CLASS 10 SANSKRIT [SIL] PAPER 2024
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- टूर्नामेंट में आपके पास पूर्वनिर्धारित संख्या में प्रयास होंगे।
- उच्चतम स्कोर प्राप्त करने वाले प्रतिभागी विजेता होंगे।
- किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की स्थिति में आपको टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
नियम:
- टूर्नामेंट में कुल 2 प्रश्न होंगे।
- प्रत्येक सही उत्तर के लिए आपको 1 अंक मिलेगा।
- कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
- टूर्नामेंट समाप्त होने के बाद, परिणामों की घोषणा की जाएगी।
- विजेताओं को पुरस्कार वितरण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
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बिहार बोर्ड मैट्रिक (Class 10th) परीक्षा 2024 (Sanskrit - Subject Code 205, Set E) के सभी 100 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों (Objective Questions) के सही उत्तर और व्याख्या नीचे दिए गए हैं।
पहले शिष्य वेदारम्भ कहाँ करते थे ?
गुरुगृह में
पितृगृह में
राजभवन में
विद्यालय में
0
प्राचीन काल में शिष्य गुरु के घर (गुरुकुल) में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे और वहीं वेदारम्भ करते थे।
संस्कार कितने हैं ?
18
16
10
12
1
भारतीय संस्कृति में कुल १६ (षोडश) संस्कार माने गए हैं।
सीमन्तोन्नयन संस्कार का प्रयोजन क्या है ?
गर्भस्थ में संस्कारों का आरोपण
गर्भवती की प्रसन्नता
गर्भरक्षा
गर्भधारण
1
सीमन्तोन्नयन संस्कार जन्म से पूर्व का संस्कार है जिसका मुख्य उद्देश्य गर्भवती स्त्री की मानसिक प्रसन्नता है।
‘वीरेश्वरः कारुणिकः मंत्री आसीत्’ - प्रश्ननिर्माण के लिए रेखांकित पद के स्थान पर कौन-सा पद होगा ?
कः
कीदृशः
कस्य
किम्
1
रेखांकित शब्द 'कारुणिकः' (दयालु) एक विशेषण है। विशेषण का प्रश्न बनाने के लिए 'कीदृशः' (कैसा) का प्रयोग होता है।
‘चन्द्रादित्यस्य राज्ञी .................... एव विजयाङ्का इति मन्यन्ते’ - रिक्त स्थान की पूर्ति उपयुक्त पद से करें।
विजयभट्टारिका
देवकुमारिका
रामभद्राम्बा
गंगादेवी
0
चालुक्य वंश के राजा चन्द्रादित्य की रानी 'विजयभट्टारिका' को ही विजयाङ्का माना जाता है।
‘तूष्णीम्’ पद का अर्थ है
वाचाल
मौन
पुराना
समीप
1
संस्कृत शब्द 'तूष्णीम्' का अर्थ चुप या मौन होता है।
हमारी मातृभूमि कैसी है ?
वत्सला
निर्मला
विशाला
(A), (B) और (C) तीनों
3
'भारत महिमा' पाठ में भारत को वत्सला (ममतामयी), निर्मला (पवित्र) और विशाला (विशाल) बताया गया है।
शैक्षणिक संस्कार कितने हैं ?
पाँच
छह
तीन
चार
0
शिक्षा संबंधी संस्कार 5 हैं: अक्षराम्भ, उपनयन, वेदारम्भ, केशान्त और समावर्तन।
तिरुमलाम्बा रचित ‘चम्पूकाव्य’ है
वरदाम्बिका परिणय
मीरा लहरी
सत्याग्रह गीता
ग्राम ज्योति
0
तिरुमलाम्बा ने 'वरदाम्बिका परिणय' नामक चम्पूकाव्य की रचना की थी।
लौकिक संस्कृत साहित्य की कवयित्रियों में प्रथमकल्पा कौन हैं ?
शीला भट्टारिका
देवकुमारिका
विजयाङ्का
रामभद्राम्बा
2
विजयाङ्का को लौकिक संस्कृत साहित्य की कवयित्रियों में 'प्रथमकल्पा' (सर्वश्रेष्ठ/प्रथम) कहा गया है।
‘मधुर + तल्’ से कौन-सा पद बनेगा ?
मधुरत्वम्
मधुरता
माधुर्य
माधुरी
1
तल् प्रत्यय लगने पर शब्द के अंत में 'ता' जुड़ जाता है और भाववाचक संज्ञा बनती है। मधुर + तल् = मधुरता।
निरुक्त का कार्य है
शब्दार्थबोध
वेदार्थबोध
पदबोध
समासबोध
1
वेदांगों में निरुक्त का कार्य 'वेदार्थबोध' (वेदों के अर्थ की व्याख्या) है।
‘ङीप्’ प्रत्यय किस पद में है ?
कुमारी
युवतिः
गौरी
अजा
0
'वयसि प्रथमे' सूत्र से 'कुमार' शब्द में ङीप् प्रत्यय लगकर 'कुमारी' बनता है। (गौरी में ङीष्, अजा में टाप् है)।
‘चपल + तरप्’ से कौन-सा पद बनेगा ?
चपलत्वम्
चपलतरः
चपलता
चपलताम्
1
तरप् प्रत्यय श्रेष्ठता दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है और इसमें 'तर' जुड़ता है। अतः चपलतरः।
‘आर्यभट्टीयम्’ किसकी रचना है ?
चरक
आर्यभट्ट
वराहमिहिर
सुश्रुत
1
प्रसिद्ध खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने 'आर्यभट्टीयम्' ग्रंथ की रचना की।
‘उपगम्य’ में कौन-सा प्रत्यय है ?
शत्
क्त
क्त्वा
ल्यप्
3
जब धातु के पूर्व उपसर्ग हो (यहाँ 'उप'), तो 'क्त्वा' के स्थान पर 'ल्यप्' प्रत्यय लगता है।
‘आसीत्’ किस लकार का रूप है ?
लट्
लोट्
लृट्
लङ्
3
'आसीत्' अस् धातु का लङ् लकार (भूतकाल), प्रथम पुरुष, एकवचन रूप है।
‘छात्र’ शब्द के समान किस शब्द का रूप चलेगा ?
जल
फल
गज
पुस्तक
2
'छात्र' और 'गज' दोनों अकारान्त पुल्लिंग शब्द हैं, इसलिए इनके रूप समान चलेंगे।
‘संसारः’ में कौन-सा उपसर्ग है ?
सारः
रः
सम्
सन्
2
संसारः = सम् + सारः। यहाँ 'सम्' उपसर्ग है।
‘अयं जटाभिः तापसः ज्ञायते’ - यहाँ ‘जटाभिः’ में तृतीया विभक्ति किस सूत्र से हुई है ?
इत्थंभूतलक्षणे
हेतौ तृतीया
सहयुक्तेऽप्रधाने
येनांगविकारः
0
'इत्थंभूतलक्षणे' सूत्र के अनुसार जिस लक्षण या चिह्न से किसी की पहचान हो, उसमें तृतीया विभक्ति होती है। यहाँ जटाओं से तपस्वी होने की पहचान हो रही है।
‘प्रोक्त’ पद का अर्थ है
कही गयी
लिखी गयी
पढ़ी गयी
चली गयी
0
प्रोक्त = प्र + उक्त (कहा गया)। अतः इसका अर्थ 'कही गयी' है।
‘मति’ शब्द का तृतीया विभक्ति, एकवचन में क्या रूप होगा ?
मत्या
मत्याम्
मतिभिः
मतिम्
0
मति (इकारान्त स्त्रीलिंग) का तृतीया एकवचन रूप 'मत्या' होता है।
‘काव्यमीमांसा’ नामक ग्रंथ के रचनाकार हैं
राजशेखर
पाणिनि
कालिदास
भारवि
0
राजशेखर ने 'काव्यमीमांसा' की रचना की थी, जिसमें पाटलिपुत्र के वैभव का उल्लेख है।
‘पटना’ किस शब्द से निर्मित है ?
पत्तन्
पाटलः
पाटलिपुत्रम्
पाटलिः
0
'पटना' शब्द 'पत्तन्' (बंदरगाह/नगर) शब्द से बना माना जाता है।
पटना नगर की पालिका है
काली देवी
दुर्गा देवी
पटन देवी
माँ भैरवी
2
पटना की रक्षक देवी 'पटन देवी' हैं।
‘गच्छेयुः’ पद में कौन-सी धातु है ?
गच्छ
गै
गम्
गम
2
'गच्छेयुः' में मूल धातु 'गम्' (जाना) है। (गम् का गच्छ आदेश होता है)।
‘पा + तुमुन्’ से कौन-सा अव्यय बना है ?
पीतः
पीत्वा
पातुम्
प्रातुम्
2
पा धातु में तुमुन् प्रत्यय लगने पर 'पातुम्' (पीने के लिए) बनता है।
‘.......... परीक्षायाम् अहं प्रथमं स्थानं प्राप्तवान्’ - रिक्त स्थान की पूर्ति उचित विकल्प से करें।
वार्षिकी
वार्षिकः
वार्षिक्याम्
वार्षिकम्
2
यहाँ 'परीक्षायाम्' (सप्तमी, स्त्रीलिंग) विशेष्य है, इसलिए विशेषण भी सप्तमी स्त्रीलिंग 'वार्षिक्याम्' होगा।
‘अजा’ में कौन-सा स्त्री प्रत्यय है ?
डाप्
चाप्
टाप्
ङीप्
2
'अजाद्यतष्टाप्' सूत्र से अज आदि शब्दों में टाप् प्रत्यय लगता है।
‘स्मरति’ पद में कौन-सी धातु है ?
स्मृ
स्मर्
स्म
अस्
0
'स्मरति' (याद करता है) में 'स्मृ' मूल धातु है।
‘संबोधने च’ सूत्र से प्रथमा विभक्ति किस वाक्य में है ?
अहं तण्डुलान् ओदनं पचामि
विप्रेण वेदः पठ्यते
सा माम् आकारयति
हे मोहन ! पुस्तकं पठ
3
'हे मोहन !' संबोधन है, और 'संबोधने च' सूत्र से संबोधन में प्रथमा विभक्ति होती है।
‘जयन्तु’ किस धातु का रूप है ?
जि
जी
जय
जे
0
'जयन्तु' 'जि' (जीतना) धातु का रूप है।
‘राजन्’ शब्द के षष्ठी विभक्ति, बहुवचन का रूप कौन है ?
राज्ञः
राज्ञाम्
राजानाम्
राज्ञा
1
राजन् का षष्ठी बहुवचन 'राज्ञाम्' होता है।
‘त्वयि’ पद का मूलरूप क्या है ?
अस्मद्
इदम्
युष्मद्
अहम्
2
'त्वयि' 'युष्मद्' सर्वनाम का सप्तमी एकवचन रूप है।
‘प्रत्यहम्’ में कौन-सा उपसर्ग है ?
प्रत्य
प्र
प्रति
परा
2
प्रत्यहम् = प्रति + अहम्। यहाँ 'प्रति' उपसर्ग है।
‘आलस्यम्’ में कौन-सा प्रत्यय है ?
मयट्
ष्यञ्
तरप्
मतुप्
1
'अलस' शब्द से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए 'ष्यञ्' प्रत्यय लगता है (अलस + ष्यञ् = आलस्यम्)।
‘............ जनाः नम्राः भवन्ति’ - रिक्त स्थान की पूर्ति उचित विकल्प से करें।
बुद्धिमान्
बुद्धिमता
बुद्धिमन्तः
बुद्धिमत्
2
कर्ता 'जनाः' बहुवचन है, इसलिए विशेषण भी बहुवचन 'बुद्धिमन्तः' होगा।
‘............ बालिका मार्गे पतति’ - रिक्त स्थान की पूर्ति सही विकल्प से करें।
धावत्
धावन्ती
धावन्
धावता
1
'बालिका' स्त्रीलिंग है, इसलिए स्त्रीलिंग कृदंत 'धावन्ती' (दौड़ती हुई) का प्रयोग होगा।
‘नम् + क्त’ से कौन-सा पद बनेगा ?
नमितम्
नक्तम्
नतम्
नतवान्
2
नम् धातु में क्त प्रत्यय लगने पर 'नतम्' बनता है।
‘गै’ धातु के लृट् लकार, उत्तम पुरुष, एकवचन का रूप निम्न में कौन-सा है ?
गास्यामि
गायामि
गायानि
गायतु
0
गै धातु का लृट् लकार (भविष्यत् काल) उत्तम पुरुष एकवचन रूप 'गास्यामि' है।
‘अस्मद्’ शब्द का रूप पंचमी विभक्ति, बहुवचन में क्या होगा ?
मम
मत्
अस्मत्
माम्
2
अस्मद् का पंचमी बहुवचन 'अस्मत्' होता है।
‘संशितव्रताः मुनयः .................... उपतिष्ठन्ते’ - रिक्त स्थान की पूर्ति उचित पद से करें।
रामम्
आदित्यम्
कृष्णम्
वासुदेवम्
1
'मन्दाकिनी वर्णनम्' पाठ के अनुसार मुनिगण सूर्य (आदित्यम्) की उपासना करते हैं।
‘मंदाकिनी-वर्णनम्’ पाठ कहाँ से संकलित है ?
रामायण से
पुराण से
पंचतंत्र से
उपनिषद् से
0
यह पाठ वाल्मीकि रामायण के अयोध्या काण्ड से लिया गया है।
‘हे कल्याणि ! संबोधन किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
सीता
लक्ष्मण
राम
द्रौपदी
0
राम ने मंदाकिनी नदी दिखाते समय सीता को 'कल्याणि' कहकर संबोधित किया है।
स्वामी दयानन्द के बचपन का नाम क्या था ?
नरेन्द्र दत्त
मूलशंकर
धर्मानन्द
मूलविष्णु
1
स्वामी दयानन्द का बचपन का नाम 'मूलशंकर' था।
तत्र विधवाांनां स्थितिः गर्हिता अस्ति । - प्रश्ननिर्माण के लिए रेखांकित पद के स्थान पर क्या होगा ?
का
कति
कीदृशी
किम्
2
रेखांकित शब्द 'गर्हिता' विशेषण है जिसका अर्थ 'निंदनीय' है। इसका प्रश्न 'कीदृशी' (कैसी) होगा।
स्वामी दयानन्द का जन्म कब हुआ था ?
1875 ईस्वी
1824 ईस्वी
1883 ईस्वी
1858 ईस्वी
1
स्वामी दयानन्द का जन्म 1824 ईस्वी में हुआ था।
आर्यसमाज की स्थापना किसने की ?
विवेकानन्द
स्वामी दयानन्द
स्वामी विरजानन्द
रामकृष्ण परमहंस
1
स्वामी दयानन्द सरस्वती ने 1875 में आर्यसमाज की स्थापना की।
‘शिक्षाकर्म .................... परमा गतिः’ - रिक्त स्थान को उचित पद से भरें।
जीवनम्
जीवनेन
जीवनस्य
जीवनात्
2
सही वाक्य 'शिक्षाकर्म जीवनस्य परमा गतिः' है।
‘उपैति’ पद का अर्थ होता है
प्राप्त करता है
जाता है
पढ़ता है
घूमता है
0
कर्मवीर कथा में 'उपैति' का अर्थ 'पद प्राप्त करता है' है।
‘परस्य उपकारः’ का समस्त पद क्या होगा ?
परूपकारः
परोपकारः
परापकारः
प्रत्युपकारः
1
परस्य उपकारः = परोपकारः (षष्ठी तत्पुरुष)।
‘ऋन्नेभ्यो ङीप्’ सूत्र से ङीप् प्रत्यय किस पद में हुआ है ?
दात्री
कुमारी
किशोरी
रजकी
0
ऋकारान्त शब्दों में ङीप् प्रत्यय होता है। दातृ + ङीप् = दात्री।
‘इन्द्र’ का स्त्रीलिंग रूप क्या होगा ?
इन्द्रा
इन्द्रानि
इन्द्राणी
इन्द्राणि
2
इन्द्र शब्द का स्त्रीलिंग रूप 'इन्द्राणी' होता है।
‘व्याघ्र-पथिक कथा’ में ‘अहह, महापंके पतितोऽसि । अतस्त्वामहमुत्थापयामि’ किसका कथन है ?
धार्मिक
पथिक
बाघ
लेखक
2
यह कथन बूढ़े बाघ का है, जो कीचड़ में फँसे पथिक को निकालने का नाटक करता है।
‘हितोपदेश’ कैसा ग्रंथ है ?
धार्मिक कथा
बाल कथा
वैज्ञानिक कथा
व्यंग्य कथा
1
हितोपदेश बच्चों को नीति की शिक्षा देने के लिए लिखा गया ग्रंथ (बाल-कथा) है।
‘दारा’ पद का अर्थ है
माता
पत्नी
चाची
मौसी
1
'दारा' शब्द का अर्थ 'पत्नी' होता है।
‘महत्त्वम्’ में कौन-सा तद्धित प्रत्यय है ?
तल्
त्व
मतुप्
तसिल्
1
महत् + त्व = महत्त्वम्।
ज्ञानं भारः क्रियां विना - इस वाक्य को प्रश्न बनाने के लिए रेखांकित पद के स्थान में क्या होगा ?
कम्
कस्मिन्
कस्य
किम्
3
'ज्ञानम्' नपुंसकलिंग है, अतः प्रश्नवाचक शब्द 'किम्' होगा।
‘प्रत्यागतः’ पद में कौन-सा उपसर्ग है ?
प्रति
प्र
परा
परि
0
प्रत्यागतः = प्रति + आगतः।
‘उ + अ’ के मेल से कौन-सा नया वर्ण बनेगा ?
य
व
उव
अव
1
यण् संधि के अनुसार 'उ' के बाद भिन्न स्वर आने पर 'व्' (व) बनता है।
‘मातेव’ में किन-किन वर्णों की संधि हुई है ?
अ + ई
आ + इ
आ + ए
अ + इ
1
मातेव = माता + इव। यहाँ 'आ' + 'इ' = 'ए' (गुण संधि) हुआ है।
‘विसर्ग संधि’ का उदाहरण निम्न में कौन-सा है ?
इतस्ततः
परोपकारः
एकैकः
जगदीशः
0
इतस्ततः = इतः + ततः। यह विसर्ग संधि का उदाहरण है।
‘शिवोपासकः’ किस समास का उदाहरण है ?
द्वन्द
कर्मधारय
द्विगु
तत्पुरुष
3
शिवोपासकः = शिवस्य उपासकः (शिव का उपासक)। यह तत्पुरुष समास है।
‘योगदर्शन’ के प्रवर्तक कौन हैं ?
कणाद
बादरायण
जैमिनि
पतंजलि
3
योगदर्शन के प्रवर्तक महर्षि पतंजलि हैं।
अशान्ति के निवारण का उपाय किस पाठ में वर्णित है ?
विश्वशान्तिः
मंगलम्
शास्त्रकाराः
नीतिश्लोकाः
0
अशांति के निवारण के उपाय 'विश्वशान्तिः' पाठ में वर्णित हैं।
.................... एव असहिष्णुता जनयति - रिक्त स्थान की पूर्ति सही विकल्प से करें।
असहिष्णुता
संसारः
द्वेषः
सम्पत्तिः
2
द्वेषः एव असहिष्णुतां जनयति (द्वेष ही असहिष्णुता को जन्म देता है)।
‘विरलाः’ पद का अर्थ है
बहुत कम
ज्यादा
आसानी से
समीप
0
'विरलाः' का अर्थ 'दुर्लभ' या 'बहुत कम' होता है।
किससे शांति होती है ?
अपकार
परोपकार
द्वेष
क्रोध
1
परोपकार से शांति (परोपकारः शान्तये) होती है।
‘वसुधा + एव’ की सन्धि क्या होगी ?
वसुधेव
वसुधैव
वासुदेव
वसुधैव
3
वसुधा + एव = वसुधैव (वृद्धि संधि)।
रूपं .................... रक्ष्यते - रिक्त स्थान की पूर्ति सही विकल्प से करें।
सत्येन
योगेन
मृजया
वृत्तेन
2
श्लोक के अनुसार, मृजया रक्ष्यते रूपम् (स्वच्छता/उबटन से रूप की रक्षा होती है)।
ऋग्वेद में कितनी मंत्र-दर्शनवती ऋषिकाओं का उल्लेख है ?
बीस
चौबीस
पाँच
चालीस
1
ऋग्वेद में 24 (चतुर्विंशतिः) ऋषिकाओं का उल्लेख मिलता है।
‘विग्रहोऽयम्’ किस संधि का उदाहरण है ?
स्वर
विसर्ग
व्यंजन
अयादि
1
विग्रहः + अयम् = विग्रहोऽयम्। यह विसर्ग संधि का उदाहरण है।
‘असंभवम्’ में कौन-सा समास है ?
कर्मधारय
नञ्
द्विगु
तत्पुरुष
1
न संभवम् इति असंभवम्। इसमें नञ् तत्पुरुष समास है।
‘भाग्येनैतत्सम्भवति’ - ऐसा किसके द्वारा विचार किया गया ?
पथिक
धार्मिक
बाघ
वृद्ध
0
सोने का कंगन देखकर पथिक ने सोचा कि यह भाग्य से ही मिलता है (भाग्येन एतत् संभवति)।
‘नीतिश्लोकाः’ पाठ महाभारत के किस पर्व से संकलित है ?
भीष्म पर्व
उद्योग पर्व
वन पर्व
आदि पर्व
1
नीतिश्लोकाः (विदुरनीति) महाभारत के उद्योग पर्व से संकलित है।
अलसशाला में कितने लोग सोये हुए थे ?
चार
तीन
पाँच
सात
0
आग लगने पर भी चार धूर्त (असली) आलसी वहीं सोए रह गए थे।
‘ईषत्’ का अर्थ है
ज्यादा
थोड़ा
समीप
दूर
1
'ईषत्' का अर्थ 'थोड़ा' या 'कम' होता है।
‘बालकः सिंहात् बिभेति’ - किस सूत्र का उदाहरण है ?
अपादाने पंचमी
वारणार्थनामीप्सितः
भीत्रार्थानां भयहेतुः
आख्यातोपयोगे
2
भय के अर्थ वाली धातुओं के योग में जिससे भय हो, उसमें पंचमी विभक्ति होती है (भीत्रार्थानां भयहेतुः)।
सतत प्रियवादी लोग होते हैं
दुर्लभ
अलभ्य
सुलभ
अत्यलभ्य
2
विदुरनीति के अनुसार, सदा प्रिय बोलने वाले लोग आसानी से मिल जाते हैं (सुलभ हैं)।
भारतीय जीवनदर्शन का महत्त्वपूर्ण उपादान क्या है ?
जातिप्रथा
धर्म
संस्कार
वर्णव्यवस्था
2
संस्कार भारतीय जीवनदर्शन का एक महत्त्वपूर्ण और अभिन्न अंग है।
किस पद में व्यंजन संधि है ?
रमेशः
पाचकः
अतीव
संयमः
3
संयमः = सम् + यमः। यहाँ 'म्' का अनुस्वार होना व्यंजन संधि है।
किस समास का पहला पद संख्यावाची होता है ?
द्विगु
द्वन्द
अव्ययीभाव
नञ् तत्पुरुष
0
द्विगु समास का पूर्व पद संख्यावाचक होता है।
‘यथेच्छम्’ का विग्रह क्या होगा ?
इच्छम् अनतिक्रम्य
इच्छाम् अनतिक्रम्य
इच्छाम् समीपम्
इच्छम् अति
1
यथेच्छम् = इच्छाम् अनतिक्रम्य (इच्छा के अनुसार)। यह अव्ययीभाव समास है।
‘सार्धम्’ अव्यय के योग में कौन-सी विभक्ति होती है ?
चतुर्थी
पञ्चमी
तृतीया
द्वितीया
2
'सार्धम्' (साथ) के योग में तृतीया विभक्ति होती है (सहयुक्तेऽप्रधाने)।
‘वने वसति सिंहः’ इस वाक्य में सप्तमी विभक्ति किस सूत्र से हुई है ?
सप्तम्यधिकरणे
यस्य च भावेन भाव लक्षणम्
अभिनिविशश्च
यतश्च निर्धारणम्
0
यहाँ 'वन' आधार (अधिकरण) है, अतः 'सप्तम्यधिकरणे च' सूत्र से सप्तमी विभक्ति हुई है।
‘कर्मकारक’ में कौन-सी विभक्ति होती है ?
सप्तमी
द्वितीया
तृतीया
चतुर्थी
1
कर्मकारक में द्वितीया विभक्ति (कर्मणि द्वितीया) होती है।
भास रचित नाटकों की संख्या है
10
13
9
12
1
महाकवि भास के 13 नाटक प्राप्त हुए हैं।
‘वाजिन्’ शब्द का अर्थ है
घोड़ा
हाथी
गाय
राक्षस
0
'वाजिन्' शब्द का अर्थ घोड़ा (अश्व) होता है।
‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ में ‘अविहा अविहा’ किसकी उक्ति है ?
शक्र की
कर्ण की
शल्य की
अर्जुन की
0
जब कर्ण अपना सिर देने की बात करता है, तो शक्र (इन्द्र) 'अविहा ! अविहा !' (नहीं ! नहीं !) कहते हैं।
‘सुबद्धमूलाः पादपाः निपतन्ति ।’ - रेखांकित पद का प्रश्ननिर्माण निम्न में कौन-सा है ?
काः
कानि
के
कति
2
'पादपाः' पुल्लिंग बहुवचन है, अतः प्रश्नवाचक 'के' होगा।
राम प्रवेश के गाँव का नाम क्या था ?
भीखन टोला
हरिपुर
गोसाई टोला
नया टोला
0
राम प्रवेश राम के गाँव का नाम 'भीखन टोला' था।
प्रशासन ने भीखन टोला से एक कोस की दूरी पर क्या स्थापित किया ?
मध्य विद्यालय
अस्पताल
प्राथमिक विद्यालय
महाविद्यालय
2
प्रशासन ने भीखन टोला से एक कोस की दूरी पर प्राथमिक विद्यालय स्थापित किया था।
‘तथायुक्तं चानीप्सितम्’ सूत्र का उदाहरण है
तडागं समया वाटिका अस्ति
सः ग्रामं गच्छन् तृणं स्पृशति
सः मासं व्याकरणम् अधीते
मुनयः ग्रामम् अधिवसन्ति
1
यह सूत्र अनचाहे कर्म (अनीप्सित) में द्वितीया विभक्ति करता है। 'गाँव जाते हुए तिनके को छूता है' में तिनका अनीप्सित कर्म है।
‘कर्मणि वीरः’ का समस्त पद क्या होगा ?
कर्मवीरस्य
कर्मकुशलः
कर्मवीरः
कर्मेबीरः
2
कर्मणि वीरः = कर्मवीरः (सप्तमी तत्पुरुष समास)।
‘लम्बोदरः’ किस समास का उदाहरण है ?
तत्पुरुष
कर्मधारय
अव्ययीभाव
बहुव्रीहि
3
लम्बम् उदरं यस्य सः (लम्बोदरः) - यह गणेश का विशेषण है, अतः बहुव्रीहि समास है।
किस समास में पूर्व पद की प्रधानता रहती है ?
अव्ययीभाव
द्वन्द
तत्पुरुष
बहुव्रीहि
0
अव्ययीभाव समास में पूर्व पद प्रधान होता है।
‘नौ + इकः’ की सन्धि क्या होगी ?
नायकः
नाविकः
नाविका
नावकः
1
अयादि संधि के अनुसार 'औ' का 'आव्' हो जाता है। नौ + इकः = नाविकः।
‘देवर्षिः’ में कौन-सी संधि है ?
स्वर
व्यंजन
विसर्ग
जशत्व
0
देव + ऋषिः = देवर्षिः। यह गुण स्वर संधि है।
‘पराक्रमः .................... हन्ति’ - रिक्त स्थान की पूर्ति उचित पद से करें।
अकीर्तिम्
क्रोधम्
अनर्थम्
अलक्षणम्
2
नीतिश्लोकाः के अनुसार 'हन्त्यनर्थं पराक्रमः' (पराक्रम अनर्थ का नाश करता है)।
‘.................... परमा तृप्तिः’ - रिक्त स्थान की पूर्ति उचित पद से करें।
धर्मः
अहिंसा
क्षमा
विद्या
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'विद्या एका परमा तृप्तिः' (विद्या ही परम तृप्ति है)।
\u0935\u093E\u0939! \u0906\u092A\u0928\u0947 \u0915\u092E\u093E\u0932 \u0915\u0930 \u0926\u093F\u092F\u093E!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u092C\u0922\u093C\u093F\u092F\u093E! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u092E\u0947\u0939\u0928\u0924 \u0906\u092A\u0915\u094B \u0938\u0930\u094D\u0935\u0936\u094D\u0920 \u092C\u0928\u093E \u0938\u0915\u0924\u093E \u0939\u0948!
\u092C\u0939\u0941\u0924 \u0916\u093C\u0930\u093E\u092C \u092A\u0930\u092B\u0949\u0930\u092E\u0947\u0902\u0938! \u0925\u094B\u0921\u093C\u093E \u0914\u0930 \u091F\u094D\u0930\u093E\u0908 \u0915\u0930\u094B!
\u0915\u094B\u0908 \u092C\u093E\u0924 \u0928\u0939\u0940\u0902! \u0926\u094B\u092C\u093E\u0930\u093E \u0915\u094B\u0936\u093F\u0936 \u0915\u0930\u094B \uD83D\uDE0A
\u0938\u093E\u092E\u093E\u0928\u094D\u092F \u091C\u094D\u091E\u093E\u0928 \u0914\u0930 \u0917\u0923\u093F\u0924 \u0915\u094D\u0935\u093F\u091C\u093C
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✓ \u0938\u0924\u094D\u092F\u093E\u092A\u093F\u0924
\u0917\u094D\u0930\u0947\u0921\u093F\u0902\u0917 \u092E\u093E\u0928\u0926\u0902\u0921
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