हैया बिलावल और भैरवी प्रातःकालीन राग हैं, जबकि राग बिहाग का गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है।
राग बिहाग का वादी स्वर क्या है?
सा
ग
प
नि
1
राग बिहाग का वादी स्वर गांधार (ग) और संवादी स्वर निषाद (नि) है।
रागों की कुल कितनी जातियाँ होती हैं?
2
9
6
3
3
स्वरों की संख्या के आधार पर रागों की तीन मुख्य जातियाँ होती हैं: औडव (5 स्वर), षाडव (6 स्वर), और सम्पूर्ण (7 स्वर)।
राग भीमपलासी का वादी स्वर क्या है?
धैवत
गांधार
मध्यम
ऋषभ
2
राग भीमपलासी का वादी स्वर मध्यम (म) है |
निम्न में से कौन-सा एक राग एवं थाट दोनों का नाम है?
यमन
बिहाग
काफी
बिलावल
3
बिलावल, काफी, भैरवी, यमन (कल्याण), खमाज, मारवा आदि ऐसे नाम हैं जो थाट के भी हैं और उस थाट के आश्रय राग के भी। दिए गए विकल्पों में बिलावल और काफी दोनों सही हैं, लेकिन अक्सर बिलावल को प्रमुख माना जाता है।
राग देश किस थाट का राग है?
काफी
कल्याण
मारवा
खमाज
3
राग देश खमाज थाट से उत्पन्न राग है।
निम्न में कौन-सा राग सायंकालीन है?
यमन
बिलावल
भैरव
अल्हैया बिलावल
0
राग यमन का गायन-वादन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है, जो सायंकाल से शुरू होता है।
किस राग में तीव्र मध्यम लगता है?
यमन
बिलावल
देश
काफी
0
कल्याण थाट के रागों में तीव्र मध्यम का प्रयोग होता है, और यमन इसी थाट का प्रमुख राग है।
राग काफी में कौन-सा कोमल स्वर जोड़ी लगता है?
रे-ध
ग-ध
ग-नि
रे-नि
2
राग काफी में गांधार (ग) और निषाद (नि) स्वर कोमल लगते हैं।
रूपक ताल में कितनी मात्राएँ हैं?
8
7
6
9
1
रूपक ताल 7 मात्राओं की एक ताल है।
संगीत में कौन से दो स्वर अचल स्वर हैं?
ध-ग
ग-नि
सा-प
रे-ध
2
षड्ज (सा) और पंचम (प) को अचल स्वर कहा जाता है क्योंकि वे कभी कोमल या तीव्र नहीं होते।
तबला किस श्रेणी का वाद्य है?
तत्
अवनद्ध
घन
सुषिर
1
चमड़े से मढ़े हुए वाद्यों को अवनद्ध वाद्य कहते हैं, जैसे तबला, ढोलक, पखावज आदि।
पं० वी०जी० जोग कौन-सा वाद्य बजाते थे?
सरोद
सितार
वायलिन
सारंगी
2
पद्म भूषण पं. विष्णु गोविंद जोग (वी. जी. जोग) भारत के एक अग्रणी वायलिन वादक थे।
नाद की कितनी विशेषताएँ होती हैं?
2
3
4
5
1
नाद की तीन मुख्य विशेषताएँ मानी जाती हैं: नाद का ऊँचा-नीचापन (तारता), नाद का छोटा-बड़ापन (तीव्रता), और नाद की जाति अथवा गुण।
स्वरों के उतरते हुए क्रम को क्या कहते हैं?
पकड़
आरोह
अवरोह
स्थाई
2
स्वरों के ऊपर से नीचे की ओर आने वाले क्रम को 'अवरोह' कहते हैं।
दीपचंदी के एक आवर्तन में कितने खंड होते हैं?
चार खण्ड
दो खण्ड
तीन खण्ड
पाँच खण्ड
0
दीपचंदी ताल में 14 मात्राएँ होती हैं, जो 3, 4, 3, 4 मात्राओं के चार खंडों (विभागों) में बँटी होती हैं।
निम्न में से कौन तत् वाद्य के अन्तर्गत आता है?
तबला
ढोलक
सितार
बाँसुरी
2
तार वाले वाद्यों को तत् वाद्य कहते हैं। सितार एक तत् वाद्य है।
सबसे अधिक मात्राओं वाला ताल कौन-सा है?
एकताल
तीनताल
झपताल
रूपक
1
दिए गए विकल्पों में, एकताल (12), तीनताल (16), झपताल (10) और रूपक (7) हैं। अतः सबसे अधिक मात्राओं वाला ताल तीनताल है।
घूमर नृत्य किस राज्य का लोक नृत्य है?
गुजरात
राजस्थान
बिहार
मध्यप्रदेश
1
घूमर, राजस्थान का एक पारंपरिक और प्रसिद्ध लोक नृत्य है।
तीनताल में खाली किस मात्रा पर होती है?
9 वीं
14 वीं
16 वीं
7 वीं
0
तीनताल में 16 मात्राएँ होती हैं, जिसमें 9वीं मात्रा पर खाली होती है।
सबसे कम मात्राओं वाला ताल कौन-सा है?
तीनताल
रूपक
झपताल
चौताल
1
दिए गए विकल्पों में, तीनताल (16), रूपक (7), झपताल (10) और चौताल (12) हैं। अतः सबसे कम मात्राओं वाला ताल रूपक है।
किस थाट में सभी स्वर शुद्ध लगते हैं?
काफी
बिलावल
कल्याण
काफी
1
बिलावल थाट में सभी सात स्वर (सा, रे, ग, म, प, ध, नि) अपने शुद्ध रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
निम्न में ऋतु गीत कौन-सा है?
कजरी
वर्णम्
सोहर
ठुमरी
0
कजरी, वर्षा ऋतु का एक प्रसिद्ध लोक गीत है जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार में गाया जाता है।
ताल दादरा में कितनी मात्राएँ होती हैं?
4
3
6
8
2
दादरा ताल में 6 मात्राएँ होती हैं, जो 3-3 मात्राओं के दो विभागों में बँटी होती हैं।
एकताल में कितने विभाग होते हैं?
3
4
5
6
3
एकताल में 12 मात्राएँ होती हैं, जो 2-2 मात्राओं के छः विभागों में विभाजित होती हैं।
निम्न में से सबसे प्राचीन गायन शैली कौन-सी है?
जाति-गायन
सग-गायन
ध्रुवपद-गायन
ख्याल-गायन
2
दिए गए विकल्पों में, ध्रुवपद गायन एक गंभीर और प्राचीन शैली है, जो ख्याल से भी पहले प्रचलित थी।
आचार्य भरत द्वारा रचित ग्रंथ कौन-सा है?
नाट्यशास्त्र
राग तरंगिणी
संगीत
वृहद्देशी
0
आचार्य भरत मुनि ने 'नाट्यशास्त्र' नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की, जो भारतीय नाट्यकला और संगीत का आधार माना जाता है।
ताल झपताल के कितने विभाग होते हैं?
3
4
6
5
1
झपताल में 10 मात्राएँ होती हैं, जो 2-3-2-3 के चार विभागों में बँटी होती हैं।
साधारण लय को क्या कहते हैं?
बिलम्बित लय
मध्य लय
द्रुत लय
इनमें से कोई नहीं
1
संगीत में तीन प्रकार की लय होती हैं: विलंबित (धीमी), मध्य (साधारण), और द्रुत (तेज)। साधारण लय को मध्य लय कहते हैं।
ग्राम कितने हैं?
3
4
7
5
0
प्राचीन संगीत शास्त्र के अनुसार तीन ग्राम माने गए हैं: षड्ज ग्राम, मध्यम ग्राम, और गांधार ग्राम।
निम्न में से कौन ग्वालियर संगीत घराने के प्रतिनिधि हैं?
पं० विष्णु दिगम्बर पलुस्कर
अली खाँ
हाजी बिलायत खाँ
अल्लारखा खाँ
0
पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर ग्वालियर घराने के एक महान गायक और संगीतज्ञ थे।
पं० कृष्ण राव शंकर पंडित किस कला विधा के लिए जाने जाते हैं?
वादन
गायन
नृत्य
चित्रांकन
1
पं. कृष्ण राव शंकर पंडित ग्वालियर घराने के एक ख्यातिप्राप्त गायक (ख्याल गायकी) थे।
पं० भजन सपोरी कौन-सा वाद्य बजाते हैं?
सरोद
सितार
संतूर
सारंगी
2
पद्मश्री पं. भजन सोपोरी एक विश्वविख्यात संतूर वादक थे।
निम्नलिखित में से कौन पखावज वादक हैं?
अल्लारखा
पागल दास
किशन महाराज
सामता प्रसाद
1
स्वामी पागलदास (रामशंकर दास) एक सिद्धहस्त पखावज वादक थे। अन्य सभी विकल्प प्रसिद्ध तबला वादकों के हैं।
उस्ताद अली अकबर खाँ का संबंध किस वाद्य से है?
सितार
गिटार
सरोद
सारंगी
2
उस्ताद अली अकबर खाँ मैहर घराने के एक विश्वप्रसिद्ध सरोद वादक थे।
पं० विश्वमोहन भट्ट कौन-सा वाद्य बजाते हैं?
वायलिन
सितार
गिटार
सरोद
2
पं. विश्वमोहन भट्ट 'मोहन वीणा' के आविष्कारक और वादक हैं, जो कि गिटार का एक संशोधित रूप है।
रागों की कितनी जातियाँ होती हैं?
2
4
6
3
3
स्वरों की संख्या के आधार पर रागों की तीन मुख्य जातियाँ होती हैं: औडव (5 स्वर), षाडव (6 स्वर) और सम्पूर्ण (7 स्वर)।
ताल कहरवा में कितनी मात्राएँ होती हैं?
4
3
6
8
3
कहरवा ताल में 8 मात्राएँ होती हैं, जो 4-4 मात्राओं के दो विभागों में बंटी होती हैं।
पं० ओंकार नाथ ठाकुर किस विधा के लिए जाने जाते हैं?
वादन
नृत्य
गायन
चित्रांकन
2
पं. ओंकारनाथ ठाकुर ग्वालियर घराने के एक महान शास्त्रीय गायक (गायन) थे।
सम किसे कहते हैं?
ताल की प्रथम मात्रा को
चौथी मात्रा
खाली मात्रा
दूसरी मात्रा
0
किसी भी ताल की पहली मात्रा को 'सम' कहा जाता है।
ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है?
गाने से
नाचने से
कंपन से
बजाने से
2
ध्वनि वस्तुओं के कंपन से उत्पन्न होती है, जो आसपास के माध्यम (जैसे हवा) में तरंगें भेजती हैं। जब कोई वस्तु कंपन करती है, तो वह अपने आसपास के वायु अणुओं को भी कंपन करने का कारण बनती है, जो एक श्रृंखला प्रतिक्रिया शुरू करते हैं और ये कंपन तरंगें हमारे कानों तक पहुँचती हैं, जिससे हमें ध्वनि सुनाई देती है।
ध्वनि उत्पन्न होने की प्रक्रिया
कंपन: ध्वनि का मूल कारण किसी वस्तु का कंपन करना है। यह कंपन किसी भी प्रकार से हो सकता है, जैसे किसी वस्तु को खरोंचना, उस पर हवा फूँकना या उसे थपथपाना।
माध्यम में तरंगें: जब कोई वस्तु कंपन करती है, तो वह अपने आसपास की हवा के अणुओं को धकेलती है। ये अणु भी अपने पड़ोसियों से टकराते हैं और उनमें कंपन पैदा करते हैं, जिससे एक श्रृंखला प्रतिक्रिया शुरू होती है।
ध्वनि तरंगें: यह निरंतर कंपन एक तरंग के रूप में आगे बढ़ता है, जिसे हम ध्वनि तरंग कहते हैं।
कान तक पहुँचना: ये ध्वनि तरंगें हवा से होते हुए हमारे कानों के परदे तक पहुँचती हैं, जो कंपन को पकड़ते हैं और मस्तिष्क को संकेत भेजते हैं। मानव स्वर: जब हम बोलते या गाते हैं, तो हमारे स्वर रज्जु (vocal cords) में हवा से कंपन होता है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है।
वाद्य यंत्र: किसी वाद्य यंत्र पर तार को छेड़ना या बजाना भी कंपन पैदा करता है, जो ध्वनि उत्पन्न करता है।
मच्छर का भिनभिनाना: मच्छर के पंखों के तेज़ फड़फड़ाने से हवा में कंपन होता है, जिससे हमें उसकी भिनभिनाहट की आवाज़ सुनाई देती है।
रबड़ बैंड: एक खींचे हुए रबड़ बैंड को बीच से खींचकर छोड़ने पर वह कंपन करता है और ध्वनि उत्पन्न करता है।
भारत में संगीत की कितनी पद्धतियाँ होती है?
2
3
4
5
0
भारत में शास्त्रीय संगीत की दो प्रमुख पद्धतियाँ प्रचलित हैं: हिन्दुस्तानी संगीत (उत्तर भारत) और कर्नाटक संगीत (दक्षिण भारत)।
विदुषी गिरिजा देवी किस घराने की गायिका थीं?
किराना
बनारस
दिल्ली
पटियाला
1
'ठुमरी की रानी' के नाम से विख्यात पद्म विभूषण विदुषी गिरिजा देवी बनारस घराने की एक महान गायिका थीं।
किस राग में रे ग ध नि कोमल स्वर का प्रयोग होता है?
भैरव
सोहनी
भैरवी
बिहाग
2
राग भैरवी में सभी चार विकृत स्वर - कोमल ऋषभ (रे), कोमल गांधार (ग), कोमल धैवत (ध) और कोमल निषाद (नि) - का प्रयोग होता है।
अमीर खुसरों का जन्म कहाँ हुआ था?
फरीद कोट
आगरा
दिल्ली
एटा
3
अमीर खुसरो का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले के पटियाली नामक गाँव में हुआ था।
पं० विष्णु नारायण भातखण्डे का जन्म कहाँ हुआ था?
बिहार
बंगाल
उत्तर प्रदेश
महाराष्ट्र
3
संगीतज्ञ पं. विष्णु नारायण भातखंडे का जन्म महाराष्ट्र के बालकेश्वर (मुम्बई) में हुआ था।
डागर बन्धु किस गायन शैली से संबंधित है?
ध्रुवपद
ख्याल
भजन
ठुमरी
0
डागर परिवार या डागर बन्धु ध्रुपद गायकी की 'डागुर बानी' के लिए विश्वविख्यात हैं।
सोनल मानसिंह का संबंध किस नृत्य से है?
भांगड़ा
ओड़िसी
कुचीपुड़ी
मणिपुरी
1
सोनल मानसिंह एक प्रख्यात भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना हैं जो मुख्य रूप से भरतनाट्यम और ओड़िसी नृत्य शैली के लिए जानी जाती हैं।
राग 'हमीर' किस थाट के अन्तर्गत आता है?
कल्याण
बिलावल
खमाज
काफी
0
राग हमीर कल्याण थाट का एक प्रमुख राग है, जिसमें दोनों मध्यम का प्रयोग होता है।
पं० निखिल बनर्जी कौन सा वाद्य बजाते हैं?
सरोद
सितार
बाँसुरी
सारंगी
1
पद्म भूषण पं. निखिल बनर्जी मैहर घराने के एक विश्वप्रसिद्ध सितार वादक थे।
रूपक ताल का खाली किस मात्रा पर है?
चार
एक
पाँच
तीन
1
रूपक ताल की पहली ही मात्रा पर खाली का चिह्न होता है।
निम्न में से किस ताल में आठ मात्राएँ होती हैं?
झपताल
कहरवा
दादरा
रूपक
1
कहरवा ताल में 8 मात्राएँ होती हैं।
पखावज वाद्य कौन सी श्रेणी में आता है?
तत्
अवनद्ध
सुषिर
घन
1
पखावज एक ढोलक जैसा वाद्य है जिस पर चमड़ा मढ़ा होता है, अतः यह अवनद्ध वाद्य की श्रेणी में आता है।
राग भैरव का वादी स्वर क्या है?
ध_
रे_
ग
म
0
राग भैरव का वादी स्वर कोमल धैवत (ध_) है।
राग भीमपलासी किस थाट का राग है?
खमाज
कल्याण
काफी
भैरव
2
राग भीमपलासी काफी थाट से उत्पन्न एक राग है।
संगीत में वर्ण कितने हैं?
4
2
3
16
0
संगीत में 'वर्ण' का अर्थ है स्वरों की क्रिया। यह चार प्रकार के होते हैं: स्थायी, आरोही, अवरोही, और संचारी।
"संगीत रत्नाकर" का प्रथम अध्याय क्या है?
विवेकाध्याय
प्रबंधाध्याय
स्वराध्याय
तालाध्याय
2
संगीत रत्नाकर के सात अध्यायों में से पहला अध्याय 'स्वराध्याय' (या स्वाध्याय) है।
राग तिलक कामोद का वादी स्वर क्या है?
रिषभ
षड्ज
पंचम
गंधार
0
राग तिलक कामोद का वादी स्वर ऋषभ (रे) और संवादी स्वर पंचम (प) है।
राग मालकौंस में वर्जित स्वर क्या है?
ध-रे
रे-प
ग-म
म-प
1
राग मालकौंस औडव जाति का राग है, जिसमें ऋषभ (रे) और पंचम (प) स्वर वर्जित होते हैं।
राग 'तिलंग' किस थाट का राग है?
कल्याण
खमाज
काफी
बिलावल
1
राग तिलंग खमाज थाट से उत्पन्न एक राग है।
ताल की उत्पत्ति कैसे हुई?
ढोलक से
थाप से
तालियों से
मुँह से
2
'ताल' शब्द की उत्पत्ति 'तल' (हथेली) से मानी जाती है, और इसका आदिम रूप हाथ से ताली बजाना है।
ताल धमार में कितने विभाग होते हैं?
दो
तीन
चार
पाँच
2
धमार ताल 14 मात्राओं की होती है, जो 5, 2, 3, 4 मात्राओं के चार विभागों में बंटी होती है।
पं० विष्णु दिगम्बर पलुस्कर किस लिए जाने जाते थे?
गायक
वादक
कवि
इनमें से कोई नहीं
0
पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर एक महान शास्त्रीय गायक होने के साथ-साथ एक महान संगीत प्रचारक और शिक्षक भी थे।
सूलताल में कितनी मात्राएँ होती है?
आठ
दस
बारह
चौदह
1
सूलताल 10 मात्राओं की एक ताल है।
औड़व-षाड़व जाति के राग में कितने स्वर लगते हैं?
6-6
5-6
5-5
6-5
1
औड़व-षाड़व जाति का अर्थ है कि राग के आरोह में औड़व (5 स्वर) और अवरोह में षाड़व (6 स्वर) लगते हैं।
उस्ताद अली अकबर का संबंध किस वाद्य यंत्र से है?
सितार
गिटार
सरोद
सारंगी
2
उस्ताद अली अकबर खाँ मैहर घराने के एक विश्वप्रसिद्ध सरोद वादक थे।
आड़ा चारताल में कितनी मात्राएँ होती हैं?
12
10
16
14
3
आड़ा चारताल 14 मात्राओं की एक ताल है।
राग केदार की जाति क्या है?
औड़व-षाड़व
षाड़व-सम्पूर्ण
औड़व-आड़व
षाड़व-षाड़व
0
राग केदार की जाति औड़व-षाड़व मानी जाती है (आरोह में 5, अवरोह में 6 स्वर)।
राग मालकौंस का वादी स्वर क्या है?
ग
म
ध
सा
1
राग मालकौंस का वादी स्वर मध्यम (म) है।
राग काफी का संवादी स्वर क्या है?
रे
म
ध
सा
0
राग काफी का वादी स्वर पंचम (प) है और कुछ मतों के अनुसार इसका संवादी स्वर ऋषभ (रे) माना जाता है।
राग खमाज की जाति क्या है?
औड़व-सम्पूर्ण
षाड़व-सम्पूर्ण
षाड़व-षाड़व
औड़व-औड़व
1
राग खमाज के आरोह में 6 स्वर (रे वर्जित) और अवरोह में 7 स्वर लगते हैं, अतः इसकी जाति षाड़व-सम्पूर्ण है।
राग देस का संवादी स्वर क्या है?
म
प
नि
रे
1
राग देश का वादी स्वर ऋषभ (रे) और संवादी स्वर पंचम (प) है।
राग कामोद किस जाति का राग है?
औड़व
सम्पूर्ण
षाड़व
इनमें से कोई नहीं
1
राग कामोद सम्पूर्ण-सम्पूर्ण जाति का राग है क्योंकि इसके आरोह और अवरोह दोनों में सात-सात स्वर लगते हैं।
राग 'बागेश्वरी' किस थाट का राग है?
बिलावल
कल्याण
काफी
खमाज
2
राग बागेश्वरी काफी थाट से उत्पन्न एक राग है।
ठुमरी के लिए प्रसिद्ध शहर कौन-सा है?
गुजरात
दिल्ली
बनारस
जयपुर
2
बनारस (वाराणसी) ठुमरी गायकी के लिए विश्व प्रसिद्ध है और इसे 'बनारस घराने' की ठुमरी के नाम से जाना जाता है।
षाड़व जाति के राग में कितने स्वर लगते हैं?
पाँच
छ:
सात
चार
1
जिस राग के आरोह या अवरोह में छः स्वर लगते हैं, उसे षाडव जाति का राग कहते हैं।
स्वरलिपि पद्धति को किसने प्रचलित किया?
पं० भातखण्डे
पं० रातंजनकर
मुनि नारद
मुनि मतंग
0
आधुनिक भारतीय संगीत में रागों को लिपिबद्ध करने के लिए पं. विष्णु नारायण भातखंडे द्वारा बनाई गई स्वरलिपि पद्धति सर्वाधिक प्रचलित है।
राग सूचक स्वर समुदाय को क्या कहते हैं?
वादी
सम्वादी
पकड़
संचारी
2
पकड़, स्वरों का वह छोटा समूह होता है जिससे किसी राग की पहचान तुरंत हो जाती है।
एक सप्तक में कितने शुद्ध स्वर होते हैं?
5
6
7
18
2
एक सप्तक में सात शुद्ध स्वर होते हैं (सा, रे, ग, म, प, ध, नि)।
तानसेन ध्रुवपद की किस वाणी के गायक थे?
डागुर वाणी
नौहार वाणी
गौड़ वाणी
खण्डार वाणी
2
संगीत सम्राट तानसेन को गौड़ (गौहर) वाणी का प्रवर्तक माना जाता है।
राग भूपाली में कौन से दो स्वर नहीं लगते हैं?
रे-प
ग-ध
म-नि
ग-प
2
राग भूपाली औडव जाति का राग है, इसमें मध्यम (म) और निषाद (नि) स्वर वर्जित हैं।
आसावरी थाट के अन्तर्गत कौन सा राग आता है?
जौनपुरी
यमन
अल्हैया बिलावल
देस
0
राग जौनपुरी आसावरी थाट से उत्पन्न एक प्रमुख राग है।
राग में नहीं लगने वाले स्वर को क्या कहते हैं?
वादी
संवादी
वर्जित
विवादी
2
जो स्वर किसी राग विशेष में प्रयोग नहीं किए जाते, उन्हें 'वर्जित' या 'वर्ज्य' स्वर कहते हैं।
चारताल में कितनी तालियाँ होती हैं?
दो
चार
छ:
आठ
1
12 मात्रा की चारताल में चार तालियाँ और दो खाली होती हैं।
उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ कौन-सा वाद्य बजाते थे?
वायलिन
बाँसुरी
सारंगी
शहनाई
3
भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ एक विश्वविख्यात शहनाई वादक थे।
ध्रुवपद में कितनी वाणियाँ हैं?
छ:
चार
पाँच
दो
1
ध्रुपद गायन की चार वाणियाँ (शैलियाँ) प्रचलित हैं: गौहर, खंडार, डागुर और नौहार।
राग मालकौंस की जाति क्या है?
औडव-औडव
सम्पूर्ण-सम्पूर्ण
षाडव-षाडव
इनमें से कोई नहीं
0
राग मालकौंस के आरोह और अवरोह दोनों में पाँच-पाँच स्वर (रे, प वर्जित) लगते हैं, अतः इसकी जाति औडव-औडव है।
झपताल में कितनी तालियाँ होती हैं?
2
3
4
6
1
10 मात्रा की झपताल में तीन तालियाँ (1, 3, 8) और एक खाली (6) होती है।
ताल कहरवा का प्रयोग किस शैली के साथ होता है?
छोटा ख्याल
ध्रुवपद
सुगम संगीत
इनमें से कोई नहीं
2
कहरवा ताल का प्रयोग मुख्य रूप से सुगम संगीत, जैसे- भजन, गीत, गजल और लोक संगीत में होता है।
राग केदार किस थाट के अन्तर्गत आता है?
कल्याण
बिलावल
खमाज
काफी
0
राग केदार कल्याण थाट का एक प्रमुख राग है।
हिन्दुस्तानी संगीत में कितने थाट हैं?
5
7
10
12
2
पं. विष्णु नारायण भातखंडे की पद्धति के अनुसार हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में 10 थाट माने गए हैं।
ख्याल के कितने प्रकार हैं?
2
3
4
5
0
ख्याल गायन के मुख्य दो प्रकार होते हैं: बड़ा ख्याल (विलंबित लय) और छोटा ख्याल (मध्य या द्रुत लय)।
“Equal Temperament” प्रणाली में एक ऑक्टेव को कितने समान भागों में बाँटा जाता है?
8
10
12
16
2
"Equal Temperament" एक ट्यूनिंग प्रणाली है जिसमें एक ऑक्टेव को 12 तार्किक रूप से समान सेमीटोन में विभाजित किया जाता है।
“Sonata-Allegro” रूप (Form) के तीन मुख्य खंड कौन-से हैं?
Prelude, Interlude, Postlude
Exposition, Development, Recapitulation
Theme, Variation, Coda
Tonic, Dominant, Subdominant
1
सोनाटा-एलेग्रो रूप में तीन मुख्य खंड होते हैं: एक्सपोजिशन (जहां थीम प्रस्तुत की जाती है), डेवलपमेंट (जहां थीम का विस्तार होता है), और रीकैपिट्यूलेशन (जहां थीम फिर से प्रस्तुत होती है)।
‘Counterpoint’ शब्द का सही अर्थ क्या है?
स्वर की ऊँचाई मापने की विधि
दो या अधिक स्वतंत्र मेलोडी को एक साथ संयोजित करने की कला
किसी रचना का अंतिम भाग
वाद्य यंत्रों का ट्यूनिंग सिस्टम
1
काउंटरपॉइंट संगीत रचना की एक तकनीक है जिसमें दो या दो से अधिक स्वतंत्र संगीत पंक्तियों (मेलोडी) को एक साथ बुना जाता है।
निम्नलिखित में से कौन “Classical Period” का संगीतकार नहीं है?
Wolfgang Amadeus Mozart
Joseph Haydn
Ludwig van Beethoven
Claude Debussy
3
क्लॉड डेबसी इम्प्रेशनिस्ट काल (Impressionist Period) के संगीतकार थे, जबकि मोजार्ट, हेडन और बीथोवेन क्लासिकल काल के प्रमुख संगीतकार हैं।
कर्नाटक संगीत की 'त्रिमूर्ति' में कौन शामिल नहीं है?
त्यागराज
मुथुस्वामी दीक्षितार
श्यामा शास्त्री
पुरंदर दास
3
त्यागराज, मुथुस्वामी दीक्षितार और श्यामा शास्त्री को कर्नाटक संगीत की त्रिमूर्ति माना जाता है। पुरंदर दास को 'कर्नाटक संगीत का पितामह' कहा जाता है।
नाद के कितने प्रकार हैं?
एक
दो
तीन
चार
1
नाद के दो प्रकार होते हैं: आहत नाद (जो किसी आघात से उत्पन्न हो) और अनाहत नाद (जो बिना आघात के उत्पन्न हो)।
राग काफी का गायन समय क्या है?
प्रातःकाल
सायंकाल
मध्यरात्रि
रात्रि का प्रथम पहर
2
राग काफी का गायन-वादन समय मध्यरात्रि है।
राग 'देश' की जाति क्या है?
औडव-सम्पूर्ण
सम्पूर्ण-सम्पूर्ण
षाडव-षाडव
इनमें से कोई नहीं
0
राग देश के आरोह में 5 स्वर (ग, ध वर्जित) और अवरोह में सभी 7 स्वर लगते हैं, अतः इसकी जाति औडव-सम्पूर्ण है।
चारताल में कितने विभाग हैं?
4
6
3
8
1
12 मात्राओं की चारताल में 2-2 मात्राओं के छः विभाग होते हैं।
पियानो का आविष्कार किसने किया था?
एंटोनियो स्ट्राडिवरी
बार्टोलोमियो क्रिस्टोफ़ोरी
एंड्रिया अमाटी
थियोबाल्ड बोहम
1
पियानो का आविष्कार इटली के बार्टोलोमियो क्रिस्टोफ़ोरी ने लगभग 1700 ईस्वी में किया था।
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/
\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)
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\u0936\u094D\u0930\u0947\u0937\u094D\u0920 (TOP)
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✓ \u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924
\u0917\u094D\u0930\u0947\u0921\u093F\u0902\u0917 \u092E\u093E\u0928\u0926\u0902\u0921
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\u0905\u0938\u092B\u0932 (FAIL)